आज पूरा झारखंड हेमंत सोरेन से पूछ रहा है कि हमें तो नहीं मिला आपको मिला क्या: हिमंता बिश्व सरमा
रांची: झारखंड प्रदेश के चुनाव सह प्रभारी सह असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा ने कहा कि आज पूरा झारखंड हेमंत सोरेन से पूछ रहा है कि हमें तो नहीं मिला आपको मिला क्या ? हेमंत सोरेन ने युवाओं को हर साल 5 लाख नौकरी देने, नौकरी नहीं तो बेरोजगारी भत्ता देने और दोनों वादा पूरा नहीं करने पर राजनीति से संन्यास लेने की बात कही थी। ऐसा बीजेपी ने नहीं बोला और ना ही भाजपा ने इसके लिए आपको प्रेरित किया। आपने यह बात प्रण लेते हुए शहीद निर्मल महतो की समाधि स्थल पर बोला। वादा पूरा नहीं किया तो यह एक शहीद का भी अपमान है। श्री सरमा ने भाजपा द्वारा “मिला क्या” कैंपेन के लॉन्चिंग के दौरान उक्त बातें कहीं।
श्री सरमा ने कहा कि मेरे पिताजी का कोई बड़ा परिचय नहीं है परंतु शिबू सोरेन जी एक बड़ी शख्सियत हैं। अगर उनका बेटा वचन पूरा नहीं करेगा तो भला कौन वचन पूरा करेगा। हेमंत सोरेन जी एक महीना का इंतजार कीजिएगा या एक-दो दिन में ही राजनीति से संन्यास ले लीजिएगा। दो अक्टूबर या और कोई एक तिथि तय करके आप राज्य की जनता को बता दीजिए कि कब सन्यास ले रहे हैं। क्योंकि नवंबर में चुनाव होना है, सितंबर तक का ही समय आपके पास है
उन्होंने कहा कि युवाओं के बेरोजगारी भत्ते का 15000 करोड़, महिलाओं के पेंशन का 3750 करोड़, महिलाओं को बिना गारंटी के ऋण का 2.5 लाख करोड़, चूल्हा भत्ता का 60000 करोड़, शादी के बाद महिलाओं के सोने के सिक्के का 300 करोड़ और हर परिवार को सालाना 72000 का 1.80 लाख करोड़ रुपए का क्या हुआ ?
उन्होंने कहा कि हमने अभी खिजूरी विधानसभा में महिलाओं से पूछा कि बालू फ्री मिला क्या तो किसी ने भी हां नहीं कहा। इस सरकार ने पैसा देने का, नौकरी बांटने का और स्कीम देने का वादा किया था परंतु यह सरकार पैसा वसूली कर रही है एक प्रकार से कहना उचित होगा कि यह सरकार राज्य के लोगों के साथ डकैती कर रही है। सीएम बोल रहे हैं कि बालू फ्री देंगे और माफिया बोल रहा है कि बालू फ्री नहीं लेने देंगे, अब बताइए माफिया बड़ा है या सीएम बड़ा ? घुसपैठ का मामला हम लोग उठाते हैं तो इसे सरकार राजनीति से प्रेरित बताती है परंतु यहां अलकायदा से जुड़े होने के आरोप में डॉक्टर की गिरफ्तारी हो जाती है, वह राज्य सरकार को नहीं दिखता।
श्री सरमा ने कहा कि झारखंड के युवा सवाल भी नहीं पूछ सकते हैं। युवा आक्रोश रैली निकालते हैं तो उन्हें आंसू गैस, लाठी और बम मिलता है। ंहेमंत सोरेन मानो भगवान बन गए हों, वह ऐसा व्यवहार कर रहे हैं। उनकी मर्जी मानो किसी को कुछ देना होगा तो देंगे, कोई उनसे कुछ सवाल भी नहीं पूछ सकता है। असम के इलाके में आता हूं। वहां 30 साल से अल्फा से जूझ रहा हूं। आज तक ऐसी बैरिकैटिंग नहीं देखा। मोराबादी में बाबूलाल मरांडी की सभा संबोधन के दौरान सरकार का युवाओं के साथ जो बर्बर रवैया देखने को मिला, वह शर्मनाक है।
श्री सरमा ने कहा कि बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, अमर बाउरी, संजय सेठ सहित 52 कार्यकर्ताओं पर एफआईआर किया गया, इस पर कोई आपत्ति नहीं है। इन लोगों को जेल भी जाना पड़ेगा तो कोई दिक्कत नहीं है परंतु 12000 अज्ञात पर केस करना गलत है। इस अज्ञात के माध्यम से इस सरकार ने ब्लैकमेलिंग का एक रास्ता खोल रखा है कि राज्य के किसी भी हिस्से में कोई युवा या अन्य इस सरकार से सवाल करेगा तो इसी केस में उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा। जलियांवाला बाग में भी ब्रिटिश शासन ने ऐसा एफआईआर नहीं किया होगा जैसा झारखंड सरकार ने किया है। लोकतंत्र में देश के किसी हिस्से में ऐसा फिर का दूसरा कोई उदाहरण नहीं मिल सकता है।
