आदिवासी न्याय उलगुलान हूंकार की तैयारियों पर बैठक,कई मुद्दे पर चर्चा

खूंटी: 27 फरवरी कचहरी मैदान में आहूत “आदिवासी न्याय उलगुलान हूँकार” के तैयारी की समीक्षा तथा कार्यक्रम के व्यवस्थित संचालन के सम्बन्ध में आज यहां तोरपा में झारखण्ड उलगुलान संघ के केन्द्रीय समिति की बैठक संयोजक अलेस्टेयर बोदरा की अध्यक्षता में हुई।
उपस्थित प्रतिनिधियों ने बताया कि डीलिस्टिंग और भूमि बैंक के विषय पर पूरे आदिवासी समाज में जबरदस्त आक्रोश है। ये दोनों विषय आदिवासियों के अस्तित्व, अस्मिता, पहचान, परम्परा, संस्कृति एवं व्यवस्था तथा जल-जंगल-जमीन के मालिकाना हक से जुड़े बहुत गंभीर सवाल हैं। आदिवासियों में डीलिस्टिंग का विवाद पैदा करने के पीछे बहुत बड़ी साजिश है। आदिवासियों को धर्म के नाम पर बांट कर संवैधानिक विशेषाधिकार पांचवी अनुसूची एवं आरक्षण को समाप्त करने के साथ साथ जमीन सम्बन्धी विशिष्ट कानूनी तथा पारम्परिक अधिकार एवं पेसा कानून और वनाधिकार कानून को मिटाने का सोच है।
भाजपा नीत रघुवर सरकार के समय में बनाए गए भूमि – बैंक नीति के तहत खतियान पार्ट टू में उल्लेखित सामुदायिक तथा पारम्परिक अधिकार की जमीन को शामिल कर आदिवासियों को जमीन से अलग करने का षडयंत्र तो किया ही है, खूँटी जिला के 541″ सरना स्थल ” की 488 एकड़ जमीन को भी भूमि बैंक में शामिल कर आदिवासियों के धार्मिक पहचान को मिटाने के कुत्सित प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
यही कारण है कि गांव गांव के लोगों का जबर्दस्त जुटान होगा और आदिवासी एकता को तोड़ने का प्रयास करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनके मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
बैठक में मसीहदास गुड़िया, जोन जुरसन गुड़िया, बेनेदिक्त नवरंगी, कुलन पतरस आईंद, जेवियर हेमरोम, किशोर आईंद, फूलजेम्स हेमरोम,अल्विस भेंगरा, तिन्तुस हेमरोम एवं विश्वासी हेमरोम आदि उपस्थित थे।

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