03 दिसंबर शनिवार का राशिफल एवम पंचांग
मेष: आज का दिन सामान्य रहेगा। घर में किसी बड़े की सलाह लें। कार्यालय का कामकाज ज्यादा होने से आपको थोड़ी थकान हो सकती है लेकिन किसी साथी की मदद लेने से काम जल्द पूरे हो जायेंगे। अनावश्यक धन व्यय होनी की हल्की सी चिंता रहेगी। इस राशि के विद्यार्थियों के लिये दिन मिला-जुला रहने वाला है। परिवार में कुछ लोग आपके व्यवहार से थोड़े नाराज हो सकते हैं, इसलिए सबसे नम्रता से बात करें। दाम्पत्य जीवन मे आ रही परेशानियां दूर होगी।
वृष:आज आपका दिन बढ़िया रहेगा। कुछ महत्वपूर्ण लोगों से सम्पर्क हो सकता है जो आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा। आपका पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। आपके रूके हुए काम पूरे हो जायेंगे। अपने व्यक्तित्व के दम पर आप कुछ लोगों को अपने फेवर में कर सकते हैं, जिसका पूरा फायदा आपको मिलेगा। इस राशि के नौकरी कर रहे लोग की आय में बढ़ोतरी होगी। अपने दिमाग को तरोताजा करने के लिए अपने दोस्तों के साथ फोन पर बात करेंगे कारोबार में आ रही सभी दिक्कतें दूर होंगी।
मिथुन:आज आप खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे। आपका तनाव काफी हद तक ख़त्म हो जायेगा। आपको पैसे कमाने के कई नए मौके मिलेंगे। रचनात्मक काम में लगे लोगों के लिए सफलता से भरा दिन है, उन्हें शोहरत और पहचान भी मिलेगी। लोगों को तेजी से परखने की क्षमता आपको दूसरों से आगे बनाएं रखेगी। कार्यक्षेत्र में आपको सफलता मिलेगी। घर में बच्चो की खिलखिलाहट से खुशी का माहौल बना रहेगा। नये करोबार की शुरुआत करना चाहते हैं तो अपने बड़ों की राय जरूर लें।
कर्क:आज आपका आत्मविश्वास उच्च रहेगा। सामाजिक कामकाज में आपका मन लग सकता है। आपके साथ कारोबार करने वाले लोग आपके सुझाव से प्रभावित हो सकते हैं। तरक्की मिलने से परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। संतुलित भोजन करने से आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। आप थोड़े सोच-विचार में रह सकते हैं। बिजनेस कार्य में किसी सहयोगी का सहयोग प्राप्त हो सकता है। खेलते समय बच्चों का ख्याल रखें।
सिंह;आज आपका दिन अनुकूल रहेगा। आप कुछ नया करने की सोचेंगे। लोगों के बीच आप अपनी वाणी का जादू चला सकते हैं। साथ ही अगर आप सूझ-बूझ से काम लेंगे, तो अतिरिक्त धन कमा सकते हैं। आप जीतोड़ मेहनत के बल पर अपने उद्देश्य को हासिल कर लेंगे। आपको संतान का सुख प्राप्त होगा। धैर्य पूर्वक किया गया विचार फलदायी रहेगा। परिवार की मदद मिलने से सफलता आपके कदम चूमेगी। सेहत के लिहाज से सब अच्छा रहेगा।
कन्या:आज आपका दिन मिला-जुला रहेगा। आप अपनी वर्तमान स्थिति से संतुष्ट रह सकते हैं। बच्चों के साथ आपका समय बेहतर बीतेगा। धन संबंधी परेशानी से राहत मिलेगी। नए लोगों से बात करने से आपको काफी फायदा भी हो सकता है। धर्म कर्म में विश्वास और ज्यादा बढेगा । कुछ कठिन परिस्तिथियां सामने आ सकती है। कारोबार में आपको फायदा होने की संभावना है दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहेगी।
तुला:आज आपका दिन शानदार रहेगा। आपको किसी रिश्तेदार से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। आपके विवाहित जीवन में आ रही परेशानीया समाप्त हो जाएंगी। किसी बात को लेकर बड़ी बहन से कहासुनी हो सकती है, लेकिन शाम तक सब ठीक हो जायेगा। कुछ ऐसे लोगों से बात होगी, जिनके पास पैसे कमाने के बहुत अच्छे विचार होंगे। लोगों की मदद से आपकी इनकम बढ़ सकती है। आप अपनी कमियों को निखारने का प्रयास कर सकते हैं। नौकरी की तलाश कर रहे, लोगों को किसी अच्छी कपनी से इंटरव्यू के लिए मेल आ सकता है।
