झारखंड प्रदेश कांग्रेस की कमान किसी युवा आदिवासी चेहरा को देने की चर्चा !

रांची:आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अपनी दमदार परिणामों की चाहत को ले ठोस रणनीति अख्तियार की है। सभी जिले में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित कर संगठन मजबूती पर फोकस की है। इससे पहले सत्याग्रह यात्रा,न्याय यात्रा सहित कई तरह की एक्टिविटी कर राजनीति जमीन मजबूत करने की पुरजोर कोशिश की गई है। वर्तमान में भी प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर अलग अलग जिले का दौर कर मिशन2024 के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को तैयार करने में लगे हुए हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात पार्टी के अंदर अंतर्कलह थामने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के कई कद्दावर नेता वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष से नाराज चल रहे हैं। यही नहीं कई जिले में कार्यकर्ता भी पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है की उनकी बातों को कांग्रेस कोटे के मंत्री और विधायक नहीं सुनते हैं। जब चुनाव का समय आता है तो कार्यकर्ताओं को पूछा जाता है और चुनाव समाप्त होने के साथ ही कार्यकर्ताओं को भूल जाते हैं। बोर्ड-निगम और आयोग में अबतक खाली पदों को भरा नहीं गया है। कांग्रेस पार्टी में वर्षों से पार्टी का झोला टांगने वाले नेताओं का इस पर टिकी हुई है। लेकिन इसमें भी मंत्री और अध्यक्ष अपने अपने चहते को भरने में लगे हुए हैं। इससे भी पुराने कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।
इसके अलावा बहुत से कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश कांग्रेस की कमान किसी आदिवासी चेहरा को देने की बात कर रहे हैं। उनका मानना है की 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में आदिवासी चेहरा पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा और सफलता हाथ लगी। उसी तरह से2024के लोकसभा और विधानसभा चुनाव किसी युवा आदिवासी चेहरा पर  चुनाव लड़ना चाहिए। इससे पिछली बार से भी बेहतर परिणाम मिल सकता है। कर्नाटक में जिस तरह से कांग्रेस को भारी सफलता मिली है,उसी तरह से झारखंड में भी मिल सकती है। यहां भी कांग्रेस अपने बलबूते सरकार बना सकती है। लेकिन, इससे पहले प्रदेश कांग्रेस की कमान किसी युवा आदिवासी चेहरा को देने की जरूरत है। इसमें पूर्व मंत्री बंधु तिर्की,खिजरी विधायक राजेश कच्छप,विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी प्रमुख रूप से है। इसके अलावा मंत्री डॉक्टर रामेश्वर उरांव भी रेस में हैं।
जानकारों की मानें तो कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व झारखंड में भी फेरबदल करने की तैयारी में है। रामगढ़ उप चुनाव में कांग्रेस को निराशा हाथ लगी है।सीटिंग सीट से हाथ धोना पड़ा है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व को बदलने की मांग होने लगी थी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *