पूर्णियां विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह को डॉ. अशोक कुमार आलोक एवं डॉ. नूतन आलोक ने दी बधाई

पूर्णियां: पूर्णियां विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति प्रो. (डॉ.) विवेकानंद सिंह को वाई एन पी डिग्री कॉलेज रानीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार आलोक और उप प्रधानाचार्य डॉ. नूतन आलोक ने उनके नए कार्यकाल के शुभारंभ पर पुष्पगुच्छ देकर बधाई दी और उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय के समग्र विकास की कामना की। इस अवसर पर डॉ. अशोक कुमार आलोक ने कहा, “संबद्ध डिग्री कॉलेज प्रधानाचार्य संघ की ओर से हम सभी का सच्चे दिल से अभिनंदन करते हैं। हम आशा करते हैं कि आपके मार्गदर्शन में पूर्णियां विश्वविद्यालय एक नई दिशा में अग्रसर होगा और इस क्षेत्र में शैक्षिक उत्कृष्टता का नया मापदंड स्थापित करेगा।”

उन्होंने कहा, “आपके नेतृत्व में हम उम्मीद करते हैं कि विश्वविद्यालय के सभी संबद्ध कॉलेजों को शैक्षिक स्तर पर बेहतर दिशा मिलेगी और समग्र रूप से विश्वविद्यालय के विकास में तेजी आएगी। हम आपके साथ मिलकर इस संस्थान को नए आयामों तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”

कुलपति प्रो. (डॉ.) विवेकानंद सिंह ने इस सम्मान और समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आप सभी की शुभकामनाएं मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। शीघ्र हीं विश्वविद्यालय के विकास के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। मुझे थोड़ा समय दें, मैं जल्द ही संबद्ध कॉलेजों के प्रधानाचार्यों की बैठक बुलाऊंगा ताकि हम मिलकर विश्वविद्यालय के समग्र विकास के लिए ठोस योजनाएं बना सकें।”

उन्होंने यह भी कहा, “संबद्ध कॉलेजों के विकास के लिए एक सशक्त और समन्वित प्रयास किया जाएगा। मुझे विश्वास है कि आपके सहयोग से हम विश्वविद्यालय को एक नई पहचान दिलाने में सफल होंगे।”

इस अवसर पर डॉ. नूतन आलोक ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “पूर्णियां विश्वविद्यालय में इस नई शुरुआत से हमें एक नई उम्मीद जगी है। हम सभी आशा करते हैं कि कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय शिक्षा, प्रशासन और शोध में एक उत्कृष्ट उदाहरण बनेगा।”

इस मुलाकात के दौरान सभी ने विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों के बीच बेहतर संवाद और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे विश्वविद्यालय के शैक्षिक मानकों को ऊंचा किया जा सके और छात्रों के लिए एक समृद्ध शैक्षिक वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।

यह मुलाकात न केवल एक उत्साहजनक शुरुआत थी, बल्कि इसने यह भी सुनिश्चित किया कि कुलपति के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों के समग्र विकास के लिए एक साझा दृष्टिकोण और रणनीति तैयार की जाएगी।

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