वृश्चिक: आज आपका दिन उत्तम रहेगा। आप कोई ऐसा काम करेंगे, जिससे आपकी तारीफ होगी। किसी भी नए ऑफर के लिए आपको तैयार रहना चाहिए, जो अचानक मिल सकता है। कार्यस्थल पर चीजें आपके अनुसार रहने की संभावना है। सामाजिक कामों को करने में आप सफल रहेंगे, इससे आपका नाम और रुतबा भी बढ़ेगा। जो लोग विवाहित हैं, वह शाम को साथ में डीनर करने का प्लान बनायेंगे। आपके घर की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होगी। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
धनु:आज आपका दिन धार्मिक गतिविधियों में अधिक बीत सकता है। अगर आप कुछ चीजों का ध्यान नहीं रखेंगे, तो उनके खोने की संभावना है। आपको अपनी चीजों को संभालकर रखना चाहिए। आप अपने जीवनसाथी के नाम पर कुछ निवेश कर सकते, जो कि आगे चलकर बहुत अच्छा साबित होगा। शाम को बच्चों के साथ समय बितायेंगे, इससे बच्चे खुश होंगे। ईमानदारी से किये गये कार्यों में आपको सफलता प्राप्त होगी। माता पिता का सहयोग आपके साथ रहेगा।
मकर:आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। कुछ नया सीखने का मौका आपको मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में आपको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, इस मामले में वरिष्ठ से आपका सहयोग मिलेगा। महिलाओं को दिनभर के कामों के बाद शाम को थोड़ी थकावट महसूस हो सकती है, अपनी सेहत का ख्याल रखें। बच्चों को घर के बडो से कोई सलाह मिल सकती है। करोबारियों को नयी योजना बनाने से फायदा होगा।
कुंभ:आज आपका दिन अनुकूल रहेगा। माता-पिता आपकी सफलता से खुश होंगे। किसी पुराने मित्र से सम्पर्क बनेगा। सुबह योग करने से आप चुस्त-दुरूस्त रहेंगे। शेयर बाजार, लॉटरी आदि में पैसा लगाने से बचे, क्योंकि इसमें आपको हानि हो सकती है। कार्यालय मीटिंग के दौरान आपकी किसी ऐसे व्यक्ति से बात होगी, जो आगे चलकर कोई बड़ा फायदा करा सकता है। मेडिकल के छात्रों को कुछ नया सीखने का मौका मिलेगा।
मीन: आज आप व्यावहारिक रहेंगे। जो लोग कंट्रक्शन का कार्य कर रहे हैं, उन्हें कोई बड़ा कोंट्रेक्ट मिल सकता है। संतान पक्ष से आपको कोई खुशखबरी मिलने के योग है। मेहनत से काम करने पर करियर में आपको सफलता मिलेगी, लेकिन सफलता मिलने पर विरोधी भी उत्पन्न हो सकते हैं। अगर आपके मन में किसी तरह का गिला-शिकवा है तो उसे अपने प्रेमी को जरूर बताएं इससे सब ठीक हो जायेगा। भाई बहन के साथ समय बिताने से अच्छा महसूस होगा। लम्बे समय से रूके हुए काम में सफलता प्राप्त होगी।
🌞 ll~ वैदिक पंचांग ~ll 🌞
🌤️ दिनांक – 03 दिसम्बर 2022
🌤️ दिन – शनिवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – हेमंत ॠतु
🌤️ मास – मार्गशीर्ष
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – एकादशी 04 दिसम्बर प्रातः 05:34 तक तत्पश्चात द्वादशी
🌤️ नक्षत्र – रेवती 04 दिसम्बर प्रातः 06:16 तक तत्पश्चात अश्विनी
🌤️ योग – व्यतीपात 04 दिसम्बर प्रातः 04:35 तक तत्पश्चात वरीयान
🌤️ राहुकाल – सुबह 09:45 से सुबह 11:06 तक
🌞 सूर्योदय – 06:09
🌦️ सूर्यास्त – 05:05
