एनसीएसटी ने पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव , रांची डीसी और प्रशासक को समन जारी किया

रांची: सिरमटोली-मेकन फ्लाईओवर के रैंप विवाद को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने नगर विकास विभाग सह पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, रांची जिले के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री व रांची नगर निगम के प्रशासक संदीप सिंह को समन जारी किया है। समन के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के कार्यालय में दिनांक 29 मई 2025 (गुरुवार) को समय दोपहर 02:00 बजे उपस्थित होने का निर्देश जारी किया गया है। केंद्रीय सरना समिति व चडरी सरना समिति की ओर से चार मई को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डा. आशा लकड़ा से सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर के रैंप निर्माण के कारण सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के संरक्षण को लेकर शिकायत पत्र सौंपा गया था। इस मामले को लेकर आयोग की ओर से राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी को
निर्देश दिया गया था कि 13 मई को श्री कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में बैठक आयोजित की जाए, लेकिन 12 मई को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग विभाग के सचिव कृपानंद झा ने आयोग को पत्र के माध्यम से सूचित किया कि अपरिहार्य कारणों से 13 मई को बैठक आयोजित नहीं की जा सकती है।इसके बाद मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में एनसीएसटी की सदस्य डा. आशा लकड़ा ने आर्यभट्ट सभागार में आदिवासी समाज के बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की। बैठक में रांची जिले के आइटीडीए के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी उपस्थित थे। बैठक के दौरान आदिवासी समाज के बुद्धिजीवियों ने एनसीएसटी की सदस्य डा. आशा लकड़ा
को बताया था कि ई-टेंडर पोर्टल पर सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर का डीपीआर उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा डीपीआर तैयार करने से पूर्व संबंधित अधिकारियों ने सरना स्थल की वर्तमान स्थिति का भी आकलन नहीं किया। साल 2020 में राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि पूर्व में मेकान की ओर से तैयार किए गए डीपीआर में कई खामियां है। बैठक के दौरान पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव व सविता कच्छप ने बताया था कि गलत आरोप लगाकर आदिवासी समाज के लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। केंद्रीय सरना स्थल पर सरहुल व करमा पूजा के दौरान बड़ी संख्या में विभिन्न अखड़ा व आदिवासी समाज के लोग एकत्रित होते हैं। सरना धर्मावलंबियों के लिए यह प्रमुख स्थल है। सिरमटोली फ्लाईओवर के रैंप निर्माण के कारण सरना स्थल तक पहुंच पथ संकीर्ण हो गया है। इससे आदिवासी समाज की सांस्कृतिक
गतिविधि व सुरक्षा प्रभावित होगी।इस मामले को लेकर आदिवासी समाज के लोगों ने अपने अधिकार व सरना स्थल के संरक्षण को लेकर विरोध-प्रदर्शन, मानव
श्रृंखला बनाकर, धरना देकर, पुतला दहन कर व काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया था।फिर भी राज्य सरकार ने आदिवासी समाज के लोगों को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया। बैठक के बाद एनसीएसटी की सदस्य डा. आशा लकड़ा ने पत्र के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया था कि तीन दिनों के अंदर सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर व कनेक्टिंग फ्लाईओवर का डीपीआर समेत आदिवासी समाज के लोगों पर की गई प्राथमिकी व अन्य वास्तविक दस्तावेज आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि निर्धारित समयावधि के दौरान किसी प्रकार का जवाब नहीं मिलने पर संबंधित अधिकारियों को आयोग के समक्ष दिनांक 29 मई 2025 (गुरुवार) को समय दोपहर 02:00 बजे उपस्थित होने के लिए समन जारी किया गया है ।

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