हेमंत सरकार में दलित आदिवासी पर हो रहा चौतरफा प्रहार: समरी लाल

रांची: भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा विधायक समरी लाल ने कहा कि हेमंत सरकार में दलित आदिवासी समाज लगातार प्रताड़ित हो रहे हैं।
श्री लाल ने कहा कि राज्य सरकार दलित आदिवासी को सुरक्षा मुहैया कराने,सम्मान की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है।
आए दिन राज्य में घटने वाली घटनाएं इस बात का पुख्ता प्रमाण हैं।
कहा कि कल जिस प्रकार से धनबाद के संत जेवियर स्कूल की दलित छात्रा उषा बाउरी ने स्कूल के खिलाफ आरोप लगाकर आत्म हत्या किया इससे स्पष्ट है कि दलित आदिवासी समाज की सेवा के नाम पर ढोंग करने वाली संस्थाओं का असली चेहरा क्या है?
कहा कि हेमंत सरकार की तुष्टिकरण नीति और व्यवहार के कारण सांप्रदायिक ताकतों का मनोबल ऊंचा हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति परंपरा में बिंदी महिलाओं,बहन बेटियों की शोभा है।आज पाश्चात्य प्रभाव में लोगों को परंपरा से काटने की कोशिश की जा रही।और ऐसे में अगर कोई लड़की बिंदी लगाकर विद्यालय चली गई तो फिर कौन सा बड़ा अपराध कर दिया जिसके लिए उसे सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित दंडित किया जाए।
कहा कि दलित समाज भावना प्रधान समाज है।भारत के संविधान ने समाज को मजबूत सुरक्षा कवच दिया है लेकिन आज भी वैसी संस्थाएं जो सांप्रदायिक सोच के तहत सेवा ,शिक्षा का धंधा चलाते हैं।और हेमंत सरकार ऐसी संस्थाओं के सोच को ताकत और संरक्षण प्रदान कर रही है।
कहा कि पिछले दिनों अनेक दलित विरोधी घटनाएं घटी जिसपर राज्य सरकार की कारवाई निराशाजनक रही।पलामू में दलित मुसहर समाज को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया।दबंगों ने वर्षों से बसे मुसहर परिवार को मदरसा की जमीन के नाम पर उजाड़ दिया।
हेमंत सरकार तुष्टिकरण के कारण केवल लीपापोती करती रही।
कहा जामताड़ा में भी दलितों की जमीन पर समुदाय विशेष के द्वारा कब्जा कर लिया गया।
सिमडेगा में दलित नवयुवक संजू प्रधान की मॉब लिंचिंग में जलाकर मार डाला गया। धनबाद में ही पिछले दिनों बाल्मिकी समाज के युवक को जबरदस्ती गंदे नाले में सफाई केलिए उतारा गया जबकि नाले की मशीन से सफाई का प्रावधान है। इस में सफाईकर्मी युवक की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस घटना के बाद मृतक के परिजन को 11लाख रुपए की सहायता राशि दी लेकिन राज्य सरकार से केवल निराशा हाथ लगी।
कहा कि राज्य सरकार दलितों को तुष्टिकरण की आड़ में परेशान करना,शोषण करना बंद करे।दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
ऐसी सांप्रदायिक और दलित विरोधी मानसिकता सेचलने वाले विद्यालय की मान्यता रद्द हो।
कहा कि इसके पूर्व भी राज्य में उर्दू विद्यालय के नाम पर प्रार्थना पद्धति और रविवारीय अवकाश ,विद्यालयों के नाम से हिंदू शब्द हटाना जैसी घटनाएं राज्य में सरकार के संरक्षण में हो चुका है।
कहा कि राज्य सरकार इस घटना पर सख्त कार्रवाई नहीं करती तो भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा राजभवन का दरवाजा भी खटखटा सकती है।
प्रेसवार्ता में प्रदेश प्रवक्ता अमित सिंह और अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यालय मंत्री योगेंद्र लाल भी उपस्थित थे।

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