21अप्रैल शुक्रवार का राशिफल एवम पंचांग

मेष:आज आपको व्यवसाय में लाभ होने के संयोग हैं। अगर आप अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को अनदेखा करेंगे तो कुछ ऐसे लोग नाराज हो सकते हैं जो आपके साथ रहते हैं। आपके लिए आज का दिन आर्थिक दृष्टि से बहुत शुभ है। अपनी खुशियों को दूसरों के साथ साझा करना आपकी सेहत को भी बेहतर करेगा। धार्मिक विचारधारा प्रबल होगी। स्वास्थ्य सुधार होगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा , वी ,वु , वे, वो)
आज आपका मिला जुला समय रहेगा ।आर्थिक तौर पर सुधार के चलते आप आसानी से काफी वक़्त से लंबित बिल और उधार चुका सकेंगे।आपको आज अपनी वाणी पर संयम रखें। आज किसी नए कार्य का प्रारंभ न करें और क्रोध एवं आवेश में वृद्धि न आए इसका ध्यान रखें। जरूरत से ज्यादा वक़्त व पैसा मनोरंजन पर खर्च न करें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
मन पसन्न मुद्रा मे रहेगा ।परिवार में आवश्यक विषयों पर चर्चा होगी। माता का आरोग्य अच्छा रहेगा। धन संपत्ति-मान सम्मान के अधिकारी बनेंगे। जल्दबाजी में निवेश न करें। दिन के कार्यभार से कुछ थकान का अनुभव होगा, परंतु स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आज आपका सबसे बड़ा सपना हकीकत में बदल सकता है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
व्यवसाय में बाधा उपस्थित होने की संभावना है। मानसिक दबाव के बावजूद आपकी सेहत अच्छी रहेगी। कार्यक्षेत्र के नज़रिए से आज का दिन आपका है। इसका भरपूर फायदा उठाएँ। आप पैसा बना सकते हैं, बशर्ते आप अपनी जमा-पूंजी पारम्परिक तौर पर निवेश करें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आप शारीरिक एवं मानसिक रूप से भरपूर प्रतिकूलता का अनुभव करेंगे। मन में उत्साह का संचार होगा, जिस वजह से दिनभर का समय आनंदपूर्वक बीतेगा। आज उच्च पदाधिकारी खुश होंगे। बाहर जाना हो सकता है। सरकारी लाभ होगा। आज कोई महत्त्वपूर्ण योजना भी बना सकते हैं।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा। लेन-देन में सावधानी बरतें। कानूनी मसले हल होंगे। किसी चिंता से मुक्ति मिलेगी। पत्नी एवं पुत्र की तरफ से लाभदायी समाचार मिलेंगे। मित्रों से हुई मुलाकात से आनंद मिलेगा। किसी आत्मीय व्यक्ति से भेंट हो सकती है। परिवार के सदस्यों की मदद रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज स्वजनों और स्नेहीजनों के साथ मतभेद खड़े होंगे, परिणामस्वरूप घर में विरोध का वातावरण उपस्थित होगा। आज के कार्य अधूरे रह सकते हैं। किसी कारणवश व्यय भी अधिक होगा। यदि पुरानी बातों को कुरेद कर नोक-झोंक करेंगे तो परिणाम अच्छे नहीं मिलेंगे। आपके कार्यों की प्रशंसा होगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज व्यापार अच्छा चलेगा। विवाद समाप्त होने से शांति एवं सुख बढ़ेगा। परोपकारी स्वभाव होने से दूसरों की मदद कर पाएंगे। कामकाज की जिज्ञासा बढ़ेगी। सुखवृद्धि एवं पारिवारिक उन्नति होगी। परिवार में क्लेश, मनमुटाव हो सकता है। आज आप अपने जीवनसाथी को विशेष खुशी देने की कोशिश करेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आपको अच्छे समाचार मिल सकते हैं। आर्थिक लाभ की संभावनाएं हैं। आज आपका पारिवारिक वातावरण आनंद व उल्लास से लबालब भरा रहेगा। तन में चेतना एवं स्फूर्ति का संचार होगा। उनसे मिली भेट व सौगात पाकर आप आनंदित होंगे। यात्रा-पर्यटन के योग हैं।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आलस्य को त्यागकर कार्यों को समय पर करने से सफलता प्राप्त हो सकती है। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। सोच-समझकर व्यय करें। कार्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में बाधाओं से मन अशांत रहेगा। आज का दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। दफ्तर में सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए बहुत शुभ है। आपका आज का दिन आनंद व उल्लास से भरा हुआ होगा व शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। आज के कार्य अधूरे रह सकते हैं। किसी कारणवश व्यय भी अधिक होगा। आज किए गए हर कार्य में सफलता मिलेगी। घर का वातावरण प्रफुल्लित रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज किसी धार्मिक स्थल पर जाने का सुनहरा अवसर है। रचनात्मक कार्य में मन लगेगा। शत्रु से सतर्क रहें। कर्मनिष्ठ होकर हाथ पर रखे काम को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे। आपका व्यवहार आज न्यायानुकूल रहेगा। विवाहिताओं को आज मायके से भी लाभ हो सकता है व अच्छे समाचार मिल सकते हैं।
🌞ll~ वैदिक पंचांग ~ll🌞
🌤️ दिनांक – 21 अप्रैल 2023
🌤️ दिन -शुक्रवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
🌤️ मास – वैशाख
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – प्रतिपदा सुबह 08:28 तक तत्पश्चात द्वितीया
🌤️ नक्षत्र – भरणी रात्रि 10:59 तक तत्पश्चात कृत्तिका
🌤️योग – प्रीति सुबह 11:00 तक तत्पश्चात आयुष्मान
🌤️ राहुकाल- सुबह 11:02 से दोपहर 12:38 तक
🌞 सूर्योदय-05:31
🌤️ सूर्यास्त- 06:18
👉 दिशाशूल- पश्चिम दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – चंद्र दर्शन,(शाम 07:03 से रात्रि 08:17 तक)
🔥 विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

