ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को मशरूम उत्पादन से जोड़ें: कल्पना सोरेन

रांची: विश्व आदिवासी दिवस पर जेल चौक स्थित बिरसा मुंडा म्यूजियम में दो दिवसीय झारखंड आदिवासी महोत्सव का बुधवार को आगाज हो गया।

महोत्सव में पूरे देश के अलग अलग राज्यों से आए आदिवासी कलाकार सहित झारखंड कला, संस्कृति और लजीज व्यंजनों का स्टॉल लगाया गया था। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने विभिन्न स्टॉल का निरीक्षण किया।

इस दौरान अपने मनपसंद के कपड़े,ज्यूलरी,ग्रामीण आदिवासी महिलाओं द्वारा तैयार बरी,अचार,पापड़ और मशरूम की खरीदारी की। महोत्सव में जेटीडीएस और जेएसएलपीएस के स्टॉल पर पहुंची। उनके साथ दुमका के विधायक बसंत सोरेन की पत्नी,बेरमो के विधायक जयमंगल सिंह की पत्नी भी थी।

वहीं जेटीडीएस के स्टॉल पर एपीपी एग्रीगेट के निदेशक प्रभाकर कुमार ने मुख्य मंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन को मशरूम का टोकरी और मशरूम से निर्मित बरी,पापड़ भेंट किया। वहीं श्रीमती कल्पना सोरेन ने एपीपी के निदेशक को कहा कि मशरूम उत्पादन से अधिक से अधिक ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को जोड़ें,जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और वे आत्मनिर्भर होंगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में मशरूम उत्पादन की असीम संभावना है। वहीं एपीपी एग्रीगेट के निदेशक प्रभाकर कुमार ने कहा कि एपीपी एग्रोगेट लगातार झारखंड के अलग अलग जिले में ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही उन्हें मशरूम उत्पादन का किट भी हम लोग देते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आदिवासी महिलाओं द्वारा उत्पादित मशरूम को बाजार भी उपलब्ध करवाते हैं। इस अवसर पर एपीपी के राज्य प्रमुख अनमोल कुमार,पूनम सांगा सहित कई कर्मी मौजूद थे।

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