झारखंड में डॉक्टरों को 4 निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस करने की सशर्त इजाजत

रांची : झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने सरकारी चिकित्सकों को कार्यावधि के बाद निजी प्रैक्टिस की छूट दे दी है। यह निर्णय शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री के साथ आईएमए, झासा व एचबीआई के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में लिया गया। वहीं मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट पर मुख्यमंत्री से विमर्श के बाद फैसला होगा।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकारी चिकित्सक आयुष्मान भारत से संबद्ध अधिकतम चार अस्पतालों में ही निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं। उसमें भी जितना मरीज वह निजी अस्पतालों में देखेंगे उतने ही का उपचार सरकारी अस्पतालों में भी करना होगा। साथ ही उक्त संबद्ध अस्पतालों को भी तीन माह तक बदला नहीं जा सकेगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, अभियान निदेशक, एनएचएम भुवनेश प्रताप सिंह, स्रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद के अलावा आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह, सचिव डॉ प्रदीप सिंह, झासा के प्रांतीय सचिव डॉ विमलेश सिंह, आईआईएम रांची के अध्यक्ष डॉ शंभू प्रसाद सिंह, झासा के डॉ ठाकुर मृत्युंजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।
सरकारी डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक समेत विभिन्न मामलों को लेकर शनिवार को रांची में स्वास्थ्य मंत्री और आईएमएम के बीच हुई बैठक में सरकारी डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर सरकार द्वारा बंद कराने के निर्णय पर फिर से विचार करने और सरकारी डॉक्टरों को आयुष्मान से जुड़े चार प्राइवेट अस्पतालों में प्रैक्टिस करने की इजाजत देने का आश्वासन दिया गया है। इसके बाद आईएमएम ने 23 अगस्त से आहूत डॉक्टरों की हड़ताल को स्थगित करने की घोषणा कर दी है।
गौरतलब है कि सरकारी चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस करने की शर्तों को हटाने, क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट के व्यवहारिक कठिनाइयों पर विमर्श कर एक्ट को अधिक उपयोगी बनाने, राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने एवं पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के मामलों को लेकर आईएमए ने 23 अगस्त से राज्य व्यापी हड़ताल की घोषणा कर रखी थी।
वहीं, आईएमएम झारखंड के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह के नेतृत्व में सचिव प्रदीप कुमार सिंह, झासा के अध्यक्ष डॉ. विमलेश सिंह, डॉ. ए. चक्रवर्ती आदि ने भी बैठक में भाग लिया। आईएमएम झारखंड के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह के अनुसार बैठक काफी सकारात्मक रही। सरकारी डॉक्टरों को आयुष्मान से जुड़े चार प्राइवेट अस्पतालों में प्रैक्टिस करने की छूट देने का आश्वासन दिया गया है।

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