27 जनवरी 2024, शनिवार का राशिफल एवम पंचांग

मेष राशि- बिजी प्रोग्राम के बावजूद आप सभी सौंपे गए कार्य पूरे करेंगे। लव लाइफ में मुद्दों को सुलझाएं, जबकि आर्थिक रूप से आप अच्छे रहेंगे। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आज चिंता का विषय हो सकती हैं।व्यवसायियों को सफलता मिलेगी। जो चीजें घाटे में चल रही थीं, वे भी लाभ कमाने वाली बन जाएंगी। आज आप नए सौदों पर साइन करेंगे जिसमें विदेशी स्थानों सहित नए स्थानों पर व्यापार का विस्तार भी शामिल है।धन के मामले में आज आप भाग्यशाली हैं। कुछ लोगों को पिछले निवेशों से रिटर्न के रूप में भाग्य का साथ मिलेगा।
🪶 उपाय : देवी मां की पूजा वंदना करें. लाल चुनरी पुष्प और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. दिखावे से बचें.
वृषभ राशि-* आपका प्रेमी चाहेगा कि आप ज्यादा रोमांटिक बनें। आपको यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आपके और प्रेमी के बीच अच्छा तालमेल बना रहे और रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सब कुछ सुचारू रूप से चलता रहे। आज, डिजाइनर, कॉपीराइटर, शेफ, सिविल इंजीनियर, मैकेनिक, ऑटोमोबाइल विशेषज्ञ और शिक्षाविद ज्यादा प्रोडक्टिव होंगे। धन के मामले में आज आपकी स्थिति अच्छी नहीं है। आज धन की कमी रहेगी, जिससे बड़े निवेश रुकेंगे। हो सकता है कि आपको पिछले निवेशों से अपेक्षित रिटर्न न मिले, इसलिए आगे की रकम निवेश करते समय सावधान रहें।
🪶 उपाय : देवी मां की पूजा वंदना करें. लाल चुनरी पुष्प और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. सक्रिय रहें.
मिथुन राशि-* आज आप स्कूटर या कार खरीद सकते हैं। आप घर का नवीनीकरण भी कर सकते हैं या नया खरीद सकते हैं। कुछ जातकों को आज मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होगी। वरिष्ठ जातकों को पेट दर्द या नींद संबंधी समस्याओं की शिकायत रहेगी।अपमानजनक रिश्तों से दूर रहें और सुनिश्चित करें कि प्रेम जीवन में आपके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए। आपके प्यार को माता-पिता का समर्थन मिलेगा और यह शादी तक पहुंच जाएगा। मार्केट का रिसर्च करें क्योंकि आपको आंख मूंद कर निवेश करने और पैसा खोने की जरूरत नहीं है।
🪶 उपाय : देवी मां की पूजा वंदना करें. लाल चुनरी पुष्प और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. ध्यान साधना बढ़ाएं.
कर्क राशि-* प्रमुख जिम्मेदारियां आपको दिन भर व्यस्त रखेंगी, आपको मीटिंग्स में सुझाव और राय देने की जरूरत है। जब भी जरूरत हो प्लान बी के साथ तैयार रहें। कस्टमर्स विशेषकर विदेशी ग्राहकों को संभालते समय कूटनीतिक बनें। कोई कस्टमर आज आपके प्रयासों की सराहना करते हुए एक ईमेल भेजेगा जो पदोन्नति चर्चा के दौरान आपके पक्ष में काम करेगा। नौकरी चाहने वालों को दिन के दूसरे भाग में बेहतरीन अवसर मिलेंगे। कोई बड़ी वित्तीय समस्या नहीं होगी और आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में होंगे।
🪶 उपाय : देवी मां दुर्गाजी की पूजा वंदना करें. लाल चुनरी पुष्प और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. दिव्य स्थल जाएं.
सिंह राशि-* आज खुश रहें क्योंकि आपकी लव लाइफ शानदार रहेगी। आज अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पैसों का इस्तेमाल करें। व्यावसायिक तौर पर आज आप अच्छे हैं। हालांकि छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं आपकी नींद हराम रखेंगी। अपने रिश्ते में खुश रहें। आज कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी। आपका देखभाल करने वाला रवैया दिन का प्लस पॉइंट होगा। कुंभ राशि के कुछ सिंगल जातक नया प्यार पाने में भाग्यशाली रहेंगे।
🪶 उपाय : देवी मां दुर्गाजी की पूजा वंदना करें. लाल पुष्प चुनरी और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. व्यवस्था बढ़ाएं.
