कुछ आसान टिप्स से अपने बच्चों के मेमोरी पॉवर को करें विकसित…. 

दिल्ली : कोरोनाकाल के दौरान स्कूल कॉलेज बंद होने से बच्चों की शिक्षा पर बहुत असर पड़ा है.घर में रहकर बच्चों का दिमाग कमजोर हो गया है.बच्चों का दिमाग बढ़ाने के लिए कई तरह के आसान से उपाय है.

दिमाग पर जितना जोर डाले जाए वह उतना ही शार्प होता है। बिलकुल एक चाकू की तरह। जिस तरह चाकू रखे-रखे जंग खाने लगता है और यूज करने से शार्प रहता है। इसलिए बच्चों का तेज दिमाग चाहिए तो उसका यूज करना उन्हें जरूर सिखाएं। तो चलिए आपको बताएं कि किस तरह से बच्चों को खेल-खेल में आप तेज दिमाग वाला बना सकते हैं।

दिमाग को भी एक्सरसाइज की जरूरत होती है और जब दिमाग सक्रिय होता है तो वह नए आइडियाज के साथ मेमोरी को भी शार्प करता है। दिमाग की एक्सरसाइज होती है सोचना, याद करना, कुछ नया सीखना या किसी समस्या को सुलझाने के उपाय निकलाना। तो इस आर्टिकल के जरिये आप जानें कि दिमाग की पावर को कैसे बढ़ना चाहिए।

सबसे पहले आप बच्चे को कोई ऐसी कहानी सुनाएं या कहानी पढ़ने को दें और फिर उस कहानी के बाद उसका ऑब्जरवेशन जानें। यही नहीं बच्चे के साथ उस कहानी पर जब आप चर्चा करें तो उससे उसकी सोच पर बात करें। उसकी सोच को डवलप करने की आदत इसी प्रक्रिया से होगी। क्योंकि एक ही कहानी या स्थिति पर अलग-अलग सोच बच्चे की हो सकती है। उस सोच के पीछे कारण बच्चे की तर्क केपेसिटी को बढ़ाएगा।

माइंड मेपिंग यानी किसी एक टॉपिक पर सोचना होता है। एक खाली पेपर लीजिए और उस पर कोई एक टॉपिक लिख दें। अब उस टॉपिक्स से जो भी चीजें दिमाग में आए लिखने के लिए बच्चे को कहें। बस लिखते जाने को कहें और उसे रुकने न दें। पेज जब पूरा भर जाए तो स्टॉप करें और देखें की दिमाग में किने शब्द या विचार भरे हैं। ये एक गेम है और इससे दिमाग के सोचने की केपेसिटी भी बढ़ती है। ऐसा करने से आपके दिमाग के दोनों हिस्से सक्रीय (activate) हो जाएंगे। जिस से उन दोनों के बीच का कनेक्शन स्पष्ट और तीव्र हो जाएगा। इससे यह फायदा होगा कि दोनों हिस्से जब एक समय पर एक्टिवेट होते हैं तो उस समय दिमाग की शक्ति बढ़ जाती है। इससे हमे किसी भी समस्या का आसानी से समाधान मिल जाता है।

याददाश्त बढ़ाने के लिए ब्रेन वर्कआउट करना होगा। इसके लिए बच्चे को अधिक से अधिक सुडोकू, क्रॉसवर्ड जैसे गेम खेलने के लिए दें। कोई पज़ल सॉल्व करने को कहरें। इससे मनोरंजन भी होगा और दिमाग भी सक्रिय होगा।

बच्चे के साथ कुछ क्ले से बनाए, या उसे कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित करें। जैसे डांस, म्यूजिक आदि कुछ भी। जिससे सीखने की हैबिट डवलप हो और दिमाग सक्रिय रहे।

अपने दिमाग के साथ कुछ उल्टा ही होता है। हम अपने दिमाग को जितना घिसेंगे, उतना ही तेज़ होगा। आज की जनरेशन की याददाश्त तो इस टेक्नोलॉजी ने भी कम कर रखी है। हर चीज को आसान बना दिया है। तो आपको क्या करना है कि जब भी कोई समीकरण या कैलकुलेशन आये, तो इसको केलकुलेटर की मदद से हल करने के बजाय, उसे बच्चे से हल करने को कहें।

आप कोई भी कागज बच्चे को दें और उसे अपनी कल्पना के घोड़े दौड़ते हुए पेंटिंग करने को कहें साथ ही पेंटिंग को वो एक्सप्लेन करते जाए। इससे आपकी याददाश्त तेज होगी। आपके सोचने की शक्ति बढ़ेगी और दिमाग ज्यादा प्रोडक्टिव हो जायेगा।

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