राहुल गांधी के घर पुलिस की पूछताछ के खिलाफ कांग्रेसी हुए उग्र,फूंका अमित शाह का पुतला

रांची: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर के निर्देश पर सोमवार को राज्य के सभी जिला मुख्यालय में कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ताओं ने बड़ी तदाद में दिल्ली पुलिस के द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ किए गए करवाई को लेकर गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया गया। रांची में भी रांची महानगर कांग्रेस एवं रांची ग्रामीण कांग्रेस कमिटी के द्वारा अल्बर्ट एक्का चौक पर अमित शाह का पुतला दहन किया गया, जिसमें मुख्य रूप से झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो एवं प्रदेश कांग्रेस महासचिव अमुल्य नीरज खलखो, राकेश सिन्हा, विनय सिन्हा दीपू, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, डॉ एम तौसीफ, आभा सिन्हा, अमरेन्द्र सिंह, डॉ कुमार राजा, डॉ राकेश किरण महतो शामिल हुए।
पुतला दहन कार्यक्रम के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी ने दिल्ली पुलिस का सहयोग किया लेकिन अचानक से इतनी बड़ी तादाद में दिल्ली पुलिस उनके घर पर पहुंचती है मानो कोई अपराधी को पकड़ने जा रही है। दिल्ली पुलिस के अधिकारी उनके घर पर जाकर अच्छे तरीके से भी बात कर सकते थे, राहुल गांधी जी अपने घर भाग नहीं जाते, क्या आपके आप के पास वारंट था, आप सिर्फ अडानी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए अडानी जी को बचाने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं। भारत जोड़ों यात्रा के समापन को 45 दिन हो गए, लगातार बाते होती रही हैं और राहुल गांधी जी संसद में बयान देते रहे हैं अगर गृहमंत्री एवं दिल्ली पुलिस सीरियस होती तो जब कश्मीर से राहुल जी वापस लौटे थे उसके दूसरे ही दिन उनसे पूछताछ होनी चाहिए थी। इस तरह की घटना दिल्ली में हर रोज होती रहती है लेकिन दिल्ली पुलिस एम गृहमंत्री अमित शाह चुप्पी साधे हुए रहते हैं। दिल्ली में जो भी घटनाएं इस तरह की घटती हैं आज तक गृहमंत्री अमित शाह का इस पर बयान नहीं देते है। आज पता नही अचानक क्या हो गया कि जो भी देश में अड़ानी के खिलाफ बात करेगा उसको इस तरह से स परेशान करेंगे।
जब पूछताछ करना ही था तो दो तीन अधिकारी के साथ जाकर उनके घर पर पूछताछ कर लेते इतनी बड़ी तादाद में पुलिस बल के साथ जाने की जरूरत क्या थी राहुल गांधी जी जब भारत जोड़ो यात्रा पर थे तो उनके साथ गृह विभाग के स्पेशल ब्रांच के लोग साथ में थे उनको तो पल-पल की जानकारी मिलती ही होगी तो उस समय उन्होंने क्यों नहीं पता कर लिया इसका मतलब यह है कि गृह मंत्रालय का खुफिया विभाग फेलियर है 45 दिन के बाद उनको होश आती है कि अडानी जी खतरे में है इसलिए इस तरह की कार्रवाई करनी चाहिए।

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