कन्या राशि-* आज आप स्वतंत्रता और आजादी की प्रबल भावना महसूस कर रहे हैं और आप किसी के लिए या किसी भी चीज के लिए इससे समझौता करने को तैयार नहीं हैं। आप थोड़ा बेचैन महसूस कर सकते हैं, लेकिन ऐसा इसलिए है क्योंकि आप नई चीजों को आजमाने और अलग-अलग रास्ते तलाशने के इच्छुक हैं।. यह आपके कंफर्ट जोन से बाहर निकलने के लिए एक शानदार दिन है। आज आप जोखिम लेने और नए अवसरों में निवेश करने की इच्छा महसूस कर सकते हैं। आय के नए रास्ते तलाशने के लिए यह एक बेहतरीन दिन है।
🪶 उपाय : देवी मां दुर्गाजी की पूजा वंदना करें. लाल चुनरी पुष्प और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. स्थायित्व पर बल दें.
तुला राशि-* आज अपने दिमाग को तेज चलाने के लिए तैयार हो जाइए। आप दूरदर्शी होने के लिए जाने जाते हैं और आज उन गुणों को चमकाने का सबसे अच्छा दिन है। रास्ते में कुछ चुनौतियों के बावजूद आप अपने रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा पर विजय पाने के लिए सही दिशा में हैं। याद रखें कि अपने प्रति सच्चे रहें और किसी को भी अपनी चमक कम न करने दें। चाहे वह कोई नया शौक अपनाना हो, कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करना हो या बस हाथ में काम निपटाना हो, अपनी बुद्धि पर भरोसा रखें और उसे आपको सफलता की ओर ले जाने की अनुमति दें।
🪶 उपाय : देवी मां दुर्गाजी की पूजा वंदना करें. लाल चुनरी पुष्प और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. भ्रम से बचें.
वृश्चिक राशि-* आपकी बौद्धिक क्षमता उच्च स्तर पर है और आप सबसे जटिल कार्यों को भी आसानी से निपटाने में सक्षम हैं। चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट को अपनाकर और अपने सहकर्मियों और सीनियर्स के सामने अपनी योग्यता साबित करके इसका लाभ उठाएं। यह नए विचारों पर विचार-मंथन करने और उन्हें अपने बॉस तक पहुंचाने का भी एक अच्छा समय है। आपका अनोखा दृष्टिकोण निश्चित रूप से हिट होगा। आज अपने रोमांटिक जीवन पर ध्यान केंद्रित करने का एक अच्छा दिन है।
🪶 उपाय : देवी मां की पूजा वंदना करें. लाल चुनरी पुष्प और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. स्वाध्याय बढ़ाएं.
धनु राशि-* आज वित्तीय सफलता क्षितिज पर है। अपनी खर्च करने की आदतों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने और उन क्षेत्रों की पहचान करने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करें जहां आप कटौती कर सकते हैं। यह स्टॉक या अन्य प्रकार के निवेश में निवेश करने का भी एक अच्छा समय है, क्योंकि सितारे आपके पक्ष में हैं। आपको नई फिजिकल एक्टिविटी या डाइट आजमाने की भी इच्छा हो सकती है।
🪶 उपाय : देवी मां की पूजा वंदना करें. लाल चुनरी पुष्प और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. आत्मबल बढ़ाएं.
मकर राशि-* आपका सकारात्मक रवैया आज रोमांस संबंधी परेशानियों को सुलझाने में काम आएगा। लंबे समय तक प्यार में बने रहने के लिए हर समस्या को लगन से संभालें। अभिनेताओं और संगीतकारों सहित कलाकार अपने पेशेवर विकास को दर्शाते हुए अवसरों का सर्वोत्तम उपयोग करने में सफल होंगे। कुछ जातक नौकरी संबंधी कारणों से विदेश भी जाएंगे। जरूरत पड़ने पर आपको वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। हालांकि किसी को बड़ी रकम उधार देने से बचें क्योंकि आपकी आर्थिक स्थिति इसके लिए अच्छी नहीं है।
🪶 उपाय : देवी मां की पूजा वंदना करें. लाल चुनरी पुष्प और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. जनकार्य बढ़ाएं.
कुम्भ राशि-* कुछ पुराने रिश्ते फिर से शुरू होंगे। चुनौतियों के बावजूद आप कस्टमर्स को खुश करेंगे। कुछ वकील महत्वपूर्ण मामले जीतते हैं। अगर आप नौकरी बदलने की योजना बना रहे हैं तो दिन का पहला भाग अच्छा विकल्प है। प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। बच्चे वायरल बुखार और पेट की समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं।
🪶 उपाय : देवी मां की पूजा वंदना करें. लाल चुनरी पुष्प और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. आदरभाव रखें.