👉 दिशाशूल – पूर्व दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण- मोक्षदा एकादशी (स्मार्त ),मौनी एकादशी (जैन), श्रीमदभगवतगीता जयंती
🔥 विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
💥 आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
💥 एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
💥 एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
💥 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
🌷 मोक्षदा एकादशी 🌷
➡ 03 दिसम्बर 2022 शनिवार को प्रात: 05:40 से 04 दिसम्बर, रविवार प्रात: 05:34 तक एकादशी है ।
03 दिसम्बर, शनिवार को मोक्षदा एकादशी (स्मार्त) एवं 04 दिसम्बर, रविवार को मोक्षदा एकादशी (भागवत)
💥 विशेष – 04 दिसम्बर, रविवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।
🙏🏻 यह बड़े भारी पापों का नाश करनेवाला व्रत है | नीच योनि में पड़े पितर भी इसके पुण्यदान से मोक्ष पाते हैं |
🌷 श्रीमद् भगवद्गगीता जयंती 🌷
👉🏻 गतांक से आगे……
🙏🏻 जानिए भगवद् गीता के 9 बेहतरीन मैनेजमेंट सूत्र जिनमे छुपा है आपकी हर परेशानी का हल
🌷 4 श्लोक
विहाय कामान् य: कर्वान्पुमांश्चरति निस्पृह:।
निर्ममो निरहंकार स शांतिमधिगच्छति।।
🙏🏻 अर्थ- जो मनुष्य सभी इच्छाओं व कामनाओं को त्याग कर ममता रहित और अहंकार रहित होकर अपने कर्तव्यों का पालन करता है, उसे ही शांति प्राप्त होती है।
➡ मैनेजमेंट सूत्र – यहां भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मन में किसी भी प्रकार की इच्छा व कामना को रखकर मनुष्य को शांति प्राप्त नहीं हो सकती। इसलिए शांति प्राप्त करने के लिए सबसे पहले मनुष्य को अपने मन से इच्छाओं को मिटाना होगा। हम जो भी कर्म करते हैं, उसके साथ अपने अपेक्षित परिणाम को साथ में चिपका देते हैं। अपनी पसंद के परिणाम की इच्छा हमें कमजोर कर देती है। वो ना हो तो व्यक्ति का मन और ज्यादा अशांत हो जाता है। मन से ममता अथवा अहंकार आदि भावों को मिटाकर तन्मयता से अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा। तभी मनुष्य को शांति प्राप्त होगी।
🌷 5 श्लोक
न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्।
कार्यते ह्यश: कर्म सर्व प्रकृतिजैर्गुणै:।।
🙏🏻 अर्थ- कोई भी मनुष्य क्षण भर भी कर्म किए बिना नहीं रह सकता। सभी प्राणी प्रकृति के अधीन हैं और प्रकृति अपने अनुसार हर प्राणी से कर्म करवाती है और उसके अनुसार परिणाम भी देती है।
➡ मैनेजमेंट सूत्र- बुरे परिणामों के डर से अगर ये सोच लें कि हम कुछ नहीं करेंगे तो ये हमारी मूर्खता है। खाली बैठे रहना भी एक तरह का कर्म ही है, जिसका परिणाम हमारी आर्थिक हानि, अपयश और समय की हानि के रूप में मिलता है। सारे जीव प्रकृति यानी परमात्मा के अधीन हैं, वो हमसे अपने अनुसार कर्म करवा ही लेगी। और उसका परिणाम भी मिलेगा ही। इसलिए कभी भी कर्म के प्रति उदासीन नहीं होना चाहिए, अपनी क्षमता और विवेक के आधार पर हमें निरंतर कर्म करते रहना चाहिए।
🌷 6 श्लोक
नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो ह्यकर्मण:।
शरीरयात्रापि च ते न प्रसिद्धयेदकर्मण:।।
🙏🏻 अर्थ- तू शास्त्रों में बताए गए अपने धर्म के अनुसार कर्म कर, क्योंकि कर्म न करने की अपेक्षा कर्म करना श्रेष्ठ है तथा कर्म न करने से तेरा शरीर निर्वाह भी नहीं सिद्ध होगा।