👉🏻 22 अप्रैल के दिन बस करले इतना हो जाओगे मालामाल ⤵️

🌷 अक्षय तृतीया 🌷
➡️ 22 अप्रैल 2023 शनिवार को अक्षय तृतीया हो।
🙏🏻 ‘अक्षय’ शब्द का मतलब है- जिसका क्षय या नाश न हो। इस दिन किया हुआ जप, तप, ज्ञान तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है अतः इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते हैं। भविष्यपुराण, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुधर्मोत्तर पुराण, स्कन्दपुराण में इस तिथि का विशेष उल्लेख है। इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका बड़ा ही श्रेष्ठ फल मिलता है। इस दिन सभी देवताओं व पित्तरों का पूजन किया जाता है। पित्तरों का श्राद्ध कर धर्मघट दान किए जाने का उल्लेख शास्त्रों में है। वैशाख मास भगवान विष्णु को अतिप्रिय है अतः विशेषतः विष्णु जी की पूजा करें।
🙏🏻 स्कन्दपुराण के अनुसार, जो मनुष्य अक्षय तृतीया को सूर्योदय काल में प्रातः स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करके कथा सुनते हैं, वे मोक्ष के भागी होते हैं। जो उस दिन मधुसूदन की प्रसन्नता के लिए दान करते हैं, उनका वह पुण्यकर्म भगवान की आज्ञा से अक्षय फल देता है।
🙏🏻 भविष्यपुराण के मध्यमपर्व में कहा गया है वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया में गंगाजी में स्नान करनेवाला सब पापों से मुक्त हो जाता है | वैशाख मास की तृतीया स्वाती नक्षत्र और माघ की तृतीया रोहिणीयुक्त हो तथा आश्विन तृतीया वृषराशि से युक्त हो तो उसमें जो भी दान दिया जाता है, वह अक्षय होता है | विशेषरूप से इनमें हविष्यान्न एवं मोदक देनेसे अधिक लाभ होता है तथा गुड़ और कर्पूर से युक्त जलदान करनेवाले की विद्वान् पुरुष अधिक प्रंशसा करते हैं, वह मनुष्य ब्रह्मलोक में पूजित होता है | यदि बुधवार और श्रवण से युक्त तृतीया हो तो उसमें स्नान और उपवास करनेसे अनंत फल प्राप्त होता हैं |
🌷 अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं ।
तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया ।
उद्दिश्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यै: ।
तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव ।। – मदनरत्न
🙏🏻 अर्थ : भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठरसे कहते हैं, हे राजन इस तिथि पर किए गए दान व हवन का क्षय नहीं होता है; इसलिए हमारे ऋषि-मुनियोंने इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहा है । इस तिथि पर भगवानकी कृपादृष्टि पाने एवं पितरोंकी गतिके लिए की गई विधियां अक्षय-अविनाशी होती हैं ।

🌷 ग्रीष्म ऋतु में स्वास्थ्य – सुरक्षा 🌷
20 अप्रैल 2023 गुरुवार से ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ ।
ग्रीष्म ऋतु में शरीर का जलीय व स्निग्ध अंश घटने लगता है | जठराग्नि व रोगप्रतिकारक क्षमता भी घटने लगती है | इससे उत्पन्न शारीरिक समस्याओं से सुरक्षा हेतु नीचे दी गयी बातों का ध्यान रखें –
➡️ गतांक से आगे…
🌤 ३] इस मौसम में दिन में कम – से – कम ८ – १० गिलास पानी पियें | प्रात: पानी – प्रयोग ( रात का रखा हुआ आधा से डेढ़ गिलास पानी सुबह सूर्योदय से पूर्व पीये ) भी | पानी शरीर के जहरी पदार्थों(toxins) को बाहर निकालकर त्वचा को ताजगी देने में मदद करता है |
🌤 ४] मौसमी फल या उनका रस व ठंड़ाई, नींबू की शिकंजी, पुदीने का शर्बत , गन्ने का रस, गुड का पानी आदि का सेवन लाभदायी है | गर्मियों में दही लेना मना है और दूध, मक्खन, खीर विशेष सेवनीय हैं |
🌤 ५] आहार ताजा व सुपाच्य लें | भोजन में मिर्च, तेल, गर्म मसाले आदि का उपयोग कम करें | खमीरीकृत(fermented) पदार्थ, बासी व्यंजन बिल्कुल न लें | कपड़े सूती, सफेद या हल्के रंग के तथा ढीले – ढाले हों | सोते समय मच्छरदानी आदि का प्रयोग अवश्य करें |
🌤 ६] गर्मियों में फ्रीज का ठंडा पानी पीने से गले, दाँत, आमाशय व आँतो पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है | मटके या सुराही का पानी पीना निरापद है ( किंतु बिनजरूरी या प्यास से अधिक ठंडा पानी पीने से जठराग्नि मंद होती है ) |
🌤 ७] इन दिनों में छाछ का सेवन निषिद्ध है | अगर लेनी ही हो तो ताज़ी छाछ में मिश्री, जीरा, पुदीना, धनिया मिलाकर लें |
🌤 ८] रात को देर तक जागना, सुबह देर तक सोना, अधिक व्यायाम, अधिक परिश्रम, अधिक उपवास तथा स्त्री – सहवास – ये सभी इस ऋतु में वर्जित हैं |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *