मिस्टर एक्स’ ने झारखंड को ‘ए टू जेड’ तक लूट लिया : प्रतुल शाह देव

रांची: भाजपा ने आज पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बड़ा हमला बोला। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि आर्किटेक्ट विनोद सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच व्हाट्सएप चैट की जो खबरें आ रही हैं,उस में बताया जा रहा है कि बडगाई की विवादास्पद 8.46 एकड़ जमीन पर भव्य एवं आलीशान बैंक्वेट हॉल बनाने की तैयारी थी। प्रतुल ने कहा कि मीडिया की खबरों के अनुसार चैट में आर्किटेक्ट विनोद ने पूर्व मुख्यमंत्री के लिए हॉल का जो नक्शा बनाया है उसमें उनको ‘मिस्टर एक्स’ कहकर संबोधन किया है।प्रतुल ने कहा कि इसी ‘मिस्टर एक्स’ ने झारखंड का ‘ए टू जेड’ यानी सब कुछ लूट लिया। 4 वर्षों के कार्यकाल में इस सरकार के ऊपर 70,000 करोड़ रुपयों के भ्रष्टाचार,लूट ,खसोट का आरोप लगा। आदिवासी मूलवासी को सत्ता में अधिकार देने के नाम पर आई सरकार ने इन्हीं समूहों को सर्वाधिक लूटा।पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत खुद अभी रिमांड पर है।
प्रतुल ने कहा कि सूचनाओं आ रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और आर्किटेक्ट विनोद के बीच हुए चैट में कई दर्जन बड़े अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग की भी डीलिंग हुई थी।प्रतुल ने कहा बड़े अफसरों में अभी तो सिर्फ पूर्व खान सचिव और रांची के पूर्व डीसी जेल में है।अभी कई और बड़े लोग जेल जाने की कतार में है।झारखंड में तो यह स्पष्ट है कि कि अभी सिर्फ पिछले 4 वर्ष के हुई लूट का ट्रेलर चल रहा है,पिक्चर अभी बाकी है’।

झामुमो भूल रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार के संगीन मामले में ईडी के रिमांड पर है,किसी रिसोर्ट में छुट्टी नहीं मना रहे हैं

प्रतुल ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा हास्यास्पद तरीके से पूर्व मुख्यमंत्री के लिए रिमांड में सुख सुविधाओं की मांग कर रही है। प्रतुल ने कहा की सत्ताधारी दल यह भूल रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के संगीन आरोप में जेल गए थे और फिलहाल ईडी के रिमांड में उनसे पूछताछ हो रही है। वह किसी रिसोर्ट में छुट्टी नहीं मना रहे हैं। उन पर झारखंड को लूटने के गंभीर आरोप लगे हैं जिसकी जांच हो रही है।प्रतुल ने कहा वंशवादी राजनीतिक दलों में ऐसा ही होता है कि इसके नेता और कार्यकर्ता अपने आप को कानून से ऊपर समझते हैं।झामुमो जिस तरीके से रिमांड की अवधि को बढ़ाने पर आपत्ति कर रही है,यह सीधे तौर पर न्यायालय के कार्य में हस्तक्षेप है। वैसे भी इन वंशवादी राजनीतिक दलों के लिए सहूलियत के हिसाब से चीजें तय होती है।उनके पक्ष में फैसला आया तो न्यायालय निष्पक्ष,पक्ष में नहीं आया तो भेदभाव का आरोप।जिस तरीके से ईडी की पूछताछ चल रही है,बहुसंभव है कि इस लूट के ‘महाखेला’ के कई और नए चौकाने वाले किरदार शीघ्र सामने आएंगे।

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