बच्चों व युवाओं को तम्बाकू सहित सभी नशे की लत से बचाने की आवश्यकता:डीएम
पटना।सोमवार को डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में ‘‘जिला तम्बाकू नियंत्रण समन्वय समिति’’ की समीक्षात्मक बैठक हुई। उन्होंने कहा कि बच्चों व युवाओं को तम्बाकू सहित सभी तरह के नशे की लत से बचाने की आवश्यकता है। ज़िलाधिकारी ने अधिकारियों को तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने व तम्बाकू-मुक्ति अभियान 2.0 को सघनतापूर्वक संचालित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सम्पूर्ण बिहार में मद्यनिषेध क़ानून लागू किया गया है। इसके साथ ही नशा मुक्ति अभियान भी चलाया जा रहा है। सभी स्टेकहोल्डर्स इसके प्रति सजग एवं तत्पर रहें।
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग व सीड्स के तत्वाधान में आयोजित इस बैठक का आरंभ गैर-संचारी रोग पदाधिकारी-सह-जिला नोडल पदाधिकारी द्वारा प्रतिभागियों के स्वागत से किया गया। तत्पश्चात सीड्स के कार्यपालक निदेशक ने तम्बाकू-जनित रोगों से होने वाले गम्भीर बीमारियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि भारत में इससे प्रतिवर्ष लगभग 13.5 लाख लोगों की मौत हो रही है। युवाओं व स्कूल जाने वाले बच्चों को जागरूक कर तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों से बचाया जा सकता है। भारत सरकार ने सूबे में तम्बाकू-मुक्त युवा अभियान 2.0 की शुरूआत की है। जो 24 सितम्बर, 2024 से आरंभ होकर 23 नवम्बर, 2024 तक चलेगा। अभियान में पाँच प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। इसमें तम्बाकू के खतरों के बारे में सार्वजनिक रूप से जागरूकता बढाना, सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू से मुक्त रखने हेतु दिशा-निर्देशों का अनुपालन, तम्बाकू की पहुँच से दूर रखना तथा अधिनियमों को कड़ाई से शत-प्रतिशत लागू करना शामिल है।
जिलाधिकारी ने कहा कि तंबाकू का सबसे अधिक दुष्प्रभाव स्कूली बच्चों एवं युवाओं पर पड़ रहा है। बच्चों और अवयस्कों को तम्बाकू सेवन की लत से बचाने के लिए सभी संबंधित विभागों की सहभागिता आवश्यक है। ताकि हम अपने आनेवाली युवा पीढ़ी को इसकी भयावहता से बचा सकें। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस बच्चों और युवावर्ग होना चाहिए ताकि वे विभिन्न स्रोतों के बहकावे में आकर तम्बाकू सेवन की गिरफ़्त में न आ सकें।
डीएम ने पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि लगातार छापामारी अभियान जारी रखें। खासकर जिले के शैक्षणिक संस्थानों के आसपास एवं सार्वजनिक स्थानों पर उल्लंघनकर्ताओं को दंडित करने हेतु सक्रिय भूमिका अदा करें। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। जिलाधिकारी ने पुलिस उपाधीक्षक को निर्देशित किया कि इस अभियान में पुलिस सक्रिय सहयोग दे।डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश किया कि वे जिले के शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू-मुक्त करने हेतु दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा पदाधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश दिया गया।
त्रिस्तरीय-प्रखंड, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर-छापामार दस्ता को क्रियाशील रखें। इसके क्षमतावर्द्धन हेतु प्रशिक्षण एवं उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन करें।
कोटपा-2003 अंतर्गत धारा 6बी का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करें। इसके तहत शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित है। इसका उल्लंघन करने वालों को दंडित करें। तम्बाकू-मुक्त शिक्षण संस्थान सुनिश्चित करें।
तम्बाकू निषेध विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता, डिबेट तथा जागरूकता रथों के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें।
पटना जिला के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने हेतु सभी प्रखण्डों के माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों का जिला स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करें।. जिले को तम्बाकू मुक्त जिला बनाने हेतु तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा-2003) की धारा 4 के अंतर्गत जिला से लेकर पंचायत स्तर तक के सभी सार्वजनिक स्थानों यथा सभी थाना/सभी सरकारी कार्यालय/सभी स्वास्थ्य संस्थान तथा सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू-मुक्त क्षेत्र की घोषणा को सख्ती से लागू करें।
तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा-2003) के विभिन्न धाराओं का प्रवर्तन सुनिश्चित करें। विशेष छापामारी जारी रखें।
जन-जागरूकता अभियान चलाएँ।
डीएम डॉ सिंह ने कहा कि एक महीने के बाद वे इसकी पुनः समीक्षा करेंगे।
बैठक में उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, अपर नगर आयुक्त, अधीक्षक-गुरू गोविंद सिंह अस्पताल, गैर संचारी रोग पदाधिकारी, संचारी रोग पदाधिकारी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक(रेल), सीड्स के प्रतिनिधि, बीवीएचए के प्रतिनिधि, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग के कर्मी, समिति के सदस्य/प्रतिनिधि उपस्थित थे।