चतरा में भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर कमलेश यादव ने किया सरेंडर

चतरा : प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन का दुर्दांत नक्सली चतरा, पलामू व लातेहार समेत झारखंड-बिहार के अलग-अलग इलाकों में आतंक का पर्याय बन चुके सैक सदस्य गौतम पासवान व मनोहर गंझू दस्ते के एरिया कमांडर कमलेश यादव ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। इतना ही नहीं कमलेश ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण के बाद पूछताछ के दौरान संगठन को लेकर कई राज उगले हैं। जिससे चतरा पुलिस एमसीसी नक्सलियों के विरुद्ध और भी बड़ी और विध्वंसक कार्रवाई कर सकती है। कमलेश यादव ने झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति नई दिशा से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। उसने समाहरणालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में उपायुक्त अबु इमरान, एसपी राकेश रंजन और सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इस दौरान सरकार की पॉलिसी के तहत डीसी ने सरेंडर करने वाले नक्सली कमलेश यादव और उसकी पत्नी को सरकार के प्रोत्साहन राशि योजना के तहत एक लाख रुपये का चेक सौंपा। साथ ही उसके विरूद्ध दर्ज मामलों में सुनवाई के दौरान उसके परिजनों को सहयोग करने के साथ-साथ सरकार की ऑपरेशन दिशा के तहत मिलने वाले तमाम लाभ से उसके परिवार को लाभान्वित करने की भी बात कही। डीसी और एसपी ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कमलेश की पत्नी को उसके बच्चों के पढ़ाई लिखाई के अलावा अन्य उपयोगी योजनाओं से जोड़ने का आश्वासन भी दिया। साथ ही मौके पर अधिकारियों ने मुख्यधारा से भटके अन्य नक्सलियों से भी सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाते हुए हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। डीसी और एसपी ने संयुक्त रूप से कहा कि गैरकानूनी मार्ग अपनाकर अपना और अपने परिवार का भविष्य तबाह करने का रास्ता मुख्यधारा से भटके नक्सलियों के लिए किसी भी परिस्थिति में महफूज नहीं है, नक्सलवाद का रास्ता अपनाकर कानून और व्यवस्था को चुनौती पेश करने वाले नक्सलियों को भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इससे बेहतर है कि नक्सली आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में जुड़ सके ताकि वह और उनका परिवार आम लोगों की तरह जीवन यापन करने के साथ-साथ सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से भी जुड़ सके

सरकार की पुनर्वास नीति नई दिशा से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण करने वाला दुर्दांत नक्सली कमलेश यादव करीब 8 वर्षो तक प्रतिबंधित भाकपा माओवादी नक्सली संगठन में विभिन्न पदों पर सक्रिय रहा है। कमलेश गांव में पुराने भूमि विवाद से परेशान होकर अपने हक और अधिकार की सुरक्षा के उद्देश्य से करीब 8 वर्ष पूर्व वर्ष 2014 में नक्सली संगठन एमसीसी में शामिल हुआ था। लेकिन उसे 8 वर्षों में संगठन के लिए भटकने के बजाय इंसाफ नहीं मिला। उसने बताया कि इंसाफ तो मिलना दूर उसके और उसके परिवार के समक्ष दाना पानी की भी संकट उत्पन्न हो गई थी। इसके अलावा नक्सलियों के विरुद्ध लगातार पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान से वह और उसका पूरा परिवार भी भयभीत रहता था। जिसके बाद उसने अपने परिजनों के माध्यम से अधिकारियों से संपर्क साध मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद आज उसने डीसी, एसपी और कमांडेंट के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। साथ ही भविष्य में उसे ओपन जेल में शिफ्ट करने समेत नई दिशा के अन्य लाभों से जोड़ने की भी कवायद शुरू कर दी गई है।

भाकपा माओवादी के दुर्दांत नक्सली एरिया कमांडर कमलेश यादव करीब एक माह पूर्व प्रतापपुर थाना क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के साथ हुए भीषण मुठभेड़ में संगठन के शीर्ष नक्सली मनोहर गंझू दस्ते के साथ शामिल था। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ 190 बटालियन का जवान चितरंजन यादव मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। जिसे तत्काल एअरलिफ्ट कर इलाज के लिए मेडिका रांची में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी शहादत हो गई थी। इसके अलावे आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली एरिया कमांडर के विरूद्ध चतरा, लातेहार और पलामू जिले के मनातू, कुंदा व प्रतापपुर समेत अन्य थानों में करीब एक दर्जन से अधिक नक्सल मामले दर्ज हैं। वहीं पुलिस कमलेश के विरुद्ध झारखंड-बिहार के अन्य थानों में दर्ज मामलों को भी खंगाल रही है। एरिया कमांडर कमलेश यादव भाकपा माओवादी संगठन के शीर्ष नक्सली अरविंद भुईयां, मनोहरगं गंझू और इंदल दस्ते में भी शामिल रहा है।

बहरहाल दुर्दांत नक्सली एरिया कमांडर कमलेश यादव की गिरफ्तारी को चतरा पुलिस न सिर्फ नक्सलियों को बड़ा झटका मान रही है , बल्कि अपने लिये बड़ी सफलता भी मान रही है। पूछताछ के दौरान नक्सलियों के विरुद्ध मिले कई अहम जानकारियों से पुलिस को और भी सफलता मिलने की उम्मीद है। तेरी आंख मांडर द्वारा बताए गए संगठन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के आधार पर पुलिस और सीआरपीएफ 190 बटालियन की स्पेशल टीम अभियान चलाने में जुट गई है। सरेंडर के दौरान मौके पर एसडीपीओ अविनाश कुमार, प्रतापपुर थाना प्रभारी विनोद कुमार और हंटरगंज थाना प्रभारी सनोज चौधरी समेत पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी और जवान उपस्थित थे।

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