भूल के भी मत खाइएगा रजनीगंधा , दिलरूबा और शिखर, नहीं तो पड़ेंगे लेने के देने, झारखंड में 11 पान मसाला पर बैन

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आदेश, होगी कार्रवाई
रांचीः अगर आप पान मसाला के शौकीन हैं तो भूल के भी नहीं खाइएगा। नहीं तो लेने के देने पड़ जाएंगे। काफी लोग कहते हैं कि रजनीगंधा खाने से दिमाग की बत्ती जलती है, काम भी तेजी से होता है। ऐसी सोच रखने वालों की सरकार दिमाग की बत्ती ही गुल कर देगी। राज्य सरकार ने 11 पान मसाला ब्रांड पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध अगले एक साल तक जारी रहेगा। जिस पान मसाला पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें पान पराग, शिखर पान मसाला, रजनीगंधा, दिलरूबा, राजनिवास, मुसाफिर, मधु, विमल, बहार पान मसाला, शेहरत ब्रांड और पान पराग प्रीमियम ब्रांड शामिल हैं। राज्य सरकार ने फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के तहत यह प्रतिबंध लगाया गया है.
पान मसाला में हानिकारक मैग्नेशियम कार्बोनेट
जारी आदेश में कहा गया है कि पान मसाना में हानिकारक मैग्नेशियम कार्बोनेट की मात्रा रहती है। राज्य सरकार ने इसकी जांच भी कराई है। जांच में पाया गया है कि पान पराग, शिखर पान मसाला, रजनीगंधा, दिलरूबा, राजनिवास, मुसाफिर, मधु, विमल, बहार पान मसाला, शेहरत ब्रांड और पान पराग प्रीमियम ब्रांड में मैग्नेशियम कार्बोनेट की मात्रा काफी अधिक है. अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के हस्ताक्षर से पान मसाला के उत्पादन, भंडारण और वितरण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है।

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