पहले पूर्व सीएम हेमंत सोरेन फिर मंत्री आलमगीर आलम और अब किसकी है बारी…

रांची: भ्रष्टाचार की कहानी में झारखंड वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करने की ओर अग्रसर है। यहां पर जिसे भी सत्ता हाथ लगी उसने जमकर इसका मजा लिया है। अवैध कमाई कर नोटो का पहाड़ खड़ा कर दिया है। केंद्र सरकार की विकास योजनाओं की राशि हो या राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास फंड की राशि,सभी में सब की बराबर की होती है हिस्सेदारी। इसमें जनता की होती है हकमारी। जी हां यह कोई कहानी नहीं हकीकत है। इस तरह का खेल झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों में ही संभव है।
दरअसल,पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनने के साथ ही भ्रष्टाचार की भी शुरुआत हो गई। साल 2019को गठबंधन की सरकार बनी और कुछ ही महीने में वैश्विक महामारी कोरोना आ गया। सरकार में पूरा तंत्र इस आपदा से निपटने में लगा रहा। प्रवासी मजदूरों को उसके घरों तक पहुंचाना,उन्हें राशन पानी उपलब्ध कराने सहित दावा की व्यवस्था किया गया। जैसे ही इस आपदा से सरकार बाहर आई तो विकास योजनाओं का काम शुरू हुआ और उसके बाद विकास के साथ साथ कही न कही भ्रष्टाचार भी होता गया। यही नहीं ट्रांसफर पोस्टिंग का भी सिलसिला चला। इसमें खादी और उसके दलाल के साथ साथ खाकी भी व्यस्त रही। इस खेल को ईडी भी दूर से निहारती रही,जब यह चरम पर पहुंचा तब ईडी एक्शन में आई।
इसी कड़ी में सबसे पहले आईएएस पूजा सिंघल के ठिकाने पर छापेमारी हुई। यहां पर ईडी को नोटो का जखीरा बरामद हुआ। इतने रुपए मिले की उन्हे गिनने के लिए मशीन भी हांफने लगी। इसके बाद जैसे जैसे मामले की जांच हुई एक से बढ़कर एक अधिकारी ईडी के गिरफ्त में आने लगे। सेना की जमीन मामले में ईडी ने पहले आईएएस छवि रंजन को गिरफ्तार किया। साल 2024 गठबंधन सरकार के लिए आपदा बन कर आया। बडगाई में साढ़े आठ एकड़ सेना की जमीन मामले में ईडी ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद इससे जुड़े कई लोगों को जेल की सलाखों के अंदर पहुंचाया। भ्रष्टाचार का उद्भेदन का कार्य जारी रहा। बीते दिनों ग्रामीण विकास के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ठिकाने पर भी ईडी को करोड़ों रुपए मिले। वीरेंद्र राम फिलहाल जेल में हैं। इस मामले की तह तक जाने के क्रम में फिर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम के ठिकाने पर छापेमारी में फिर ईडी को करोड़ों रुपए मिले। ईडी ने दोनों को गिरफ्तार किया और पूछताछ शुरू कर दिया। दोनों की पूछताछ में ईडी को मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ सबूत मिले और उन्हे समन भेजा गया।
ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम,उसके पीएस संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम को आमने सामने बैठकर पूछताछ किया और इसके बाद 35करोड़ का राज बाहर आया। ईडी ने मंत्री को कोर्ट में पेश किया है और पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। आगे अब इस खेल में और क्या होगा,इसमें और कितने मंत्री और अधिकारी आयेंगे यह तो समय ही बताएगा। वहीं इससे पहले राज्याभा सांसद धीरज साहू के ठिकाने से भी करोड़ों रुपए सीबीआई और आयकर विभाग ने बरामद किया और फिर इसमें ईडी की एंट्री हुई।
लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। चार चरण के मतदान संपन्न हो चुके हैं । शेष बचे चरणों के मतदान के लिए चुनाव प्रचार चल रहा है। सबसे मजे की बात तो यह है कि भ्रष्टाचार के मामले में गठबंधन की सरकार कही न कही बैकफुट पर आ गई है। वहीं एनडीए लगातार इस मुद्दे पर विपक्ष पर हमले कर रही है।

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