डीजीपी को उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि तेल लगाना है तो लगाओ लेकिन इतना मत लगाओ। यह केस सुप्रीम कोर्ट में एक दिन भी नहीं टिकेगा इस एफआईआर को लेकर कानून के दायरे में आकर हमलोग डीजीपी को कानून सिखा देंगे। डीजीपी साहब आपने गलत जगह हाथ लगा दिया है। जेएमएम वाले बोलते हैं कि 5000 आदमी अंदर थे तो फिर यह 12000 का आंकड़ा आपके पास डीजीपी साहब कहां से आया। भारत में संविधान का राज है। तीन दिनों में 12000 का आप नाम दीजिए अन्यथा हम लोग इसे कोर्ट में लेकर जाएंगे। अज्ञात के नाम पर ब्लैकमेलिंग का रास्ता मत खोलिए। आप पता कर लीजिए कि एफआईआर में रणधीर सिंह और कोचे मुंडा का अपने नाम दिया है तो वह रांची में थे या नहीं थे। उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि ऐसे डीजीपी के भरोसे झारखंड में चुनाव संपन्न नहीं हो सकता है।
श्री सरमा ने कहा कि भारत में आंदोलन करने से भला कौन रोक सकता है। हेमंत सोरेन की आज आपको बता दिया जा रहा है कि आपसे जवाब मांगने सितंबर में फिर हम लोग आ रहे हैं। हम लोग शहीद निर्मल महतो जी की समाधि पर भी जाएंगे वहीं से आपको आपके वादों को याद दिलाएंगे। आपको सभी वादों को निभाना ही होगा। आप भले अपने वादे भूल जाइएगा परंतु हम लोग आपको सोते-जागते इस वादे को भूलने नहीं देंगे। हम तो पूछेंगे ही, झारखंड का हर एक नागरिक पूछेगा कि आपको मिला क्या ?
राज्य सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड पूरी तरफ फेल, जनता जान चुकी: बाबूलाल मरांडी
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने वर्चुअल माध्यम से जुड़ते हुए टीबीसी की प्रस्तुति की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बड़ी बड़ी बातें और घोषणा करती है परंतु उनका ट्रैक रिकॉर्ड पूरी तरफ फेल है। सर्वधन पेंशन योजना का ही हाल आप सब देख लीजिए। हम अभी अपने गृह प्रखंड के बेलवाना पंचायत के सिरसिया गांव में है। मेरे पीछे जो महिलाएं हैं इन्हें वृद्धा और विधवा पेंशन नहीं मिला है। इन्होंने फॉर्म भी भरा, इनके साथ ठगी भी हुई लेकिन पेंशन नहीं मिला। यह तो एक उदाहरण भर है पूरे प्रदेश में सभी योजनाओं की कमोबेश यही स्थिति है। हेमंत सरकार आज जो घोषणा कर रही है उसे पर जनता कतई विश्वास करने वाली नहीं है। नई घोषणाएं फिर से लोगों को ठगने का एक प्रयास है। साथ ही अखबारों में सुर्खियां पाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। साढ़े चार वर्षों में एक भी घोषणा पूरी नहीं हुई। जनता सारी बात को समझ चुकी है। जनता मन में ठान चुकी है कि हेमंत सोरेन को भगाना है बीजेपी को लाना है।
श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड की जनता की आवाज बनने का पार्टी का प्रयास है। पिछले साढ़े चार वर्षों में, राज्य की जनता ने विकास के नाम पर सिर्फ वादे सुने हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं बदला। भारतीय जनता पार्टी उन्हीं ज्वलंत मुद्दों को उठा रही है, जो हर झारखंडवासी के मन में हैं। इस कांग्रेस नेतृत्व वाली झामुमो सरकार ने वादे करने और फिर झारखंड की जनता के साथ खो-खो खेलकर भागने में एक नया कीर्तिमान स्थापिन किया है। ये सरकार सिर्फ खोखले वादे करने में माहिर है, और जनता को हर ठगा हुआ महसूस होता है।
श्री मरांडी ने कहा कि झामुमो-कांग्रेस के ठगबंधन की दगाबाजी की कहानी कोई नई नहीं है। चुनाव खत्म होते ही अपने वादों से मुकर जाने का इनका पुराना इतिहास रहा है। कर्नाटक में कांग्रेस अपनी गलतियों और वादाखिलाफी की सजा भुगत रही है। कांग्रेस की फरेबी सरकार ने कर्नाटक में गृह लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को हर महीने ₹2,000 देने का झूठा सपना दिखाया, लेकिन मई 2024 के बाद से एक भी महिला को एक पैसा तक नहीं मिला। यही नहीं, महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा देने का वादा भी किया, लेकिन इस झूठी सरकार ने बसों की संख्या बढ़ाने की जगह घटाकर अपनी धोखाधड़ी की नई मिसाल पेश की है। क्या