पटना में बैंक प्रबंधक की मनमानी व तानाशाही से ग्राहक परेशान

पटना। राजधानी पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की प्रबंधक द्वारा ग्राहकों के साथ दुर्व्यवहार व उनके मनमानी से बैंक के खाताधारी काफी परेशान हैं। गौरतलब हो कि इस बैंक की शाखा में पूरी तरह महिलाओं का साम्राज्य है। महिला कर्मचारी द्वारा ही इस शाखा को संचालित किया जाता है। बावजूद इसके महिला प्रबंधक महिलाओं की व्यथा को नहीं समझती। इतना ही नहीं बीमार, अस्वस्थ व दिव्यांग ग्राहकों की भी यहां घोर उपेक्षा की जाती है।
कॉलेज ऑफ कॉमर्स के सहायक जय प्रकाश भरतुआर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उनकी पत्नी श्रीमती मंजू सिंहा कई वर्षों से काफी बीमार हैं। चलने फिरने में असमर्थ हैं। बैंक को इसकी जानकारी व प्रमाण देने के बाद भी बैंक प्रबंधक द्वारा उक्त महिला ग्राहक मंजू सिंहा की
केवाईसी नहीं किया जा रहा है। मंजू सिंहा का पुत्र जो बीएसएफ में तैनात है,उसकी दो महीने बाद शादी है। इसके लिए श्रीमती सिंहा द्वारा बैंक में रकम निकासी करना है। लेकिन अपनी मनमानी पर उतारू महिला बैंक प्रबंधक का कहना है कि केवाईसी के लिए मंजू सिन्हा को खुद बैंक आना पड़ेगा। जबकि मंजू सिन्हा गंभीर रूप से बीमार हैं। हाल ही में बंगलौर से इलाज करा कर वापस आई हैं ।वे चलने फिरने के काबिल नहीं हैं ।
दिलचस्प बात तो यह है कि बैंक के अन्य ग्राहकों ने बताया कि उक्त महिला प्रबंधक पूरे तानाशाही अंदाज में महिला ग्राहकों के साथ दुर्व्यवहार करती हैं। किसी भी प्रकार के विवाद होने पर ग्राहकों को ही दोषी ठहराती हैं। उनके विरुद्ध अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है।
कॉलेज आफ कॉमर्स के सहायक जयप्रकाश भारतुआर ने बताया कि
बैंक में नियम है कि यदि कोई व्यक्ति चलने फिरने में असमर्थ हो व बैंक नहीं आ सकता।तो संबंधित शाखा प्रबंधक द्वारा बैंक के स्टाफ को भेज कर उसके हस्ताक्षर लिया जा सकते हैं। या जांच पड़ताल किया जा सकता है। इस बैंक के महिला प्रबंधक द्वारा इस नियम का भी पालन नहीं किया जा रहा है। श्री भरतुआर ने बताया कि वे इस मामले को लेकर क्षेत्रीय प्रबंधक को लिखित रूप से अवगत करा चुके हैं।उन्होंने तत्काल इस महिला बैंक प्रबंधक के स्थानांतरण की मांग की है।

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