73 वें वन महोत्सव में सीएम बोले, विकास की लकीर खींचने में कहीं न कहीं हम प्राकृतिक व्यवस्था में हस्तक्षेप कर रहे हैं
रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि विकास की लकीर खींचने में कहीं न कहीं हम प्राकृतिक व्यवस्था में हस्तक्षेप कर रहे हैं। शहरीकरण के साथ-साथ बड़े-बड़े जलप्रपात और कारखाने बना रहे हैं. जंगलों में पेड़ की कटायी धड़ल्ले से हो रही है. जो कहीं न कहीं हमारे पर्यावरण को असुरक्षित हैं. पेड़ है तभी जीवन है. पेड़ नहीं होगा, तो पूरा जीवन का संतुलन बंट जायेगा. गांव और शहरों में जंगली जानवरों का आवागमन बढ़ा है. हम जंगली जानवरों में पर्यावरण बिगाड़ रहे हैं. हर दिन पर्यावरण को हरा-भरा बनाने की कोशिशें करनी चाहिए. हमने शहरों में पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए एक पेड़ लगानेवालों को पांच यूनिट बिजली फ्री में देने की घोषणा की है। जंगल के माध्यम से विकास को मूर्त रूप दी जा रही है. हमसे जुड़े सभी लोगों को प्रेरित करने की आवश्यकता है कि हम वनों को संरक्षित करें. झारखंड के असली वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं. सीएम शुक्रवार को झारखंड विधानसभा परिसर में 73वां वन महोत्सव में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जंगलों में लगने वाले आग या जंगल से संबंधित शिकायत की जानकारी के लिए वन विभाग टोल फ्री नंबर जारी करे. मौके पर विधानसभा सदस्यों ने भी पौधारोपण कर हरियाली का संकल्प लिया । विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि वृक्षारोपन से ही पर्यावरण संरक्षण संभव है. वृक्ष है, तो जीवन है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण को हरा-भरा बनाये रखने के लिए वनों का होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि वन ही जीवन है. इसको चरितार्थ करने के लिए वृक्ष लगाना जरूरी है. कार्यक्रम में कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, श्रम मंत्री सत्यानंद भोकेता, पेयजल और स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर समेत पक्ष और विपक्ष के विधायक मौजूद थे.

