हेमंत सरकार भूमि बैंक को रद्द करें: भुवनेश्वर प्रसाद मेहता
रांची- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त तत्वावधान में विस्थापन ,पलायन और किसानों के ऊपर बढ़ते संकट के सवाल को लेकर करम टोली स्थित प्रेस क्लब में बैठक का आयोजन किया गया.
बैठक में 24 मार्च को 50 हजार झारखंड के विस्थापित आदिवासी, दलित ,मूलवासी, किसान परिवार के लोग भाग लेंगे. इस कार्यक्रम को व्यापक व सफल बनाने के लिए 16 फरवरी को पुनः एक बैठक का आयोजन किया जाएगा एवं प्रमंडल स्तर पर जाता यात्रा निकालकर जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
उक्त जानकारी बैठक के पश्चात भाकपा के राज्य सचिव एवं पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने मीडिया से बात करते हुए उक्त बातें कहीं.
उन्होंने लैंड बैंक रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि आज करोड़ों की संख्या में हमारे लोग विस्थापित एवं पलायन कर चुके हैं जिसकी शुद्ध लेने वाला कोई नहीं है और पुनः सेल, डीवीसी एनटीपीसी इ सी एल, बीसीसीएल सीसीएल कॉपर ,थर्मल पावर स्टेशन, कॉल ब्लॉकस,
प्राइवेट कल कारखानों वगैरह से रोजी रोजगार नियोजन की गारंटी नहीं जा रही है.जल जंगल जमीन का अधिकार छीना जा रहा है . पूरे राज्य को प्रदूषित किया जा रहा है. राज्य में भू- अर्जन अधिनियमों का अभी तक पालन भी नहीं किया जाना दुर्भाग्य की बात है . कॉरपोरेट, उपनिवेशवाद व निजीकरण झारखंड को बर्बाद करने में तुला हुआ है. झारखंड एवं झारखंडियों के समक्ष अस्तित्व एवं अस्मिता के संकट हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि सेल एच इ सी , डीबीसी आदि टाटा कंपनी आदि में जरूर से अधिक जमीन का अधिकरण किया गया है उदाहरण स्वरूप सेल बोकारो में 34000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ जिसमें मात्र 2000 एकड़ जमीन का उपयोग फैक्ट्री आवास एवं अन्य कामों में किया गया है बाकी यूं ही रैयतों का जमीन पड़ा हुआ है. हैक में 10000 एकड़ जमीन का अधिकरण हुआ जिसमें मात्र 6000 एकड़ जमीन का उपयोग हुआ इसमें हाई कोर्ट और विधानसभा भवन का निर्माण भी शामिल है. उन्होंने कहा कि रघुवर दास के मुख्यमंत्रीत्व काल में 23 लाख हेक्टेयर जमीन को भूमि बैंक में डाल दिया गया जिसमें 75% गैर मंजूर हुआ जमीन झारखंड के दलित आदिवासी पिछड़ा गरीब किसानों के कब्जे में है जिसको पूर्व जमींदार भोड़न यज्ञ से बंदोबस्त है और इस पर किसानों का कब्जा है पूरे झारखंड में लाखों घर बना हुआ है एवं खेत खलियान हैं. राज्य सरकार इस भूमि बैंक को रद्द करें और किसानों को जमीन वापस करते हुए रेटों को रसीद काट कर दे.
बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव पुष्कर महतो ने की.
मौके पर अजय सिंह, नेमन यादव ,महेश बारो सहदेव गोप विकास उर्फ विनय , श्रीकांत निराला बटेश्वर मेहता सुनीता सिंह,अर्जुन कुमार ,गया नाथ पांडेय, खटियाणी परिवार के महासचिव मोहम्मद हकीम हुल क्रांति दल के महासचिव भारदुल भुइया सी पी एम की ओर से आदिवासी नेता प्रफूल्ल् लिंडा सहित अन्य प्रमुख थे.