किसानों से खरीदी गई धान की बकाए राशि का नहीं हुआ भुगतान, राज्य सरकार से लगाई गुहार

खूंटी: झारखंड में कृषि और कृषकों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार बड़ी बड़ी घोषणा करती है।लेकिन हकीकत में किसानों की चिंता न तो सरकार को है और न ही उनके अधिकारियों को है।
किसानों से राज्य सरकार ने सरकारी लैंपस-पैक्स के माध्यम से धान की खरीदारी की। धान बेचने के बाद तीन चार महीना में आधी रकम किसानों को मिला। लेकिन छह महीने बीत जाने के बाद भी किसानों को बकाया 50प्रतिशत राशि का भुगतान अबतक नहीं हो पाया है। मानसून आने के बाद से ही किसान अपने खेतों पर लौटने लगे। बिचड़ा लगाने, जुताई एवं जमीन बनाने का कार्य में जुट गए हैं।खाद खरीदने के लिए किसानों को अभी पैसे की जरूरत है। वहीं झाविमो के पूर्व जिला अध्यक्ष सह पॉलिटिकल नेता दिलीप मिश्रा ने किसानों को अविलंब बकाए राशि का भुगतान करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव और वित्त सचिव को पत्र लिखा है।
पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख किसानों से बिचोलियों के हाथ धान नहीं बेचने की बात करते हैं पर सरकारी व्यवस्था ऐसी रहेगी तो किसान मजबूरन बिचोलियों के हाथ धान बेचने को विवश हो जायेंगे। पूरे झारखण्ड के किसानों का लगभग 17 से 19 करोड़ रुपया धान का भुगतान करना बाकी है। सरकार की गलत नीति के कारण किसान बिचोलियों के हाथ धान बेचने को मजबूर होते हैं। ऐसा सरकार भी चाहती है,तभी तो छः महीना बीत जाने के बाद किसानों का 50% राशि का भुगतान नहीं करना यह किसानों के साथ धोखा नहीं तो क्या है।
उन्होंने कहा कि अभी खेती बारी का समय है। किसान, बीज, खाद जोताई का कार्य करेंगे। इसके लिए उन्हें पैसे की जरूरत है। इस लिए राज्य सरकार अविलंब किसानों के बकाए राशि का भुगतान करे। भुगतान में देरी होने पर किसान सड़कों पर आंदोलन को बाध्य होंगे।

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