मीन राशि-* आज अपने दिमाग को तेज चलाने के लिए तैयार हो जाइए। आप दूरदर्शी होने के लिए जाने जाते हैं और आज उन गुणों को चमकाने का सबसे अच्छा दिन है। रास्ते में कुछ चुनौतियों के बावजूद, आप अपने रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा पर सफलता पाने के लिए सही दिशा में हैं। ध्यान रहे कि अपने प्रति सच्चे रहें और किसी को भी अपनी चमक कम न करने दें। चाहे वह कोई नया शौक अपनाना हो, कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करना हो या काम निपटाना हो अपने दिमाग पर भरोसा रखें और उसे आपको सफलता की ओर ले जाने की अनुमति दें।
🪶 *आज का उपाय : देवी मां की पूजा वंदना करें. लाल चुनरी पुष्प और श्रंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. ओम् शुं शुक्राय नमः का जाप करें. रुटीन संवारें.

🌞 ll~ वैदिक पंचांग ~ll 🌞
🌤️ दिनांक – 27 जनवरी 2024
🌤️ दिन – शनिवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – शिशिर ॠतु
🌤️ मास – माघ
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – द्वितीया 28 जनवरी रात्रि 03:36 तक तत्पश्चात तृतीया
🌤️ नक्षत्र – अश्लेशा दोपहर 01:01 तक तत्पश्चात मघा
🌤️ योग – आयुष्मान सुबह 08:09 तक तत्पश्चात सौभाग्य
🌤️ राहुकाल – सुबह 10:04 से सुबह 11:28 तक
🌞 सूर्योदय-06:18
🌤️ सूर्यास्त- 05:24
👉 दिशाशूल – पूर्व दिशा में
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
💥 *विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा  बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
💥 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
💥 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)

🌷 माघ कृष्ण चतुर्थी / संकष्टी चतुर्थी / संकट चौथ 🌷
29 जनवरी 2024 सोमवार को माघ कृष्ण चतुर्थी, संकट चौथ, संकष्टी चतुर्थी का त्यौहार है। इस चतुर्थी को ‘माघी कृष्ण चतुर्थी’, ‘तिलचौथ’, ‘वक्रतुण्डी चतुर्थी’ भी कहा जाता है।
🙏🏻 इस दिन गणेश भगवान तथा संकट माता की पूजा का विधान है। संकष्ट का अर्थ है ‘कष्ट या विपत्ति’, ‘कष्ट’ का अर्थ है ‘क्लेश’, सम् उसके आधिक्य का द्योतक है। आज किसी भी प्रकार के संकट, कष्ट का निवारण संभव है। आज के दिन व्रत रखा जाता है। इस व्रत का आरम्भ ‘ गणपतिप्रीतये संकष्टचतुर्थीव्रतं करिष्ये ‘ – इस प्रकार संकल्प करके करें । सायंकालमें गणेशजी का और चंद्रोदय के समय चंद्र का पूजन करके अर्घ्य दें।
‘गणेशाय नमस्तुभ्यं सर्वसिद्धि प्रदायक।
संकष्टहर में देव गृहाणर्धं नमोस्तुते।
कृष्णपक्षे चतुर्थ्यां तु सम्पूजित विधूदये।
क्षिप्रं प्रसीद देवेश गृहार्धं नमोस्तुते।’
🙏🏻 नारदपुराण, पूर्वभाग अध्याय 113 में संकष्टीचतुर्थी व्रत का वर्णन इस प्रकार मिलता है।
माघकृष्णचतुर्थ्यां तु संकष्टव्रतमुच्यते । तत्रोपवासं संकल्प्य व्रती नियमपूर्वकम् ।। ११३-७२ ।।
चंद्रोदयमभिव्याप्य तिष्ठेत्प्रयतमानसः । ततश्चंद्रोदये प्राप्ते मृन्मयं गणनायकम् ।। ११३-७३ ।।
विधाय विन्यसेत्पीठे सायुधं च सवाहनम् । उपचारैः षोडशभिः समभ्यर्च्य विधानतः ।। ११३-७४ ।।
मोदकं चापि नैवेद्यं सगुडं तिलकुट्टकम् । ततोऽर्घ्यं ताम्रजे पात्रे रक्तचंदनमिश्रितम् ।। ११३-७५ ।।
सकुशं च सदूर्वं च पुष्पाक्षतसमन्वितम् । सशमीपत्रदधि च कृत्वा चंद्राय दापयेत् ।। ११३-७६ ।।
गगनार्णवमाणिक्य चंद्र दाक्षायणीपते । गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक ।। ११३-७७ ।।
एवं दत्त्वा गणेशाय दिव्यार्घ्यं पापनाशनम् । शक्त्या संभोज्य विप्राग्र्यान्स्वयं भुंजीत चाज्ञया ।। ११३-७८ ।।
