जेल में बंद कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन बरी
रांची : जेल में बंद कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गुजरे साल 2008 में रांची से सटे तमाड़ में 5 करोड़ 17 लाख कैश और डेढ़ किलो सोना लूट कांड में कुंदन पाहन को बरी कर दिया गया है। उसे साक्ष्य और सबूतों के अभाव के चलते अपर न्यायायुक्त आनंद प्रकाश की कोर्ट ने बुधवार को बरी कर दिया। बता दें कि सुनवाई के दरम्यान मामले में अभियोजन पक्ष ने छह गवाहों की गवाही दर्ज कराई थी, लेकिन संदेही गुहगारों पर लगे इल्जाम को साबित नहीं कर पायी। सभी गवाहों ने कुख्यात कुंदन पाहन को पहचाने से इनकार कर दिया।यहां याद दिला दें कि साल 2008 के 21 मई को राजधानी रांची से सटे तमाड़ इलाके में ICICI बैंक के कैश वैन को लूट लिया गया था। कैश वैन में 5 करोड़ 17 लाख कैश और डेढ़ किलो सोना था। इस लूटकांड में कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन का नाम जमकर उछला था। बता दें कि जेल में बंद कुंदन पाहन पर कई संगीन इल्जाम हैं। इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार का गला काटकर सड़क पर रखने का आरोप भी कुंदन पाहन पर ही। इसके अलावा पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा का मर्डर, सांसद सुनील महतो की हत्या, DSP प्रमोद कुमार सिंह सहित 6 पुलिस कर्मियों की हत्या और एनकाउंटर में 35 पुललिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने के बाद उनके हथियार लूटना का इल्जाम कुख्यात कुंदन पाहन पर है।
कुंदन भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर रहा है। उस पर क्रूरतम नक्सली हिंसा के कई मामले दर्ज हैं। कुंदन एक दुर्दान्त हत्यारा माना जाता है। किसी को बेरहमी से मारने में उसे बहुत मजा आता था। उसकी मात्र एक अस्पष्ट फोटो पुलिस के पास थी। कुंदन पर बुंडू विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या, बुंडू डीएसपी प्रमोद कुमार समेत 6 पुलिसकर्मियों की हत्या, आईसीआईसीआई बैंक के 5.5 करोड़ रुपए और एक किलो सोने की लूट, सांसद सुनील महतो की हत्या, पुलिस इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार की हत्या समेत कई मामलों में मुख्य रूप से शामिल होने के आरोप हैं।कुंदन पाहन बुंडू थाना क्षेत्र के बाराहातू गांव का रहनेवाला है। रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने कुंदन के आत्मसमर्पण में भूमिका निभाया है। कुंदन पाहन के खिलाफ 100 से अधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। वह रांची और खूंटी जिले में लंबे समय से आतंक का पर्याय था। वह 15 साल तक संगठन से जुड़ा रहा। गांव में गोतिया से जमीन विवाद के बाद वह नक्सली बना। कुंदन के एक भाई ने जनवरी में सरेंडर कर दिया था, जबकि दूसरे को फरवरी में हरियाणा के यमुनानगर से गिरफ्तार किया गया था। झारखंड में हाल ही में 25 लाख के इनामी नक्सली नकुल यादव ने सरेंडर किया था।कुंदन पाहन पर आरोप आरोप है कि झारखंड पुलिस की विशेष शाखा के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार का अपहरण करने के बाद गला काट कर हत्या कर दी थी। इंस्पेक्टर का कटा सिर तैमारा घाटी में रांची-टाटा सड़क के बीच में रखा मिला था। उसने बुंडू के डीएसपी प्रमोद कुमार की भी हत्या कर दी थी। मंत्री रमेश सिंह मुंडा को गोलियों से भून दिया था। रांची टाटा रोड पर ही तमाड़ इलाके में निजी बैंक के पांच करोड़ रुपए और डेढ़ किलो सोना लूट लिया था।
नक्सली कुंदन पाहन रांची पुलिस के लिए डेढ़ दशक से चुनौती बना था। वह जब से संगठन से जुड़ा था, उसके बाद से खूंटी और रांची में भाकपा माओवादी को मजबूती प्रदान की। उसने अपने बलबूते पर कैडरों की एक बड़ी फौज खड़ी कर दी थी। इसमें अधिकतर आदिवासी युवक शामिल थे। ये युवक उसके कहने पर कुछ भी करने को तैयार रहते थे।
अड़की बाजार में एक बार गश्ती कर रहे पुलिस पर हमला कर दिया था। पुलिस के सारे हथियार लूट लिए थे। खूंटी के रनिया क्षेत्र में भी विस्फोट कर पुलिसकर्मियों को उड़ा दिया था और उनके हथियार लूट लिए थे। 2002 में रांची पतरातू घाटी में हमला बोलकर पुलिसकर्मियों से हथियार लूट लिया था।

