नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना रद्दको लेकर पीएम मोदी को लिखा पत्र
रांची: झारखंडी सूचना अधिकार मंच ने पीएम मोदी को राज्यपाल के माध्यम से पत्र लिखकर नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना रद्द करने की मांग की है। इसको लेकर 21 से 25 अप्रैल 172 किमी पदयात्रा किया गया। मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय शंकर नायक ने कहा कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र में ग्राम सभा के संवैधानिक अधिकारों के तहत ग्राम प्रधानों द्वारा ग्राम सभा का आयोजन पर नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का अधिसूचना रद्द किया जाना चाहिए। राज्यपाल को ग्राम सभा के निर्णयों की कॉपी को अविलंब अपने पास मंगा कर अवलोकन कर झारखंड सरकार को नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना रद्द कराने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अवधि विस्तार 11 मई 2022 को समाप्त हो रही है । ऐसे में जनजाति समर्थक सरकार के अगुवा नरेंद्र मोदी जी से मंच आशा करता है कि वे इस फायरिंग रेंज का अवधि विस्तार नही करने की दिशा में हेमंत सोरेन सरकार को अविलंब निर्देश देने का कार्य करेंगे और जनजाति समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दुहरा कर अपने आदिवासी मूलवासी भाईयो के बीच अपना आदर्श पेश करेंगे ।
श्री नायक ने प्रधानमंत्री मोदी का ध्यान आकृष्ट करते हुए आगे बताया की एकीकृत बिहार के समय में 1954 में मैनुवर्स फील्ड फायरिंग आर्टिलरी प्रैक्टिस एक्ट,1938 की धारा 9 के तहत नेतरहाट पठार के 7 राजस्व ग्राम को तोपा अभ्यास( तोप से गोले दागने का अभ्यास )के लिए बिहार सरकार ने अधिसूचित किया था ।जिसके तहत चोरमुंडा, हुस्मू, हरमुंडा टोली, नावाटोली,नैना, अराहंस,और गुरदारी गांव में सेना तोपाअभ्यास करती आ रही थी। 1991 और 1992 में तत्कालीन बिहार सरकार नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के लिए अधिसूचना जारी की जिसमें उन्होंने अवधि का विस्तार करते हुए इसकी अवधि 1992 से 2002 तक कर दी । इस अधिसूचना के तहत केवल अवधि का विस्तार ही नहीं किया गया बल्कि क्षेत्र का विस्तार करते हुए 7 गांव से बढ़ाकर 245 गांव को भी अधि सूचित कर दिया गया ।