सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई में सहायक अध्यापकों की अहम भूमिका: साबू
खूंटी: मुरहू के पंचघाघ जलप्रपात में जिले के सेवानिवृत्त 13 सहायक अध्यापकों का विदाई सह वनभोज कार्यक्रम का अयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में मुरहू प्रमुख के उप प्रमुख अरुण कुमार साबू, जिला परिषद सदस्य नीलामी देमता, मुरहू प्रखंड विकास पदाधिकारी, पशुपालन चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित हुए।
मौके पर उप प्रमुख अरुण साबु ने कहा सहायक अध्यापकों का शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान होता है। सुदूरवर्ती गांव में बच्चों को पढ़ने सहायक अध्यापक एक रीड का काम करते हैं। यदि सहायक अध्यापक नहीं रहे तो सुदूर गांव के कई स्कूल बंद हो जाएंगे। शिक्षक कार्यालय के कार्य में बिजी रहते हैं बच्चों पर उनका ध्यान कम रहता है। ऐसी स्थिति में सहायक अध्यापक ही उन बच्चों को पढ़ाते हैं यह सच्चाई है। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसे कई स्कूलों में निरीक्षण के दौरान पाया है।
आज जिले में लगभग एक हजार सहायक अध्यापक हैं। उप प्रमुख ने कहा कि सहायक अध्यापकों को सरकार के द्वारा सहायता राशि भी मिलनी चाहिए।सेवानिवृत्ति के बाद उनको किसी प्रकार की सहायता राशि सरकार नहीं देती है। निश्चित तौर पर उनके जीविकोपार्जन का अधिकतम समय सहायक अध्यापक बच्चों को पढ़ने में देते हैं।इसी स्थिति में उनके सेवानिवृत होने के उपरांत उन्हें भी सहायता मद में सरकार को कुछ राशि देनी चाहिए।