वेबिनार का आयोजन कर किसानों को सस्ता और आसान कृषि ऋण योजना की दी गई जानकारी

खूंटी: भारत सरकार ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए संशोधित ब्याज सहायता योजना के तहत कृषि ऋण सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया है। यह घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित पहलुओं के प्रभावी कार्यान्वयन पर चर्चा करने हेतु “कृषि और ग्रामीण समृद्धि विषय पर वेबिनार” का आयोजन किया गया। इस वेबिनार का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। इस वेबिनार में देश भर के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (DoA&FW), भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), नाबार्ड (NABARD), अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (SCB), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB), सहकारी बैंक और किसान प्रतिनिधियों ने ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया। आरसेटी खूंटी से ऑनलाइन माध्यम से वेबिनार में जिला अग्रणी प्रबंधक, ऋषिकेश कुमार, निर्देशक आरसेटी, श्री मिथलेश कुमार समेत किसानों ने भाग लिया, सभी ने प्रधानमंत्री के अभिभाषण को ध्यानपूर्वक सुना।
उन्होंने बताया कि सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत किसानों को सस्ते और आसान ऋण उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया है। वर्तमान में 7.75 करोड़ किसान KCC के लाभार्थी हैं, और इस योजना के तहत मिलने वाले अल्पकालिक ऋण पर केवल 4% की प्रभावी ब्याज दर लागू है। इसके अतिरिक्त, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बिना जमानत के मिलने वाले केसीसी ऋण की सीमा ₹1.6 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दी है। यह किसानों को बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय दबाव के अपनी कृषि आवश्यकताओं के लिए ऋण प्राप्त करने में मदद करेगा।

◆ MISS योजना के तहत वित्तीय सहायता में बढ़ोतरी
संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) के तहत सरकार ने किसानों को अब तक 1.44 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य 2023-24 में ₹9.81 लाख करोड़ के कृषि अल्पकालिक ऋण को 2029-30 तक ₹20 लाख करोड़ तक बढ़ाना है।

◆ कृषि क्षेत्र में निवेश को मिलेगा बढ़ावा
इस पहल के तहत किसानों को फसल उत्पादन, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कार्यशील पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी। इससे न केवल छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय राहत मिलेगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में अधिक निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
सरकार की यह पहल किसानों की वित्तीय स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और कृषि ऋण प्रणाली को अधिक प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देश के प्रत्येक किसान को समय पर और किफायती ऋण उपलब्ध हो, जिससे कृषि क्षेत्र की उत्पादकता और समृद्धि को और अधिक बढ़ावा मिल सके।

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