शराब से मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग को ले विस में भाजपा का हंगामा
पटना : बिहार विधानसभा के शीत सत्र के पांचवे और अंतिम दिन भाजपा विधायकों ने नीतीश कुमार सरकार की शराबबंदी नीति के खिलाफ बिहार विधानसभा के बाहर पोस्टर दिखाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। पोस्टर पर सरकार पस्त, अपराधी मस्त जैसे कई नारे लिखे हुए थे। भाजपा विधायकों ने नीतीश कुमार से सारण में जहरीली शराब पीकर जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि देने की मांग को लेकर सदन में जमकर हंगामा काटा। वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी नीतीश कुमार पर शराबबंदी को लेकर निशाना साधा और कहा कि बिहार में शराब वो चीज हो गई है जो नीतीश कुमार को दिखाई नहीं देती पर हर जगह है।
सोमवार को सदन के अंदर सत्र शुरू होते ही सारण शराबकांड का मुद्दा उठा। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जहरीली शराब से मृतकों परिजनों को मुआवजा मिले। इसकी न्यायिक जांच हो, साथ ही सदन में शोक जताया जाय। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मेरे ऊपर टिप्पणी की गई और कहा गया कि उनके रिश्तेदार के यहां से शराब पकड़ा गया। यह बिल्कुल ही गलत है। सदन में जो बातें उठी थी, उसे प्रोसिडिंग से हटाई जाय।
प्रश्नकाल के दौरान जैसे ही सवाल-जवाब शुरू हुआ विपक्षी सदस्य हंगामा-नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गये। भाजपा विधायक जहरीली शराब कांड में परिजनों को मुआवजा की मांग करने लगे। इस दौरान वेल में पोस्टर लहराते देख स्पीकर ने मार्शल से पोस्टर हटाने को कहा।
विजय सिन्हा ने स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को इस बात के लिए बधाई भी दी कि आजादी के बाद पहली बार 50 मिनट बोलने के क्रम में उन्हें 113 बार टोका गया और अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया गया। ऐसे शब्दों को प्रोसिडिंग से हटाया जाए, क्योंकि ऐसे शब्द कही न कही सदन की गरिमा को धूमिल करता है। करीब 11.35 बजे तक विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सदन की कार्यवाही चलाई।
शराब नीति पर पुनर्विचार की जरूरत : गिरिराज
उधर, दिल्ली में एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कोई नीति सफल न हो तो उसपर पुनर्विचार करने की जरूरत है। आज बिहार में शराब हर जगह बन रही है, बिक्री हो रही है। सबको दिखती है। सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही नहीं दिखाई देती है। नीतीश कुमार को शराब नीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।
वाम दलों ने भी किया हंगामा, एक संदेश पर हुए चुप
सत्ता के साथ रहे वामदलों ने भी जहरीली शराब से मरने वालों में गरीब, वंचित और पिछड़ों की ज्यादा संख्या को देखते हुए सरकार के खिलाफ स्टैंड दिखाया।
भाजपा विधायक जहां जय श्री राम का नारा लगाते हुए सरकार को सदन चलाने के लिए मुआवजा की घोषणा के लिए बाध्य करने को प्रयासरत रहे, वहीं वामदलों के सदस्य सदन के अंदर मृतकों को मुआवजा दिलाने की मांग पर विपक्ष के साथ नजर आए। वामपंथी विधायकों ने बाहर आकर पोस्टरों के साथ प्रदर्शन भी किया। हालांकि, इसके बाद वामदल विधायकों को कोई संदेश मिला और वह अंदर चले गए। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बुलाकर समझाया है कि वह भाजपा का साथ नहीं दें।