कर्रा में कृषि सह विकास मेला का न्यायमूर्ति डाॅ. एसएन पाठक ने किया उद्घाटन

खूंटी: जिले के कर्रा प्रखंड अंतर्गत लोयांकेल के किसान पाठशाला में रविवार को कृषि मेला सह किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय न्यायाधीश डाॅ एसएन पाठक,वरिष्ठ अतिथि प्रधान जिला सह सत्र न्यायाधीश, प्रधान जिला सह सत्र न्यायाधीश (1), उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी व अन्य अथितियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। न्यायमूर्ति डाॅ एस.एन पाठक के ने किसान पाठशाला में प्रशिक्षण भवन का उद्घाटन किया।
इस परियोजना में विभिन्न प्रकार की नगदी फसलों का उतपादन एवं किसानों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है।
इसमें विभिन्न प्रकार की फलों एवं फूलों का उतपादन आधुनिक तरीके से की जा रही है। साथ ही कृषि से जुड़ी जीविकोपार्जन की तमाम गतिविधियां जैसे कि दुग्ध उत्पादन, मछली, मुर्गी, बत्तख, बकरी पालन भी किया जा रहा है। 
इस परियोजना को समेकित खेती के तर्ज पर तैयार करना एवं किसानों को इसका प्रशिक्षण दे उनकी आय को दोगुणा करने का लक्ष्य है।
किसान पाठशाला की सोच को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में धरातल पर उतारने का लक्ष्य है। कृषि क्षेत्र में बहुद्देशीय प्रयासों का मॉडल बनाया गया है।
इसमें चीकू, पपाया, सीडलेस लेमन, ऐपल, सेव बैर, कॉफी, ड्रेगन फ्रूट, ग्वावा, अवेकैडो, पाईनऐपल, कीनू व गन्ने की खेती को बढ़ावा मिल रहा है।
साथ ही कृषि से जुड़ी जीविकोपार्जन की तमाम गतिविधियां जैसे कि दुग्ध उत्पादन,मनरेगा के तहत शेड निर्माण, गिर गाय पालन, मुर्रा भैंस का पालन, मुर्गी पालन, इटालियन मधुमक्खी पालन सह शहद उत्पादन पर खासा जोर, एकीकृत मछली सह बत्तख पालन, आधुनिक रूप से मछली पालन के साथ-साथ बत्तख पालन की समन्वित खेती एवं केचुआ खाद की इकाइयों को मिला बढ़ावा। किसानों को इसका प्रशिक्षण दे उनकी आय को दोगुणा करने का लक्ष्य है।
हॉर्टिकल्चर के साथ यहां अन्य कृषि गतिविधियों पर प्रयोग तथा शोध किए जा रहे हैं। सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए “सोलर कोल्ड स्टोरेज” का संचालन।
उच्च मूल्य कृषि, उन्नत एवं वैज्ञानिक कृषि को मिलेगा बढ़ावा। जैविक खाद उर्वरक और कीटनाशक इकाइयाँ निर्माणाधीन हैं। मशरूम इकाई के माध्यम से मशरूम उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
टपक सिंचाई की सुविधा एवं तालाबों का भी निर्माण किया गया है, विभिन्न आउटलेट के जरिए फार्म के कोने-कोने तक पानी की सुविधा है।
कस्टम हायरिंग सेंटर , चलंत सोलर लिफ्ट पंप सेट, थ्रेसर व अन्य तकनीकी सहयोग भी किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
कृषि पाठशाला के माध्यम से आजीविका के वैकल्पिक संसाधनों जैसे उद्यान कृषि, फूलों की बागवानी एवं वैज्ञानिक कृषि और सिंचाई से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
जिले के किसान वैसे फलों और पौधों की खेती कर रहे हैं, जिसका शायद नाम भी यहां के अधिकतर लोगों ने नहीं सुना था। स्ट्रॉबेरी की खेती, ड्रैगन फ्रूट व लेमन ग्रास की। जिले को ड्रेगन फ्रूट कैपिटल बनाने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर ड्रेगन फ्रूट की खेती की जा रही है।
औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देना व बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्पादों की पलाश ब्रांडिंग।
मौके पर न्यायमूर्ति डाॅ एस.एन पाठक ने संबोधित करते हुए कहा कि कर्रा प्रखंड का समेकित आजीविका कृषि प्रणाली मॉडल के रूप में विकसित हो रहा है। इससे ग्रामीणों के उत्थान और उनके आय सृजन की गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने इन प्रयासों के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार के मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण बन कर उभर रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि योजनाओं की जानकारी सभी ग्रामीणों को होना आवश्यक है। ताकि उन्हें ससमय उन योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि कृषि सह विकास मेला का आयोजन लोगों को योजनाओं से जोड़ने का माध्यम भी है। आगे उन्होंने बताया कि संविधान के तहत संविधान के प्रदत्त अधिकार जो हमारे बच्चों, हमारी महिलाओं, हमारे मूलवासी ट्राईबल व दिव्यांग जनों को दी गई है। उन्हीं अधिकारों के तहत आज उन्हें प्रोत्साहित किया जाने का प्रयास है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि सुरक्षा का अर्थ तभी सार्थक होगा जब हम अपने अधिकारों के प्रति सजग होंगे व अपने अधिकारों को समझकर उस दिशा में कार्य करने के लिए तत्पर रहेंगे।
