डीजीपी नियुक्ति विवाद: जेएमएम प्रवक्ता के उत्तर प्रदेश को लेकर बयान तथ्यहीन: अजय साह

रांची :भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीजीपी अनुराग गुप्ता के समर्थन में झारखंड मुक्ति मोर्चा झामुमो द्वारा दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि JMM के प्रवक्ता ने अपनी प्रेस वार्ता में मूल मुद्दों पर जवाब देने के बजाय केवल श्री बाबूलाल मरांडी जी पर व्यक्तिगत कटाक्ष किए। इससे यह स्पष्ट होता है कि JMM भी इस सच्चाई को स्वीकार कर चुका है कि अनुराग गुप्ता की झारखंड के डीजीपी के रूप में नियुक्ति पूरी तरह असंवैधानिक है।

अजय साह ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया में यूपीएससी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह एक संवैधानिक संस्था है और सुप्रीम कोर्ट ने इसे डीजीपी चयन प्रक्रिया के लिए अधिकृत किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यूपीएससी के सदस्य को चयन पैनल में शामिल किए बिना डीजीपी की नियुक्ति करना संविधान का सीधा उल्लंघन है। प्रकाश सिंह केस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि डीजीपी की नियुक्ति केवल यूपीएससी पैनल की सिफारिशों के आधार पर ही होनी चाहिए।उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस संवैधानिक उल्लंघन को छिपाने के लिए गोल-मोल बातें कर रही है, जबकि यह एक गंभीर मामला है और इस पर पारदर्शी जवाब दिया जाना चाहिए।

अजय साह ने आगे कहा कि डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए सेवा विस्तार या सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने की पूरी शक्ति केंद्र सरकार के पास होती है। हालांकि, JMM प्रवक्ता ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे केवल तथ्यों को तोड़-मरोड़कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं|

श्री साह ने आगे बताया कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में हाल ही में डीजीपी की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप यूपीएससी पैनल के माध्यम से की गई है। जेएमएम प्रवक्ता को उत्तर प्रदेश का ठीक से अध्यन करना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने नियमविरुद जाकर डीजीपी की ऐसी कोई भी नियुक्ति नहीं की है।

अजय साह ने हेमंत सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि झारखंड सरकार लगातार संवैधानिक प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि हेमंत सरकार खुद को संविधान और सर्वोच्च न्यायालय से ऊपर मान रही है और अपने फैसलों में कानूनी प्रक्रियाओं को पूरी तरह दरकिनार कर रही है।प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी उपस्थित थे।

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