एवं कृत्वा व्रतं विप्र संकष्टाख्यं शूभावहम् । समृद्धो धनधान्यैः स्यान्न च संकष्टमाप्नुयात् ।। ११३-७९ ।।
🙏🏻 माघ कृष्ण चतुर्थी को ‘संकष्टवव्रत’ बतलाया जाता है। उसमें उपवास का संकल्प लेकर व्रती सबेरे से चंद्रोदयकाल तक नियमपूर्वक रहे। मन को काबू में रखे। चंद्रोदय होने पर मिट्टी की गणेशमूर्ति बनाकर उसे पीढ़े पर स्थापित करे। गणेशजी के साथ उनके आयुध और वाहन भी होने चाहिए। मिटटी में गणेशजी की स्थापना करके षोडशोपचार से विधिपूर्वक उनका पूजन करें । फिर मोदक तथा गुड़ से बने हुए तिल के लडडू का नैवेद्य अर्पण करें।
तत्पश्चात्‌ तांबे के पात्र में लाल चन्दन, कुश, दूर्वा, फूल, अक्षत, शमीपत्र, दधि और जल एकत्र करके निम्नांकित मंत्र का उच्चारण करते हुए उन्हें चन्द्रमा को अर्घ्य दें –
गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।
गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥
‘गगन रूपी समुद्र के माणिक्य, दक्ष कन्या रोहिणी के प्रियतम और गणेश के प्रतिरूप चन्द्रमा! आप मेरा दिया हुआ यह अर्घ्य स्वीकार कीजिए।’
इस प्रकार गणेश जी को यह दिव्य तथा पापनाशन अर्घ्य देकर यथाशक्ति उत्तम ब्राह्मणों को भोजन कराने के पश्च्यात स्वयं भी उनकी आज्ञा लेकर भोजन करें। ब्रह्मन ! इस प्रकार कल्याणकारी ‘संकष्टवव्रत’ का पालन करके मनुष्य धन-धान्य से संपन्न होता है। वह कभी कष्ट में नहीं पड़ता।
🙏🏻 लक्ष्मीनारायणसंहिता में भी कुछ इसी प्रकार वर्णन मिलता है ।
माघकृष्णचतुर्थ्यां तु संकष्टहारकं व्रतम् ।
उपवासं प्रकुर्वीत वीक्ष्य चन्द्रोदयं ततः ।। १२८ ।।
मृदा कृत्वा गणेशं सायुधं सवाहनं शुभम् ।
पीठे न्यस्य च तं षोडशोपचारैः प्रपूजयेत् ।। १२९ ।।
मोदकाँस्तिलचूर्णं च सशर्करं निवेदयेत् ।
अर्घ्यं दद्यात्ताम्रपात्रे रक्तचन्दनमिश्रितम् ।। १३० ।।
कुशान् दूर्वाः कुसुमान्यक्षतान् शमीदलान् दधि ।
दद्यादर्घ्यं ततो विसर्जनं कुर्यादथ व्रती ।। १३१ ।।
भोजयेद् भूसुरान् साधून् साध्वीश्च बालबालिकाः ।
व्रती च पारणां कुर्याद् दद्याद्दानानि भावतः ।। १३२ ।।
एवं कृत्वा व्रतं स्मृद्धः संकटं नैव चाप्नुयात् ।
धनधान्यसुतापुत्रप्रपौत्रादियुतो भवेत् ।। १३३ ।।
भविष्यपुराण में भी इस व्रत का वर्णन मिलता है ।
👉🏻 आज के दिन क्या करें
१. गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ अत्यन्त शुभकारी होगा ।
२. गणेश भगवान को दूध (कच्चा), पंचामृत, गंगाजल से स्नान कराकर, पुष्प, वस्त्र आदि समर्पित करके तिल तथा गुड़ के लड्डू, दूर्वा का भोग जरूर लगायें। लड्डू की संख्या 11 या 21 रखें। गणेश जी को मोदक (लड्डू), दूर्वा घास तथा लाल रंग के पुष्प अति प्रिय हैं । गणेश अथर्वशीर्ष में कहा गया है “यो दूर्वांकुरैंर्यजति स वैश्रवणोपमो भवति” अर्थात जो दूर्वांकुर के द्वारा भगवान गणपति का पूजन करता है वह कुबेर के समान हो जाता है। “यो मोदकसहस्रेण यजति स वाञ्छित फलमवाप्रोति” अर्थात जो सहस्र (हजार) लड्डुओं (मोदकों) द्वारा पूजन करता है, वह वांछित फल को प्राप्त करता है।
३. आज गणपति के 12 नाम या 21 नाम या 101 नाम से पूजा करें ।
४. शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्ष के। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्ष तक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
५. किसी भी समस्या के समाधान के लिए आज संकट नाशन गणेश स्तोत्र के 11 पाठ करें।

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