राजस्व संग्रहण में सुधार की कोशिश, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सूचना भवन में आयोजित वाणिज्य -कर विभाग की प्रेस वार्ता में रखी बात
रांची :वित्त सह वाणिज्य कर मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य में बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसरों के लिए कुशल प्रबंधन की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के चलते राजस्व संग्रहण प्रभावित हुआ, फिर भी प्रयास संतोषजनक रहे हैं। मंत्री ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 1,06,999.57 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से 92,189.10 करोड़ रुपये की वसूली हुई, जो कि 86.16% है। वहीं, गैर-कर प्राप्तियों सहित कुल 1,03,469.82 करोड़ रुपये यानी बजट एस्टीमेट का 80.27% प्राप्त हुए हैं। वे बुधवार को सूचना भवन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे । वित्त मंत्री के साथ वाणिज्य विभाग के सचिव अमिताव कौशल और वाणिज्य कर आयुक्त अमीत कुमार भी मौजूद थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि FRBM अधिनियम के तहत वर्ष 2025-26 में सभी विभागों को तीन महीने में एक बार राजस्व संग्रहण की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है, और वे स्वयं छह महीने में एक बार इसकी समीक्षा करेंगे। राज्य के सभी प्रमंडलों का दौरा कर अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे, वहीं जो प्रमंडल पीछे होंगे, उन्हें विशेष निर्देश और सहायता दी जाएगी। PL अकाउंट में की राशि का विवरण सभी विभागों से मंगवाया गया है। PL अकाउंट में राशि जो 2010 से पार्क की गई है वह गलत है। इसपर हम पूरी संवेदनशीलता के साथ समीक्षा कर रहे हैं
श्री किशोर ने कहा कि माइयां सम्मान योजना की राशि सरकार द्वारा सुनिश्चित की गई है। वहीं, राजस्व व्यय की जानकारी देते हुए बताया गया कि 1,31,234.42 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिनमें से 1,18,279.69 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्य के आर्थिक ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी की हमारी सरकार का वित्तीय प्रबंधन पारदर्शी हो । उन्होंने कहा कि सभी विभागों के सचिवों को निदेश दिया गया है कि अप्रैल के अंत तक या फिर 7 मई तक योजनाओं के विरुद्ध जिलों को राशि आवंटित कर दी जाए ताकि विकास का काम बाधित ना हो ।
वित्त सह वाणिज्य कर मंत्री श्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा की झारखंड सरकार के वाणिज्य कर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में निर्धारित लक्ष्य 26 हज़ार करोड़ रुपये के विरुद्ध 22292.25 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण प्राप्त कर लिए है जो वार्षिक लक्ष्य का 85.74 फीसदी राजस्व संग्रहण है। जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 14286.27 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई थी । इस प्रकार विगत पाँच वर्षों में प्राप्त राजस्व संग्रह में कुल 56.04 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है । वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल राजस्व संग्रह 26,500 करोड़ रुपया का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त जानकारी श्री किशोर ने बुधवार को सूचना भवन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में कहीं।
मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि वित्तीय वर्ष
2024-25 में SGST के लिए राजस्व संग्रहण के निर्धारित लक्ष्य 15375 करोड़ के विरुद्ध 14210.10 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण प्राप्त किया है जो वार्षिक लक्ष्य का 92.42 प्रतिशत है । जबकि 2019-20 में SGST से 9949.51 करोड़ का राजस्व संग्रहण किया गया था इस प्रकार देखा जाए तो विगत पाँच वर्षों में SGST से प्राप्त राजस्व में कुल 42.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। श्री किशोर ने कहा कि वर्तमान में माल एव सेवा कर अधिनियम के अधीन निबंधित कर-दाताओं की कुल संख्या 2,11,498 है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 15500 करोड़ रूपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
VAT के माध्यम से वाणिज्य कर विभाग ने 6618.51 करोड़ रुपये जुटाए*
मंत्री श्री किशोर ने कहा कि VAT के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्व सग्रहण का निर्धारित लक्ष्य 9124 करोड़ रूपये के विरूद्ध कुल 6618.51 करोड़ रूपये का राजस्व संगरहण किया गया है जो वार्षिक लक्ष्य का 72.54 है। वर्तमान में मूल्यवर्द्धित कर अधिनियम क अधीन निबंधित व्यवसायियों की कुल संख्या 4149 है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 9310 करोड़ रूपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
JED के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्व संगरहण का निर्धारित लक्ष्य 1413 करोड़ रूपये के विरूद्ध कुल 1361.24 करोड़ रूपये का राजस्व संगरहण किया गया है जो वार्षिक लक्ष्य का 96.34 निर्धारित किया गया है। वर्तमान में विद्युत शुल्क के अधीन निबंधित व्यवसायियों की कुल संख्या 267 है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1600 करोड़ रूपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। JPT के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्व संगरहण का निर्धारित लक्ष्य 88 करोड़ रूपये के विरूद्ध कुल 102.40 करोड़ रूपये का राजस्व संग्रहण किया गया है जो वार्षिक लक्ष्य का 116.36 है। वर्तमान मे पेशा कर अधिनियम के अधीन निबंधित व्यवसायियों की कुल संख्या 33533 है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 90 करोड रूपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कार्य योजना पर बाल देते हुए कहा कि इस वित्तीय वर्ष में खनन एवं विनिर्माण कार्य में संलग्न डीजल के bulk purchase के लिए ‘कर’ दर कमी से कर में वृद्धि होगी साथ ही ATF (Aviation Turbine Fuel) में कर दर बढ़ाने के फलस्वरूप राजस्व में अभिवृद्धि संभावित है। उन्होंने कहा कि वाणिज्य-कर विभाग में नये System Integrator (SI) के चयन हेतु जैप0आई0टी0, झारखण्ड, राँची के द्वारा डीपीआर तैयार किया जा रहा है। नये System Integrator (SI) के चयन के उपरांत GSTN से System Integration एवं अन्य कार्य/राजस्व विभागों के पोर्टल के साथ Integration किए जाने का प्रयास किया जाएगा तथा तद्नुसार उपलब्ध ऑकड़ो का तिर्यक जाँच संभव हो सकेगा जिससे राज्य के राजस्व में अपेक्षित वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि विभाग में कार्यरत Intelligence and Revenue एनालिसिस Unit (IRAU) एवं Special Task Unit (STU) को अधिक प्रभावशाली बनाने हेतु प्रयास किया जाएगा जिससे ससमय
विवरणी दाखिला, विवरणियां की समीक्षा एवं कर-अपवंचना करने वाले
कर-दाताओं की सतत् निगरानी रखी जा सके।

