अंकिता को अगर नहीं मिला इंसाफ,तो कानून से उठ जाएगा आम लोगों का भरोसा
दुमका: ‘ झारखंड की बेटी अंकिता के साथ जो कुछ भी हुआ,वह बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बात का प्रमाण बिलकुल सामने है कि शाहरुख नाम के लड़के ने अंकिता के शरीर पर पेट्रोल और ज्वलनशील पदार्थ डालकर उसे मारने की कोशिश की और इसमें वह कामयाब भी हो गया। गिरफ्तारी के वक्त उसकी कुटिल मुस्कान ने यह साफ कर दिया कि दोषी वही है और अंकिता की हत्या उसने ही की है,फिर सजा में इतनी देर क्यों? ‘ ये कहना है जाने – माने सोशल एक्टिविस्ट और मीडिया पर्सनैलिटी संजय सिन्हा का। शुक्रवार की देर शाम संजय सिन्हा की अगुवाई में दिल्ली से मानवाधिकार संगठन और पत्रकारों का का एक प्रतिनिधिमंडल दुमका के जरुआडीह स्थित अंकिता के घर पहुंचा और पूरे हालात का जायजा लिया। मृतका के परिजनों और आसपास के लोगों से बातचीत की। संजय सिन्हा का कहना है कि ‘ अगर अंकिता को इंसाफ नहीं मिलता है तो कानून से आम लोगों का भरोसा उठ जाएगा,क्योंकि यह पूरी तरह साफ है कि अंकिता के पड़ोस में रहने वाला युवक शाहरूख ने ही उसकी हत्या की है।दुर्भाग्य की बात ये है कि एक वर्ग गुनहगार को बचाने में भी लगा हुआ है।ऐसे में भारतीय कानून को अपनी ताकत का एहसास कराना ही होगा,ताकि इस तरह का जघन्य अपराध करने से पहले कोई भी व्यक्ति सौ बार सोचे।जरूरत पड़ी तो कानून में बदलाव भी किया जाना चाहिए। ‘
गौरतलब है कि टीम के सदस्य आरोपी शाहरुख के घर भी गए, वहां कोई भी मौजूद नहीं था।घर के बाहर झारखंड पुलिस के जवान बैठे हुए मिले।संजय सिन्हा इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं।उन्होंने खारखंड की मीडिया और बुद्धिजीवियों से भी इस मामले में सहयोग की अपील की और कहा कि बहुत जल्दी ही वह देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर ये अनुरोध करेंगे कि झारखंड की इस बेटी को न्याय मिले और इस मामले के कानून को इतना सख्त किया जाए कि कोई भी मुजरिम बच ना पाए।दरअसल भारतीय कानून में बहुत सारे फांक हैं, उन फांकों को भर दिया जाए।अगर ऐसा नहीं होता है तो भारत में ऐसे ही न जाने कितनी ही अंकिताएं हर रोज दम तोड़ती रहेंगी।राष्ट्रपति चूंकि खुद झारखंड की राज्यपाल रह चुकीं हैं और उनका जीवन भी बेहद संघर्षपूर्ण रहा है।संजय सिन्हा ने झारखंड में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच स्थानीय विधायक वसंत सोरेन,पूर्व मंत्री लुइस मरांडी तथा पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों से भी बातचीत की।संजय सिन्हा के साथ प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे जयंत शर्मा,दीपांकर महतो,गोपाल कुमार,गौतम ठाकुर,सुनील कुमार,अंजन दे आदि।