वन विभाग ने लटका दिया है 1000 करोड़ का काम, पांच ग्रिड सब स्टेशन और 15 ट्रांसमिशन लाइन के लिए एनओसी लंबित

रांची : झारखंड के वन विभाग की लेटलतीफी और उदासीन रवैसे के कारण झारखंड में निर्बाध बिजली का सपना आधूरा नजर आ रहा है। वन विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में बनने वाले ग्रिड सब स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन के लगभग 1000 करोड़ के प्रोजेक्ट को लटका दिया है। इसके लिए एनओसी नहीं मिल पा रहा है। वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण पांच ग्रिड सब स्टेशन न और 15 ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कार्य लटक गया है। अगर इन ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कार्य पूरा हो जाता तो डीवीसी कमांड एरिया में आने वाले जिले हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, रामगढ़, गिरिडीह, धनबाद व बोकारो के निर्बाध बिजली मिलती। इससे लगभग डेढ़ करोड़ उपभोक्ता को राहत भी मिलती है। फिलहाल डीवीसी कमांड एरिया के जिले में रोजाना पांच से छह घंटे बिजली की कटौती हो रही है।
क्या है प्रोजेक्टों का वर्तमान स्टेसस
बरही ग्रिड सब स्टेशन के एनओसी के लिए वन विभाग ने सीए लैंड की मांग की है. यह मामला मामला राजस्व पर्षद के पास लंबित़ है। रामगढ़ वन विभाग की ओर से जमीन की मांग की गई है। हंटरगंज में बनने वाले ग्रिड सब स्टेशन के लिए वन विभाग की ओर से सीए लैंड की मांग की गई है। .ड़कागांव वर्ष 2018 से एनओसी के लिए आवेदन पोर्टल पर अपलोड है, पर भूमि समस्या का समाधान नहीं हो सका है़ । सिमरिया में पेड़ कटाई की अनुमति की प्रत्याशा में काम लंबित़ है।
ये ट्रांसमिशन लाइन का काम लटका
220 केवी टीटीपीएस- स्टेज-1 क्लीयरेंस मिल चुका है, पर गोविंदपुर लाइन का डीएफओ बोकारो की ओर से मांग पत्र लंबित। जैना मोड़ ग्रिड में लिलो निर्गत नहीं किया गया है 132 केवी चंदनकियारी धनबाद के 10 लोकेशन में राइट ऑफ, गोविंदपुर लाइन वे की समस्या है. यानी लोगों की ओर से लाइन निर्माण में बाधा उत्पन्न की जा रही है। 132 केवी डाढ़ा-इटखोरी लाइन वन विभाग के पास एनओसी लंबित है। 132 केवी बरही-इटखोरी लाइन वन विभाग ने मांग पत्र नहीं दिया है। 132 केवी विष्णुगढ़-सरिया लाइन एनओसी नहीं मिला है। 132 केवी जमुआ-गांवा लाइन वन विभाग की ओर से 9.15 करोड़ का मांग पत्र दिया गया है, इसमें छूट का आग्रह किया गया है। 132 केवी बड़कागांव-पतरातू लाइन बड़कागांव ग्रिड के लिए भूमि सुनिश्चित नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *