सोनपुर मेला में दिखेगी खादी की झलक

बिहार के सोनपुर में हर साल की तरह इस साल भी फिर से एशिया का सबसे बड़ा सोनपुर पशु मेला 25 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. यह मेला 32 दिनों तक चलेगा।हरिहर क्षेत्र आयोजित सोनपुर मेला में बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड,पटना की ओर से खादी के विभिन्न स्टॉल्ज़ लगायें गए हैं।
मेले के रंगों में पर्यटकों और बिहारवासियों को इस बार खादी प्रॉडक्ट्स की बहुत बड़ी रेंज देखने को मिलेगी।
मेले में बिहार के बुनकरों और कारीगरों के हाथों के बनें खादी के बंडी,टसर सिल्क की साड़ियाँ,मधुबनी चित्रकला वाले शॉल व खादी ऊन के जैकेट और कंबल को विशेष अंदाज़ में पेश किया जाएगा।कपड़ों के साथ-साथ ग्रामोद्योग के तहत निर्मित साबुन, शैम्पु, मधु,अगरबत्ती तथा ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों को भी मेले में रखा जायेगा। 
बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार ने इस संबंध में बताया कि कई सालों बाद सोनपुर मेला में खादी के सामानों की प्रदर्शनी लगी है। सोनपुर मेला में बिहार की कला और संस्कृति देखने के लिए देश-विदेश से खूब पर्यटक आते हैं और खादी एवं हस्तनिर्मित सामानों की खूब ख़रीदारी करते हैं।
सोनपुर के खादी मेला में गोपालगंज, सिवान, मधुबनी, भागलपुर, गया, बांका सहित राज्य के सभी जिलों की खादी एवं ग्रामोद्योग संस्थाओं ने भाग लिया है।
मेला में हैण्डलूम एवं हैण्डीक्राफ्ट की संस्थाओं ने भी बिहार में उत्पादित अपने उत्कृष्ट सामग्रियों के साथ भाग लिया गया है।
खादी और ग्रामोद्योग पूरे देश के साथ बिहार में भी करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है।इस मेला का मुख्य उद्देश्य खादी वस्त्रों एवं ग्रामोद्योगी उत्पादों का प्रचार-प्रसार तथा उत्पादकों को बाजार उपलब्ध कराना है, ताकि अधिक से अधिक बिक्री हो सके एवं इससे जुड़े कामगारों को प्रोत्साहन मिले।

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