राजभवन से रिस्पॉन्स नहीं मिला तो विधायकों को तेलांगना या कर्नाटक शिफ्ट किया जा सकता है..

रांची: जमीन घोटाले में आरोपी हेमंत सोरेन के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन के विधायकों को एक जुट रखने की भी सबसे बड़ी चुनौती हो गई है। वैसे महागठबंधन के विधायक दल का नेता चंपई सोरेन को चुन लिया है। इसमें 43 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को सौंपा गया है। इस बीच चंपई सोरेन राजभवन से सरकार बनाने के लिए बुलावे का इंतजार कर रहे हैं। वहीं सत्ता पक्ष के सभी विधायक सर्किट हाउस में रुके हुए हैं। इसके अलावा सर्किट हाउस के बाहर तीन टूरिस्ट बस को भी खड़ा रखा गया है। यदि राजभवन से आज बुलावा नहीं आता है तो वैसी परिस्थिति में सभी विधायकों को दूसरे राज्य तेलंगाना या कर्नाटक शिफ्ट किया जा सकता है।
ईडी गिरफ्त में हेमंत सोरेन को गुरुवार को कोर्ट में पेशी की जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कोर्ट से ईडी हेमंत सोरेन को रिमांड में ले सकती है। इसके अलावा हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन के द्वारा ईडी के अधिकारियों पर एससी एसटी कोर्ट में दर्ज मामले पर भी आज सुनवाई होना है। कुल मिलाकर झारखंड के लिए आज का भी दिन बहुत अहम माना जा रहा है। जबतक राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में चंपई सोरेन शपथ नहीं ले लेते हैं तब तक राज्य में सियासी संकट बरकरार रहेगा। फिलहाल सभी की नजरें राजभवन की तरफ टिकी हुई है।

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