दो दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेने नीति आयोग ने कुमारी बिनीता कटकमदाग प्रमुख को किया नामित
रांची: नीति आयोग नई दिल्ली ने आकांक्षी प्रखण्ड कार्यक्रम प्रशिक्षण हेतु कटकमदाग प्रमुख कुमारी बिनीता को जिला प्रशासन के अनुसंशा के माध्यम से झारखंड सरकार ने नामित करते हुए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिस्ट्रेशन नई दिल्ली में दो दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए नामित किये है।
कुमारी बिनीता ने कहा कि झारखण्ड प्रदेश के कुल 264 प्रखण्ड प्रमुख में मात्र तीन प्रमुख को नामित किये है जिसमी प्रथम स्थान पर कटकमदाग प्रखण्ड प्रमुख यानी मुझे तथा रांची जिले के मांडर प्रमुख तथा गुमला जिले के डुमरी प्रखण्ड प्रमुख को यह सुनहरा अवसर प्रदान की गई है इस खुसी में जिला प्रशासन एवं झारखण्ड सरकार को दिल से धन्यवाद देते हुए कही है प्रमुख ने यह भी कही की नीति आयोग द्वारा संचालित 2 दिवसीय प्रशिक्षण लेने के बाद अपने झारखंड के तमाम 264 प्रमुख को विस्तृत बताऊंगी। बिनीता ने ये भी कही झारखंड प्रदेश की किसी भी प्रखण्ड प्रमुख को इसकी कमी महसूस नही होने दूंगी । कुमारी बिनीता ने यह भी कही झारखण्ड में पंचायती राज अधिनियम में उल्लेखित सभी अधिकारों को प्रभार सौपीं जाय ताकि झारखण्ड प्रदेश में पंचायत राज व्यवस्था को शसक्त बनाने में कोई कमी न रहे। प्रमुख संघ की समस्या पर विस्तृत जानकारी देने का कार्य करूंगी ताकि झारखण्ड में प्रमुख को सत प्रतिशत अधिकार मिले। बिनीता ने निती आयोग से जुड़े विस्तृत जानकारी सार्वजनिक की है ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य सचिवों की दूसरी राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान आकांक्षी ब्लाक कार्यक्रम का शुभारंभ किये है। मुख्य सचिवों का यह तृतीय राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया था ।केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में इन पहलुओं को शुरू करने की अपनी मनसा की घोषणा की गई थी ,अगर इस कार्यक्रम के उद्देश्यों की बात करें तो विभिन्न विकास मानकों पर पिछले ब्लॉकों के प्रदर्शन में सुधार करना तथा ब्लॉक स्तर पर शासन एवं अंतिम छोर तक सेवा वितरण में सुधार करके विभिन्न असमानताओं को दूर करना है। यह कार्यक्रम मौजूदा योजना के अविश्रवण तथा परिणामों को परिभाषित में निरंतर आधार पर उनकी निगरानी करके भारत के सबसे दुर्गम और विकसित ब्लॉकों में नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शासन में सुधार करने पर केंद्रित है। योजना की कवरेज की बात करें तो नीति आयोग के सीईओ और मिश्रण अय्यर के अनुसार इस कार्यक्रम की क्रियान्वयन के लिए एक अंतर संचालन समिति द्वारा राज्य के परामर्श से अठाइस राज्य और चार केंद्र शासित प्रदेशों के पांच सौ ब्लॉकों की पहचान की गई थी जैसा कि आप जानते हैं ब्लाक कार्यक्रम का शुभारंभ 2018 में शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम की तर्ज पर किया गया है ।जिसने उल्लेखनीय सफलता हासिल की आपकी जानकारी के लिए बता दें डाटा संचालित शासन को प्रोत्साहित करने तथा ब्लॉकों के बीच स्वस्थ और गतिशील प्रती स्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख विषयगत क्षेत्र में रैंकिंग जारी की जाएगी दरअसल यह कार्यक्रम प्रत्येक ब्लॉक में पांच विषयगत क्षेत्र के तहत वर्गीकृत 15 प्रमुख सामाजिक आर्थिक संकेत की निगरानी पर ध्यान केंद्रित करता है ।यह कार्य क्षेत्र इस प्रकार है पोषण ,शिक्षा ,कृषि और जल संसाधन वित्तीय समावेशन और कौशल विकास बुनियादी ढांचा एवं सामाजिक विकास याद रहे ।प्रमुख सामाजिक आर्थिक संकेत को रियल टाइम आधार पर ट्रैक किया जाएगा अगर राज्य एवं ब्लॉक प्रशासन की भूमिका को देखें तो इस पहल के प्रमुख चालक के रूप में राज्य इस कार्यक्रम की प्रगति के लिए संबंधित अधिकारियों को मार्गदर्शन समर्थन समीक्षा और क्षमता निर्माण करेंगे जिला प्रशासन के नेतृत्व में ब्लॉक स्तर के अधिकारी शासन के आखिरी छोर तक सेवा वितरण में सुधार करेंगे वे सामाजिक कल्याण विकास में सहायता के लिए ब्लॉक स्तर पर बुनियादी ढांचे में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे। अब इस कार्यक्रम के महत्व और संभावित लबों को बता दें आर्थिक विकास कार्यक्रम के क्रियान्वयन में शासन के आखिरी छोर तक समग्र विकास सकारात्मक रूप से आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करेगा साथी ब्लॉकों को भारत की जीडीपी में योगदान करने में सक्षम करेगा। यह कार्यक्रम सतत विकास लक्षण के तहत पहचान के महत्वपूर्ण लक्षण को प्राप्त करने में भी सहायता करेगा साथी प्रत्येक नागरिक की जागरूकता में वृद्धि करके तथा सरकारी योजना तक उनकी पहुंच बढ़कर उनके अधिकारों की रक्षा करने और उनमें सम्मान को बनाए रखने में भी मदद करेगा ।इसके अतिरिक्त सभी ब्लॉक प्रशासन को अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं और ज्ञान को प्रदर्शित करने की एक साझा मंच भी प्रदान करता है। इससे प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद को बढ़ावा मिलेगा । प्रमुख ने यह भी कही की नीति आयोग द्वारा संचालित 2 दिवसीय प्रशिक्षण लेने के बाद अपने झारखंड के तमाम 264 प्रमुख को विस्तृत बताऊंगी। बिनीता ने ये भी कही झारखंड प्रदेश की किसी भी प्रखण्ड प्रमुख को इसकी कमी महसूस नही होने दूंगी ।कुमारी बिनीता ने यह भी कही झारखण्ड में पंचायती राज अधिनियम में उल्लेखित सभी अधिकारों को प्रभार सौंपी जाय ताकि झारखण्ड प्रदेश में पंचायत राज व्यवस्था को शसक्त बनाने में कोई कमी न रहे।