➡ मैनेजमेंट सूत्र- श्रीकृष्ण अर्जुन के माध्यम से मनुष्यों को समझाते हैं कि हर मनुष्य को अपने-अपने धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए जैसे- विद्यार्थी का धर्म है विद्या प्राप्त करना, सैनिक का कर्म है देश की रक्षा करना। जो लोग कर्म नहीं करते, उनसे श्रेष्ठ वे लोग होते हैं जो अपने धर्म के अनुसार कर्म करते हैं, क्योंकि बिना कर्म किए तो शरीर का पालन-पोषण करना भी संभव नहीं है। जिस व्यक्ति का जो कर्तव्य तय है, उसे वो पूरा करना ही चाहिए।
🌷 7 श्लोक
यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।।
🙏🏻 अर्थ- श्रेष्ठ पुरुष जैसा आचरण करते हैं, सामान्य पुरुष भी वैसा ही आचरण करने लगते हैं। श्रेष्ठ पुरुष जिस कर्म को करता है, उसी को आदर्श मानकर लोग उसका अनुसरण करते हैं।
➡ मैनेजमेंट सूत्र- यहां भगवान श्रीकृष्ण ने बताया है कि श्रेष्ठ पुरुष को सदैव अपने पद व गरिमा के अनुसार ही व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि वह जिस प्रकार का व्यवहार करेगा, सामान्य मनुष्य भी उसी की नकल करेंगे। जो कार्य श्रेष्ठ पुरुष करेगा, सामान्यजन उसी को अपना आदर्श मानेंगे। उदाहरण के तौर पर अगर किसी संस्थान में उच्च अधिकार पूरी मेहनत और निष्ठा से काम करते हैं तो वहां के दूसरे कर्मचारी भी वैसे ही काम करेंगे, लेकिन अगर उच्च अधिकारी काम को टालने लगेंगे तो कर्मचारी उनसे भी ज्यादा आलसी हो जाएंगे।
🌷 8 श्लोक
न बुद्धिभेदं जनयेदज्ञानां कर्म संगिनाम्।
जोषयेत्सर्वकर्माणि विद्वान्युक्त: समाचरन्।।
🙏🏻 अर्थ- ज्ञानी पुरुष को चाहिए कि कर्मों में आसक्ति वाले अज्ञानियों की बुद्धि में भ्रम अर्थात कर्मों में अश्रद्धा उत्पन्न न करे किंतु स्वयं परमात्मा के स्वरूप में स्थित हुआ और सब कर्मों को अच्छी प्रकार करता हुआ उनसे भी वैसे ही कराए।
➡ मैनेजमेंट सूत्र- ये प्रतिस्पर्धा का दौर है, यहां हर कोई आगे निकलना चाहता है। ऐसे में अक्सर संस्थानों में ये होता है कि कुछ चतुर लोग अपना काम तो पूरा कर लेते हैं, लेकिन अपने साथी को उसी काम को टालने के लिए प्रोत्साहित करते हैं या काम के प्रति उसके मन में लापरवाही का भाव भर देते हैं। श्रेष्ठ व्यक्ति वही होता है जो अपने काम से दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है। संस्थान में उसी का भविष्य सबसे ज्यादा उज्जवल भी होता है।
🌷 9श्लोक
ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्।
म वत्र्मानुवर्तन्ते मनुष्या पार्थ सर्वश:।।
🙏🏻 अर्थ- हे अर्जुन। जो मनुष्य मुझे जिस प्रकार भजता है यानी जिस इच्छा से मेरा स्मरण करता है, उसी के अनुरूप मैं उसे फल प्रदान करता हूं। सभी लोग सब प्रकार से मेरे ही मार्ग का अनुसरण करते हैं।
➡ मैनेजमेंट सूत्र- इस श्लोक के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण बता रहे हैं कि संसार में जो मनुष्य जैसा व्यवहार दूसरों के प्रति करता है, दूसरे भी उसी प्रकार का व्यवहार उसके साथ करते हैं। उदाहरण के तौर पर जो लोग भगवान का स्मरण मोक्ष प्राप्ति के लिए करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो किसी अन्य इच्छा से प्रभु का स्मरण करते हैं, उनकी वह इच्छाएं भी प्रभु कृपा से पूर्ण हो जाती है। कंस ने सदैव भगवान को मृत्यु के रूप में स्मरण किया। इसलिए भगवान ने उसे मृत्यु प्रदान की। हमें परमात्मा को वैसे ही याद करना चाहिए, जिस रुप में हम उसे पाना चाहते हैं।
🌞 *~ पंचांग ~* 🌞
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