4000 हजार करोड़ का यूटिलिटी सर्टिफिकेट नहीं, रूक गया बिहार के 13 यूनिवर्सिटी में वेतन और पेंशन

पटना। बिहार के 13 यूनिवर्सिटी प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा शिक्षक, कर्माचारी और पेंशनधारियों को भुगतना पड़ रहा है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि 13 यूनिवर्सिटी ने अबतक लगभग 4000 करोड़ रुपए का यूटिलिटी सर्टिफिकेट नहीं दिया है। बिहार सरकार की ओर से वेतन और पेंशन मद में 182 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जा चुकी है। यह राशि मार्च, अप्रैल और मई के लिए है, लेकिन गाइडलाइन के अनुसार 18 माह पहले तक निर्गत राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र मिलने पर ही ट्रेजरी से राशि विमुक्त होगी। इस कारण वेतन और पेंशन रूका हुआ है। यह भी पढ़ें
बताते चलें कि सभी विश्वविद्यालयों को वित्तीय वर्ष 2019-20 में शिक्षकों के वेतन और पेंशन भुगतान के लिए 12 हजार करोड़ रुपये दिया गया था, लेकिन विभागीय स्तर पर बार-बार आदेश जारी करने पर भी उक्त राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं प्राप्त हुआ। तब शिक्षा विभाग की ओर से उपयोगिता प्रमाणपत्र हासिल करने हेतु अभियान चलाया गया। इससे संबंधित विश्वविद्यालयों से अब तक 8 हजार करोड़ का उपयोगिता प्रमाणपत्र मिला है। शेष 4 हजार करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिला है।
इन यूनिवर्सिटी ने नहीं दिया है यूटिलिटी सर्टिफिकेट
पटना विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय और मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय ने अब तक यूटिलिटी सर्टिफिकेट नहीं दिया है।

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