डॉ. अंबेडकर समाज सुधारक ही नहीं बल्कि एक कुशल राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री भी थे : डॉ रविंद्र कुमार राय

आज भारतीय संविधान निर्माता और भारत रत्न डॉ. बीआर अंबेडकर की पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। उनकी पुण्यतिथि पर 69वां महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने पूरा जीवन दलितों, शोषितों और पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने हमेशा मजदूर वर्ग व महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। दलितों के मसीहा अंबेडकर महान चिंतक, समाज सुधारक, न्यायविद व अर्थशास्त्री भी थे।

भीमराव आंबेडकर की विरासत आज भी देशभर में प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने सामाजिक न्याय, शिक्षा और समानता के क्षेत्र में जो क्रांति शुरू की, वह हमेशा प्रासंगिक रहेगी. उनके विचार और योगदान वंचितों के सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित हुए।

भारत में जब-जब संविधान और लोकतंत्र की बात होगी, बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर का नाम तब तब प्रमुखता से लिया जाएगा. यही वजह है कि 6 दिसंबर का दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख के रूप में दर्ज है. इस दिन देश भर में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी जाती है. इस दिन भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और दलितों के मसीहा कहे जाने वाले आंबेडकर का 1956 में निधन हुआ था.

डॉ. अंबेडकर समाज सुधारक ही नहीं बल्कि एक कुशल राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री भी थे। साथ ही आज भी वो लाखों संघर्षशील युवाओं के लिए प्रेरणा की मशाल हैं। लगातार अभाव, भेदभाव और संघर्ष से जूझते हुए जीवन में सफल होने का साहस बाबा साहेब अम्बेडकर के जीवन से सीखा जा सकता है। उन्होंने लगातार संघर्ष से बीए, एम.ए.,एम.एस.सी, पीएचडी, बैरिस्टर आदि के साथ लगभग 32डिग्रियां हासिल की तथा  9 भाषाओं में महारथ हासिल की।  

कार्यक्रम में मुख्य रूप से हेमंत दास,रामचन्द्र नायक,जोगेन्द्र लाल,रंजन पासवान,सुबोध कांत,खुदा राम,कमलेश राम,राजीव राज लाल,राकेश राम,गोविंद बाल्मिकी,मनोज राम,संजय चौधरी,प्रेम मित्तल,सूरज चौरसिया,बबीता वर्मा सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित हुए।

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