धीरे-धीरे प्यार को ब़ढ़ना है हद से गुजर जाना है……..

कामिनी भारती
रांचीः राजनीति में भी जबरदस्त प्यार और तकरार होगा है। रिश्तों में ब्रेक भी लग जाता है। प्यार धीरे-धीरे गुपचुप गुपचुप शुरू होता है, फिर लोगों के सामने आता है। बस ये गीत धीरे -धीरे प्यार को बढ़ाना है… हद से गुजर जाना है,,. के बोल से समझ सकते हैं। झारखंड की राजनीति में ऐसा ही एक प्यार की शुरूआत हुई है। यह प्यार आकार भी ले रहा है। इसकी चर्चा आम से खास तक है। लोगबाग कह भी रहे हैं कि सरकार की चाल भी बदली बदली सी नजर आ रही है। साहब सरकार में मंत्री हैं। सरकार के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार भी कर चुके हैं। बात यहीं तक रूक जाती तो कुछ न था, नाराजगी की बात यहां तक आ पहुंची है कि बयानबाजी के बाद गैरों से मिलने-मिलाने का भी सिलसिला शुरू हो गया है. जी हां हम बात कर रहे हैं मंत्री बन्ना गुप्ता की। बन्ना गुप्ता ने कुछ तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल पर डाली. इन तस्वीरों में वे बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात करते दिख रहे हैं. इन तस्वीरों को लोगबाग गौर से देख कर यही कह रहे हैं कि यह किसी राम-भरत मिलाप से कम नहीं है। रघुवर नेता भी उस पार्टी के हैं जिसकी बात बिना राम और भगवा के पूरी नहीं होती. दरअसल, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शुक्रवार को जमशेदपुर दौरे के दौरान रघुवर दास से भी मुलाकात की. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने रघुवर दास की पोती को उसके पहले जन्मदिन पर आशीर्वाद भी दिया है. इस खास मौके पर जिस अंदाज में वे रघुवर दास से गले मिले, उससे बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं में चर्चा का दौर शुरू हो गया है. शोभा यात्रा में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ताइतना ही नहीं शुक्रवार को ही बन्ना गुप्ता हिन्दू नव वर्ष में हिन्दू उत्सव समिति द्वारा निकाली गई शोभा यात्रा में भी शामिल हुए. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता हाथ में भगवा झंडा लिए, सिर पर भगवा पगड़ी पहने और भगवा रंग से सराबोर नजर आए. बन्ना के बोल भी ऐसे थे कि राजनीतिक गलियारे में सुगबुगाहट तो होनी ही थी. बन्ना बोले- राम हमारे आस्था के प्रतीक हैं, राम का नाम मात्र लेने से शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है. मर्यादा पुरुषोत्तम राम पुरुषार्थ के प्रतीक हैं, हमारे गौरव हैं, हम सबके हैं. सभी राज्यवासियों को हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं. इससे पहले बन्ना गुप्ता इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होने से परहेज करते थे, लेकिन संभवत: यह पहला मौका था जब बन्ना गुप्ता हिन्दू नव वर्ष शोभा यात्रा में शामिल हुए हैं.

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