नीतीश बुलाएं या न बुलाएं, हम उनके साथ रहे हैं और रहेंगे : मांझी

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पटना में 23 जून को देश भर से विपक्षी दलों के नेताओं का जमावड़ा लग रहा है, लेकिन इस महाबैठक का न्योता अभी तक हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को नहीं मिला है। इसकी जानकारी गुरुवार को खुद मांझी ने दी।
मांझी ने गुरुवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए बताया कि यह सच है कि अभी तक उन्‍हें विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के निमंत्रण नहीं मिला है। हो सकता है निमंत्रण मिले और ना भी मिले, लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है। हम नीतीश कुमार के साथ हैं और रहेंगे। अगर वह बुला लेते हैं, तो अच्छी बात है। अगर नहीं बुलाते हैं तो हमको कोई गिला नहीं।
मांझी ने गुरुवार को राजभवन जाकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से शिष्टाचार मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 45 मिनट तक चली। इससे पहले बुधवार की शाम वह अपने विधायकों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिले थे।
राज्यपाल से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर मांझी ने कहा कि अनुसूचित जातियों की शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को लेकर चर्चा हुई। जिन जातियों में साक्षरता दर 15 प्रतिशत से कम है, वे हाशिये पर हैं। उन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था भी ठीक नहीं है। मास्टर का बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है, यह खराब शैक्षणिक व्यवस्था का प्रमाण है। पहले हर तीन माह में स्कूलों का निरीक्षण होता था, लेकिन आज की व्यवस्था ठीक नहीं है।

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