कृषि का विकास खूंटी के लिए भविष्य में गेम चेंजर सिद्ध होगा: उपायुक्त

खूंटी: झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा आदर्श विद्यालय सभागार में जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन का आयोजन  किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि उपायुक्त शशिरंजन, उप विकास आयुक्त नितीश कुमार सिंह, परियोजना, निर्देशक आईटीडीए संजय कुमार भगत, अनुमंडल पदाधिकारी अनिकेत सचान एवं अन्य द्वारा संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। सम्मेलन के दौरान शिक्षा के विकास में ग्रामीण जनप्रतिनिधियों का भूमिका के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।
मौके पर उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण जनप्रतिनिधि क्षेत्र के विकास की दिशा में जिला प्रशासन की एक मजबूत कड़ी हैं। बहुत सी ऐसी योजनाएं हैं, जिन्हें को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी मुखिया पर होती है। मुखिया को जनता के विश्वास को कायम रखते हुए अपनी जबावदेही का ईमानदारी से निर्ववहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में क्रियान्वित योजनाओं की जानकारी के बिना अपने दायित्व का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया जा सकता है।
उपायुक्त ने कहा कि पंचायतों के विकास होने से प्रखंड और प्रखंड का विकास होने बाद से जिला व राज्य का विकास सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्षों के दौरान हमारा खूंटी कैसा हो, इस दिशा में जिला प्रशासन द्वारा कार्य योजना तैयार किया जा रहा है। विकास के लिए सोच को विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि अगले पांच वर्षों के दौरान हमारा पंचायत कैसा हो, इस संबंध में कार्य योजना तैयार करें। जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि विकास की योजनाओं की जरुरत से जिला प्रशासन को अवगत कराएं, जिला प्रशासन हरसंभ्सव सहयोग करेगा।
उन्होंने कहा कि खेती को बढ़ावा देना न केवल हमारी जरुरत है बल्कि मजबूरी भी है।  जिले में कृषि का विकास खंूटी के लिए भविष्य में गेम चेंजर सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि जिले में चिकू व ड्रैगन फ्रूट अच्छी खेती हो सकती है। इसकी खेती के लिए किसानों को प्रेरित किये जाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त ने कहा कि शिक्षा का विकास के क्षेत्र में निर्वाचित जनप्रतिधियों महत्वपूर्ण  भूमिका होती है। विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था को दुरुस्त रखने में विद्यालय प्रबंध समिति का अहम योगदान होता है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिधियों को स्कूल की आधारभूत संरचना, शिक्षकों की गतिविधियां, मघ्याह्न भोजन की गुणवता पर विशेष घ्यान देना चाहिए। उन्होंने नयी शिक्षा नीति का विद्यालयों अक्षरतः अनुपालन कराने पर जोर देकर कहा कि जनप्रतिनिधियों को संबंधित स्कूलों में ड्राप आउट पर रोक लगाने का प्रयास करना चाहिए।
सम्मेलन के दौरान परियोजना निर्देशक, आईटीडीए ने स्कूली बच्चों के लिए सरकार द्वारा संचालित विविध योजनाओं की जानकारी दी। अनुमंडल पदाधिकारी श्री अनिकेत सचान ने स्कूलों में ड्राप आउट पर रोक लगाने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका चर्चा की।
सम्मेलन में जिला शिक्षा पदाधिकारी अतुल कुमार चौबे, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्य़क्ष सहित प्रमुख, मुखिया व अन्य उपस्थित थे।
 

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