पारंपरिक धोबिया नाच व नाटक के मंचन में जुटे हजारों दर्शक
भोजपुर(आरा)भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय भिखारी ठाकुर लोकोत्सव के दूसरे दिन देर शाम तक हजारों दर्शक जुटे रहे। मंगलवार को उदघाट्न सत्र की शुरुआत चिकित्सकों डॉ पी सिंह, डॉ प्रतीक, डॉ जया जैन, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह, अधिवक्ता व शिक्षक देवीदयाल राम नंदलाल मणि त्रिपाठी, जनार्दन सिंह, जनार्दन मिश्र, प्रो किरण कुमारी, दुखन पासवान, पत्रकार संजय श्रीवास्तव, जमीरा कोठी की लीला सिंह, पत्रकार अजय ओझा, छपरा से आए राजेंद्र राय द्वारा दीप प्रज्वलित कर हुई। उद्घाटन के बाद संभावना उच्च विद्यालय की छात्राओं शिक्षक धर्मेंद्र जी के नेतृत्व में स्वागत गीत व कौशल जी के भिखारी ठाकुर रचित गीतों के गायन के साथ हुई। भोजपुरी की वर्तमान दशा विषय पर संभावना विद्यालय के आदित्य, आराध्या, अनुष्का, कृति, जैन बाला विश्राम की अंजलि, शिवानी, उर्सुला इन विद्यालय के निखिल, आर्यन तथा क्षत्रिय स्कूल के अमरजीत ने भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया जिन्हें अतिथियों ने पुरस्कृत किया। आर एन एस डी पी एस स्कूल की छात्राओं ने शिक्षक अमित शंकर के मार्गदर्शन में पारंपरिक कजरी गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। आज के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत बक्शी विकास के नेतृत्व में स्नेहा पांडेय और टीम द्वारा भिखारी ठाकुर कृत बिदेसिया पर शास्त्रीय कथक नृत्य प्रस्तुति के साथ हुई। इस अनूठी प्रस्तुति को दर्शकों की वाहवाही मिली। आज के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गाजीपुर से आए सल्टू राम और उनकी टीम द्वारा पारंपरिक धोबिया गीत और कठघोड़वा नृत्य रहा। स्थानीय पटेल बस पड़ाव के प्रांगण में इस अदभुत और विलुप्त हो रही कला के प्रदर्शन पर तालियां बजती रही। देर शाम खबर लिखे जाने तक भिखारी ठाकुर सांस्कृतिक मंच पर सुरेश जी की टीम द्वारा भिखारी ठाकुर रचित पुत्र वध उर्फ सौतेली मां नाटक का मंचन हो रहा था और दर्शक लगातार जमे हुए थे। वार्षिक सम्मानों में कवि अजब दयाल सिंह भोजपुरिया सम्मान गोरखपुर के नंदलाल मणि त्रिपाठी और शारदा प्रसाद सिंह स्मृति संभावना सम्मान देवरिया के साहित्यकार जनार्दन सिंह को दिया गया। आज के कार्यक्रम के मंच संचालन तथा व्यवस्था में अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष रामजी यादव, रंगकर्मी रंजन यादव, पप्पू सिंह, कवि राज कवि, राजू रंजन, चंद्रभूषण पांडेय, सोहित सिन्हा, डॉ बीरेंद्र कुमार शर्मा, बंटी भारद्वाज, रवि प्रकाश सूरज का योगदान रहा।