विशेषकर महिलाओं व बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। इस दिशा में विद्यालयों में लीगल लिटरेसी क्लब के माध्यम से बच्चों को कानूनी साक्षरता दी जा रही है। साथ ही विद्यालयों में उपलब्ध कराए गए पुस्तकों के माध्यम से बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों के प्रति शिक्षित किया जा रहा है। खूंटी के परिवेश में शिक्षा का अधिकार एक महत्वपूर्ण व गंभीर विषय है। अपने अधिकारों को समझकर उस दिशा में कार्य करते हुए निश्चय ही विकास के पथ पर अग्रसर होंगे।  इसी क्रम में उन्होंने बताया कि खूंटी जिले के सुदूरवर्ती गांव में विकास को गति मिल रही है। साथ ही प्रशासन व आम जनों के बीच एक बेहतर संबंध स्थापित हो पाया है।
साथ ही उन्होंने खूंटी जिले में हो रहे विकास के विषय में उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ गांव-गांव तक पहुंच रहा है। इसमें प्रशासन द्वारा किये जा रहे कार्य सराहनीय है। उन्होंने खूंटी में पर्यटन स्थलों के विकास को लेकर सराहना की। उन्होंने कहा कि खूंटी अब ऊंटी की तरह प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बन कर उभर गया है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधान जिला सह सत्र न्यायधीश ने कहा कि गरीब एवं असहायों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा कई योजनायें चलाई जा रही है, लेकिन जागरूकता के अभाव में योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि जब गरीब एवं असहाय लोगों की आर्थिक उन्नति होगी तब ही देश उन्नति के मार्ग पर होगा।
डालसा के माध्यम से लगातार सभी प्रखण्डों में लीगल लिट्रेसी कैम्प एवं लीगल एड क्लिनिक के माध्यम से बच्चों को कानून के मूल्यों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति शिक्षित कर उनके बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर करना हमारी प्राथमिकता है। और आशा है कि इन कार्यों से सशक्तिकरण के उद्देश्यों को पूर्ण किया जा सके।
कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त शशिरंजन ने कहा कि जिले के सर्वांगीण विकास की दिशा में हर सम्भव कार्य किये जा रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों को विकास पथ पर अग्रसर किया जा रहा है। तथा आमजनों को अपने उत्थान व सुरक्षा के लिए उन्हें जागरूक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
उपायुक्त ने समेकित आजीविका प्रणाली के विकास को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी के क्षेत्र में किसानों को जोड़कर उनकी आय वृद्धि का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि महिला किसानों को लखपति किसान बनाने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं। साथ ही उन्होंने समेकित आजीविका कृषि प्रणाली में उन्नत एवं व्याज्ञानिक कृषि की गतिविधियों के संबंध में जानकारी दी।
मिट्टी रहित पौधों को तैयार करने एवं बीज से पौधे निकलने के लिए संतुलित वातावरण प्रदान करने के लिए पॉली नर्सरी हाउस की स्थापना। उन्होंने कहा कि यहां उत्पादन, संसाधन एवं प्रशिक्षण केंद्र एक ही स्थान पर विकसित किया गया है।
बड़े पैमाने पर स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही है। वहीं जिला प्रशासन और कृषि विभाग द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिला प्रशासन की योजना व्यापक स्तर पर इसकी खेती करने की है।
उपायुक्त ने  कहा कि उत्पादन क्षमता के साथ-साथ विशेषकर प्रसंस्करण पर भी विशेष रूप से कार्य किये जायेंगे। साथ ही विपणन और व्यापार की आवश्यकता के आधार पर चर्चा की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर का विकास भी कृषि के माध्यम से सम्भव है।
इस दौरान विभिन्न विभागों यथा कृषि, मत्स्य, ग्रामीण विकास विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, कौशल विकास विभाग, सामाजिक सुरक्षा विभाग, मनरेगा, जे.एस.एल.पी.एस, शिक्षा, फ़ूड सेक्युरिटी, आपूर्ति एवं अन्य सरकारी विभागों की लाभकारी योजनाओं की सहायता लाभुकों में वितरित की गई।
इसमें कृषि विभाग द्वारा उत्कृष्ट कार्य हेतु मोबाईल वितरण, KCC, NFSM पम्पसेट वितरण, JSLPS के द्वारा VRF, CIF, फूलो झानो आशीर्वाद के लाभ, आपूर्ति विभाग के ग्रीन राशन कार्ड, अंत्योदय योजना, सोना सोबरन धोती साड़ी योजना पशुपालन विभाग की ओर से बैकयार्ड लेयर कुकुट पालन, बॉयलर कुकुट पालन, सुकर विकास, कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना, ग्रामीण विकास विभाग तथा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, शिक्षा विभाग व अन्य विभाग के लगाए स्टॉलों के माध्यम से लाभों का वितरण किया गया।
इसी कड़ी में मुख्य अतिथि समेत सभी अतिथियों द्वारा सभी विभाग द्वारा अपनी योजनाओं के लाभ को वितरित करने के लिए लगाए गए स्टॉल का भी निरीक्षण किया गया।

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