प्राथमिक विद्यालय चैती दुर्गा में सब कुछ ठीक नहीं है

साहिबगंज
एक और जिला प्रशासन जिले की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगी है वहीं दूसरी ओर साहिबगंज शहर के ही कई विद्यालय अपनी शिक्षा की महत्ता को मटिया मेट करने में लगा हुआ है। ताजा मामला साहिबगंज नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर 17 स्थित प्राथमिक विद्यालय चैती दुर्गा का है जहां ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विद्यालय में न तो शिक्षा की उचित व्यवस्था है और ना ही मध्यान्ह भोजन योजना ही ठीक से चल रही है।
इस आरोप के बाद जांच के लिए पहुंचे वार्ड पार्षद ने भी स्थिति को काफी गंभीर बताया मौके पर पहुंचे संवाददाताओं ने भी पाया कि विद्यालय में केवल 2 शिक्षक पदस्थापित हैं जिसमें से एक बी एल ओ के रूप में कार्यरत होने की स्थिति में प्रतिदिन विद्यालय आकर केवल और केवल हाजिरी बनाते हैं और चले जाते हैं जबकि विद्यालय की प्रभारी शिक्षिका वहीदा शहनाज विद्यालय में अकेली लगभग 60 बच्चों का देखभाल करती है। मौके पर निरीक्षण के बाद वार्ड पार्षद ने बताया कि विद्यालय में गुणवत्ता तो क्या प्राथमिक स्तर की भी शिक्षा बच्चों को उपलब्ध नहीं हो पाती है मध्यान्ह भोजन योजना में भी गड़बड़झाला है सप्ताह में 4 दिन मिलने वाले विशेष आहार लुप्त प्राय हैं बच्चों से पूछने पर पता चला कि केवल एक 2 महीने बीत जाने पर एक अंडा दिया जाता है। बच्चों ने यह भी बताया कि फल तो उसे कभी मिला ही नहीं। मौके पर मौजूद ग्रामीणों वार्ड पार्षदों और संवाददाताओं के बीच मध्यान भोजन बच्चों के द्वारा नाले में एक ते भी पाए गए। इस बाबत पूछने पर प्रधान शिक्षिका वहीदा संयोजिका के ऊपर संयोजिका अध्यक्ष के ऊपर और अध्यक्ष वापस प्रधानाध्यापिका के ऊपर दोषारोपण करती नजर आई परंतु वास्तविकता यही है कि बच्चे को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं उपलब्ध हो पाने की स्थिति में बच्चे भोजन लेते जरूर हैं परंतु उसे नाले में प्रवाहित कर दिया जाता है।
विद्यालय में बच्चे ना तो पोशाक नहीं दिखे और ना ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए बैग और कॉपी किताब के साथ इस बाबत पूछे जाने पर बताया गया कि बच्चों को बैग ड्रेस और पुस्तके उपलब्ध कराई गई थी परंतु कुछ दिन के बाद ही बैग फट गए ड्रेस इतना छोटा मिला की पहनने के योग्य नहीं रहा और पुस्तक के नाम पर कुछ खानापूर्ति ही की गई।
ऐसी स्थिति में केवल जिला प्रशासन या शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के चार लेने मात्र से शिक्षा व्यवस्था का कितना सुधार हो पाएगा इसका जवाब दो आने वाला समय ही दे पाएगा। परंतु देखने वाली बात यह भी होगी कि विद्यालय के प्रबंधन के लिए जो प्रबंध समिति का गठन किया गया था विद्यालयों में कितना कारगर है। कुछ विद्यालयों की स्थिति तो यह है कि प्रबंध समिति नाम मात्र के हैं सारे कामकाज विद्यालय प्रधान के द्वारा ही देखे जाते हैं और प्रबंध समिति के अध्यक्ष से येन केन प्रकारेण बिल के भुगतान हेतु बैंक निकासी के लिए हस्ताक्षर करा लिए जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *