देश की बुनियाद ही सार्वजनिक क्षेत्र है जिन्हें सरकार गैर जिम्मेदाराना तरीके से निजी हाथ में सौंप रही : कामरेड सुनील कुमार

रांची : अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ के सलाहकार, अखिल भारतीय राष्ट्रीयकृत बैंक अधिकारी महासंघ  के सभापति और बैंक ऑफ इंडिया अधिकारी महासंघ के महासचिव कॉमरेड सुनील कुमार अपने दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को रांची पहुंचे।

वहीं रांची प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता के माध्यम से सरकार की निजीकरण की नीति की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए इसे राष्ट्र विरोधी बताया।

श्री कुमार ने कहा कि हमारे देश की बुनियाद ही सार्वजनिक क्षेत्र हैं जिन्हें आज सरकार गैर जिम्मेदाराना तरीके से निजी हाथ में सौंप रही है ।

उन्होने बताया कि ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है । आप रांची शहर के एचईसी, सेल आदि संस्थान को ले लिजीए और तुलना किजिए उषा मार्टिन जैसी निजी कंपनी से । आपको फर्क साफ़ साफ़ नज़र आ जाएगा । बृहद रोजगार, समाज के सभी वर्गों को सहारा, आरक्षण, आदि जितनी भी सामाजिक जरूरतें हैं, यह सब निजीकरण की नीति में बहुत पीछे रह जाने वाली हैं ।

उन्होंने बताया कि निजीकरण का प्रथम परिणाम होगा कि इससे भविष्य में देश में भंयकर बेरोजगारी का संकट बढ़ेगा, लोगों को असमान वेतन, काम के अनियमित घंटे आदि से जूझना होगा ।

जहाँ तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बात है तो जरा पता कीजिए की अकेले रांची जिले में रांची शहर के बाहर कितने प्राईवेट बैंकों की शाखाएँ हैं ।

उन्होंने जोर दिया की अगर देश के हर शहर हर गांव को बचाना है तो हर वर्ग और हर तबके को आज ही निजीकरण के खिलाफ आवाज उठानी होगी वर्ना वह दिन दूर नहीं जब इस्ट इंडिया जैसी कंपनी हम पर फिर से राज करे ।

प्रेस वार्ता में एआईबीओसी के झारखंड राज्य इकाई के सलाहकार और बैंक ऑफ इंडिया अधिकारी संघ झारखंड राज्य इकाई के महासचिव कॉमरेड सुनील लकड़ा, एआईबीओसी झारखंड राज्य इकाई के अध्यक्ष श्री अखिलेश कुमार, एआईबीओसी झारखण्ड राज्य इकाई के सचिव सह बीओआई अधिकारी संघ, झारखंड राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष कॉमरेड प्रकाश उरांव, बीओआई अधिकारी संघ, झारखंड राज्य इकाई के अध्यक्ष कॉमरेड अमित कुमार, उपमहासचिव कॉमरेड विजय कुमार वाधवा, सहायक महासचिव कॉमरेड मनीष नारायण, कोषाध्यक्ष कॉमरेड वरुण कुमार एआईबीओसी झारखण्ड राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष कॉमरेड भरत लाल ठाकुर, कॉमरेड हरीश कुमार, कॉमरेड मोहम्मद अली हसन और अन्य बैंक कर्मी मौजूद थे।

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