ऐसे धोखेबाजों पर भरोसा किया जा सकता है? इसी तरह कर्नाटक में युवाओं को भी बेरोजगारी के जाल से निकालने के बजाय सिर्फ झूठे वादों और मामूली राहत से बहलाने की कोशिश करती आ रही है। न सिर्फ कर्नाटक में, बल्कि अन्य कांग्रेस शासित राज्य जैसे हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गयी ₹1,500 प्रतिमाह की वित्तीय सहायता योजना भी पूरी तरह से विफल रहा है। वहीं तेलंगाना की महालक्ष्मी योजना जिसके अंतर्गत महिलाओं को प्रतिमाह ₹2,500 देने का वादा किया गया था, वह भी अब तक लागू नहीं किया गया है।
हेमंत सोरेन के झूठ के आगे झूठ और नटवरलाल भी शर्मा जाये: अमर बाउरी
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने पीपीटी की प्रस्तुति की। उन्होंने झामुमो के झूठ के पिटारे की एक एक कर कलई खोली। उन्होंने कहा कि मिला क्या की पृष्ठभूमि 2019 के चुनाव से पूर्व तैयार हुई। गठबंधन के लोग चुनाव में जाने से पूर्व राज्य की जनता से कई वादे करते हैं। उनके झूठे वादों पर जनता विश्वास कर लेती है और गठबंधन की सरकार बन जाती है परंतु साढ़े चार वर्षों में जनता को कुछ हासिल नहीं हुआ। जब झूठे वादों की तरफ इनका विधानसभा में ध्यान आकर्षित कराया जाता है तो 18 विधायकों को निलंबित कर दिया जाता है और एक-दो दिन पूर्व 23 अगस्त को सवाल राज्य के युवा इस जनविरोधी सरकार से पूछते हैं तो फिर उनके साथ क्या होता है यह पूरे राज्य की जनता ने देखा है।
श्री बाउरी ने कहा कि जेएमएम ने कुल 400 घोषणा किया था। हम उनमें से कुछ प्रमुख वादों को ही आप लोगों के समक्ष रखते हैं। चाहे युवा हो, महिला हो किसान हो, गरीब ंहों, हर एक वर्ग को इस सरकार ने ठगने का काम किया है। युवाओं की संवेदनाओं को जगा कर वादा किया गया कि हर साल 5 लाख नौकरी, नौकरी नहीं तो 5000 से 7000 तक बेरोजगारी भत्ता और बेरोजगारी भत्ता नहीं तो राजनीति से सन्यास। इसी प्रकार के वादे महिलाओं के साथ किए गए की ₹50000 तक बिना गारंटी ऋण दिया जाएगा, ₹2000 प्रति माह चूल्हा भत्ता दिया जाएगा। अभी ₹1000 देकर उन्हें लॉलीपॉप दिया जा रहा है यह भी एक ठगने का ही योजना है। बेटियों की शादी के बाद उन्हें सोने के सिक्के देने का वादा किया गया था। किसानों से सभी प्रखंडों में कोल्ड स्टोरेज देने के लिए वादा किया गया था सभी गरीब परिवार को सालाना 72000 देने का वादा किया गया था। अब फिर एक बार यह कहा जा रहा है कि फिर सरकार आई तो ₹100000 सालाना देंगे। इस सरकार के झूठ के आगे झूठ और नटवरलाल भी शर्मा जाए। गरीब विधवाओं को ₹2500 पेंशन देने का वादा किया गया था। प्रशासनिक दृष्टिकोण से पलामू, चाईबासा, हजारीबाग को उप राजधानी बनाने का वादा किया गया था। अनुबंध कर्मी शब्द ही डिक्शनरी से हटाने का इन्होंने वादा किया था। परीक्षा में धांधली किसी से छुपा नहीं है। पेपर लीक आम बात है, हर परीक्षा में धांधली हुई। आंदोलनकारियों को भी ठगने का काम किया गया। आज सभी वर्ग के लोग हेमंत सोरेन सरकार से जवाब मांग रहे हैं। साथ ही झारखंड की जनता बोल रही है कि मुझे तो नहीं मिला, आपको “मिला क्या” ? यह सरकार विकास के नाम पर सिर्फ जुमलेबाजी कर रही है। यह कांग्रेस नेतृत्व वाली झामुमो सरकार, मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना लेकर आई है, जिसमें झारखंड की हर महिला को ₹1000 रुपये देने का वादा किया गया है। झारखंड की महिलाएं बहुत स्वाभिमानी हैं और वे अपने सम्मान का मजाक बनाए जाने को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगी। यह सरकार महिलाओं की आकांक्षाओं को समझने में पूरी तरह विफल रही है। झारखंड की महिलाएँ भीख नहीं, अधिकार मांगती हैं।
इस दौरान गठबंधन सरकार द्वारा 2019 में किए गए वादों के झूठ का पोल खोला गया। इस दौरान प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा, मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी मौजूद थे।