हजारीबाग में प्रमंडलीय केसीसी वितरण समारोह सीएम हेमंत बोले, विरोधी हमारी सरकार गिराने में लगे हैं, सरकार काम करना चाहती है. पर विरोधी हमें लड़ाने में लगे हैं
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि विरोधी हमारी सरकार गिराने में लगे हैं, सरकार काम करना चाहती है. पर विरोधी हमें लड़ाने में लगे हैं राज्य में गंठबंधन की सरकार है, हमारे ग्रामीण, किसान, मजदूर जैसे लोगों को हम कैसे अधिक से अधिक मदद पहुंचायें. यह हमारी प्राथमिकता रहती है. हमारा मानना है कि जब गांव मजबूत होगा, तो प्रखंड मजबूत होगा. तभी जिला और राज्य मजबूत होंगें. यही वजह है हर वो योजना, देखें, वह अमल हो रहा है. किसान क्रेडिट कार्ड में सैकड़ों करोड़ रुपये आपके बीच में वितरित हो रहा है. सीएम गुरुवार को हजारीबाग में प्रमंडल स्तरीय केसीसी वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम, अगड़ा-पिछड़ा, आदिवासी-गैर आदिवासी के नाम पर हमें लड़ा रहे हैं. पेंशन का समाधान न विधायक न सांसद निकाल पाये. भारत सरकार से कोटा बढ़ाने की अपील की थी. पर कोटा नहीं बढ़ा. हमलोगों ने 15 लाख नया राशन कार्ड जारी किया है. इस साल में 13 लाख और 20 साल में 18 लाख पेंशनधारी ही बने. बैंक कर्मी हमारे प्रति सही नही हैं. सभी को यह काम दिया है. मुझे उम्मीद है कि पदाधिकारी, किसान और बैंकर मिल कर आगे बढ़े. सरकार की योजनाओं को आपकी सरकार के माध्यम से पहुंचाने का काम किया. कई चीजें हैं, जिसे करने की आवश्यकता है बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना शुरू की है. हमारे राज्य में 70 फीसदी लोग ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं. खेती-बाड़ी करनेवाले हैं. झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है. न जाने क्यों यह पिछड़ा है. हम सब भुक्तभोगी हैं. जो भी योजनाएं बनती थी, वह कागजों में बनती थी. जमीन में क्या होता था. किसी को कोई परवाह नहीं थी. हम किसान क्रेडिट का लाभ किसानों को मिल रहा है कि नहीं, उसे देखने आये हैं. यह निर्णय लिया गया है कि हम वृक्षों, पेड़ का पट्टा किसानों को देंगे. जमीन रहेगा सरकार का. पेड़ का मालिक किसान होगा. महुआ, आम, लिची, कटहल, अरमूद के पेड़ का मालिक झारखंड राज्य का किसान होगा. नीति निर्धारण करनेवालों ने ग्रामीण किसानों को भूल कर नीतियां बनायीं. हमें शुरू से काम करना होगा।