अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन दिवस पर बाल श्रम मुक्त खूंटी” अभियान का शुभारंभ

खूंटी: अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन दिवस के अवसर पर गुरुवार को “बाल श्रम मुक्त कार्यक्रम का आयोजन नगर भवन, खूंटी में किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन, बाल कल्याण संघ एवं अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के उप सचिव विकास कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, जिला श्रम अधीक्षक, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य एलओ के राष्ट्रीय समन्वयक नरसिंहम, सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि बाल कल्याण संघ के संस्थापक संजय मिश्र ग्राम बाल संरक्षण समिति के सदस्य तथा बाल मंच के लगभग 300 बच्चों ने भाग लिया।
इस अवसर पर बाल मंच के बच्चों ने बाल श्रम उन्मूलन पर प्रेरक भाषण और नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए, जिनमें बच्चों ने संदेश दिया कि “नन्हें हाथों में हो किताबें, ना कि औजार”, जिससे दर्शकों पर गहरा प्रभाव पड़ा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप सचिव श्री विकास कुमार ने कहा, “बाल श्रम की प्रकृति अब बदल रही है। होटल, कारखाने जैसे कई स्थल अभी भी बच्चों के श्रम शोषण के केंद्र बने हुए हैं। सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से कार्य कर रही है और सभी सहयोगी संगठनों को साथ लेकर इस दिशा में प्रभावी पहल कर रही है।”
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने सभी हितधारकों से बाल श्रम के विरुद्ध मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि “बच्चे अगर किसी कठिन परिस्थिति में हों तो वे निःसंकोच 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन अथवा DLSA से संपर्क करें।”
जिला श्रम अधीक्षक ने जानकारी दी कि 2011 के बाद बाल श्रम का डेटा उपलब्ध नहीं है, परंतु जिला प्रशासन एवं बाल कल्याण संघ निरंतर संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं। धावा दल द्वारा समय-समय पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बच्चों को बचाया गया है तथा उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा गया है।
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि हाल ही में दिल्ली जैसे महानगरों से 218 बच्चों को रेस्क्यू कर लाया गया है। वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 123 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना में सम्मिलित किया गया है। जिले से 542 बच्चों की सूची प्राप्त हुई है, जो कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं।

ILO के राष्ट्रीय समन्वयक श्री नरसिंहम ने कहा कि “ILO और यूनिसेफ के संयुक्त सर्वे के अनुसार अब भी 1.16 मिलियन बच्चे बाल श्रमिक की स्थिति में हैं, परंतु 12 मिलियन की उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है, जो भविष्य की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।”
बाल कल्याण संघ के संस्थापक संजय मिश्र ने कहा कि झारखंड सरकार बच्चों के हित में संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। NCPCR और बाल कल्याण संघ द्वारा किए गए सर्वे में यह पाया गया कि खूंटी जिले में बाल श्रम की दर न्यूनतम है और अधिकांश बच्चों को विद्यालयों में नामांकित करा दिया गया है। बाल कल्याण संघ इस दिशा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अभी 14 गांव में बाल हिट ग्राम बनाने की दिशा में कार्यरत है जहां पर प्रत्येक सप्ताह बाल मंच का बैठक होता है प्रत्येक माह किशोरी समूह का बैठक होता है प्रत्येक माह ग्राम बाल संरक्षण समिति का नियमित बैठक होता है महिला समूह के साथ भी बैठक होता है जिसमें गांव के बच्चों को केंद्र में रहकर सभी प्रकार के योजनाओं को धरातल पर उतरने में सहयोग कर रही है साथी बाल श्रम बाल विवाह जैसी कुर्तियों के खिलाफ जन-जन में जोश भर रही है और जागरूक कर रही है mrc के माध्यम से सुरक्षित पलायन की दिशा में उनका सरकार के पोर्टल पर पंजीयन कर करके उन्हें सुरक्षित पलायन की दिशा में जागरूक कर रही है
कार्यक्रम का समापन बच्चों और अधिकारियों की समूह तस्वीर तथा प्रेरक नारों के साथ हुआ। इस आयोजन ने जिले भर में बाल श्रम के प्रति जनजागरूकता की नई लहर को जन्म दिया।

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