एक्शन में शिक्षा मंत्री, शिक्षकों को चेताया, शिक्षक सिर्फ बैठकर तनख्वाह लेने की भूल न करें
बच्चे की पढ़ाई पर सालाना 20-22 हजार रुपये होते हैं सरकार के खर्च
माता-पिता सरकारी स्कूलों की तुलना में निजी स्कूलों को पसंद करते हैं, आखिर क्यों
रांची : झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो प्रदेश नें शिक्षा के सुधार को लेकर एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने अपने पैतृक गांव अलारगो में कई शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों को बुलाकर उन सबकी जमकर क्लास ली। बैठक में मौजूद नावाडीह, चंद्रपुरा, डुमरी, बेरमो बीईईओ को भी फटकार लगाई। उत्क्रमित मध्य विद्यालय चिरुडीह के प्रधानाध्यापक जमील अख्तर को कार्यप्रणाली में सुधार करने की हिदायत दी। कहा, शिक्षण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बच्चों की प्रतिभा निखारने में सभी शिक्षक व प्रधानाध्यापक सौ प्रतिशत योगदान दें। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि जिनकी परफार्मेंस ठीक नहीं हैं, अपनी कार्यप्रणाली में सुधार कर लें, अन्यथा कार्रवाई झेलने को तैयार रहें।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूल के प्रत्येक बच्चे की पढ़ाई पर सालाना 20-22 हजार रुपये राज्य सरकार खर्च करती है। इसके बावजूद बच्चों के माता-पिता सरकारी स्कूलों की तुलना में निजी स्कूलों को पसंद करते हैं, आखिर क्यों। सभी सरकारी शिक्षकों को यह जवाबदेही लेनी होगी। शिक्षक सिर्फ बैठकर तनख्वाह लेने की भूल न करें। वह कभी भी किसी भी स्कूल में औचक निरीक्षण करने पहुंच जाएंगे। औचक निरीक्षण के क्रम में यदि स्कूल के बच्चे पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दे सके तो शिक्षक पर कार्रवाई निश्चित है।