मॉनसून में नॉन वेज खाने से करें परहेज, फंगल इंफेक्शन, फफूंदी और फंगस का खतरा
दिल्ली : बरसात में अक्सर इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. कई तरह के मौसमी बीमारी होने के खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में इस मौसम में नॉन वेज खाने से परहेज करना चाहिए.
साइंटिफिक नजरिए से भी इस दौरान नॉन वेज फूड से दूरी बना लेनी चाहिए. मशहूर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट ने इसकी असल वजह बताई है.
मानसून में तेज बारिश होने के कारण हवा में नमी बढ़ जाती है जिसके बाद फंगल इंफेक्शन, फफूंदी और फंगस का खतरा बढ़ने लगता है और खाने पीने की चीजें नॉर्मल के मुकाबले जल्दी सड़ने लगती हैं, क्योंकि बरसात में डायरेक्ट सनलाइट और रोशनी की कमी रहती है.
बरसात के दौरान वातावरण में आद्रता बढ़ जाती है जिससे हमारी पाचन अग्नि का असर कम हो जाता है. चूंकि नॉन वेज फूड्स को पचाने में ज्यादा वक्त लगता है. और अगर डाइजेशन कमजोर हुआ तो मांसाहार भोजन आंतों में सड़ने लगता है और फूड प्वाइजनिंग का भी खतरा पैदा हो जाता है.
मानसून के दौरान कीड़े- मकोड़ों की तादाद काफी बढ़ जाती है और इससे चिकनगुनिया और डेंगू के मच्छर बढ़ने लगते हैं जिससे जानवर भी बीमार पड़ जाते हैं.
इसलिए इन मवेशियों के मांस का सेवन शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है.