अनिल टाइगर की हत्या का मास्टरमाइंड किशोरगंज निवासी देवब्रत शहदेव निकला, डीआईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया खुलासा
दस एकड़ विवादित जमीन के लिए सुपारी देकर टाइगर की हत्या करवाई गई थी
रांची : पिछले 26 मार्च को कांके रोड में भाजपा नेता अनिल टाइगर की हत्या के एक और आरोपी को रांची पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही हत्या के मास्टरमाइंड का भी पता लगा लिया है। रांची के डीआईजी चंदन कुमार सिंहा ने इस संबंध में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हत्या के कारणों का उद्भेदन किया है।
डीआईजी ने बताया कि इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड देवव्रत शाहदेव है। उसी ने सुपारी किलर्स से हत्या करवाई। किशोरगंज के बड़ा लाल स्ट्रीट के रहने वाले देवव्रत नाथ शाहदेव ने कांके के गागी खटंगा गांव में स्थित 10 एकड़ विवादित भूमि को लेकर हत्या करवाई थी।इस घटना को अंजाम देने में सात लोगों की भूमिका पाई गई है।जिनमें देवव्रत के अलावा अभिषेक सिन्हा, रोहित वर्मा, अमन सिंह, जिशान अख्तर, मनीष, चौरसिया और अजय कुमार रजक शामिल हैं।इनमें से चार आरोपियों अमन सिंह, मनीष चौरसिया, जिशान अख्तर और अजय कुमार को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।बाकी फरार हैं।
उन्होंने कहा कि 10 एकड़ जमीन पर देवव्रत नाथ शाहदेव कब्जा करने की कोशिश कर रहा था, जिसका विरोध अनिल टाइगर कर रहे थे।कई बार देवव्रत और अनिल महतो के बीच वार्ता भी हुई, लेकिन वह विफल रही थी।वार्ता के दौरान ही अगस्त 2023 में देवव्रत ने उक्त भूमि पर चाहरदिवारी का निर्माण कर जबरन दखल कब्जा करने की कोशिश किया था।इस दौरान अनिल टाइगर ने स्थानीय लोगों के सहयोग से इसका विरोध किया था।उस वक्त देवव्रत ने उक्त भूमि के केयर टेकर दिलीप कुमार मुंडा के जरिये कांके थाना में अनिल महतो समेत 8 नामजद और 40-50 अन्य के खिलाफ मारपीट, तोड़फोड़ करने और रंगदारी की मांग करने के आरोप में कांके थाना में मामला दर्ज कराया था।
2023 के दिसंबर महीने में हरमू के विनोद पासवान के घर में इस मामले के समाधान के लिए बैठक भी हुई थी।बैठक में अनिल महतो ने यह मांग रखी कि प्रति डिसमिल 50 हजार की दर से 4.5 करोड़ रूपये उन्हें दिया जाए तब वे विरोध नहीं करेंगे. इसी दौरान अनिल महतो और देवव्रत के बीच कहासुनी हो गई. तब देवव्रत ने अनिल टाइगर को धमकी देते हुए उनपर पिस्टल तान दिया. जिसके बाद समझौता वार्ता फिर से विफल हो गई.

