देश में निरंतर सुविधाओं से किसानों को बनाया जा रहा हैं सशक्त: अर्जुन मुंडा

नई दिल्ली : कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की चार महत्वपूर्ण पहलों- मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल एवं मोबाइल एप्लिकेशन, स्कूल मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम, कृषि सखी अभिसरण कार्यक्रम एवं उर्वरक नमूना परीक्षण के लिए केंद्रीय उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण और प्रशिक्षण संस्थान के पोर्टल का शुभारंभ गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कृषि भवन में किया।
केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि पीएम मोदी के विजन के अनुसार, किसान हित में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर निरंतर इस तरह की पहल की जा रही है व इनके जरिये सफलता के सोपान पर आगे बढ़ रहे हैं। इन पहलों के माध्यम से सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी किसानों को लाभ हो, वे सहजता से खेती करें, इन सुविधाओं का यह उद्देश्य है। हमारे किसान ऐसी सभी सुविधाओं द्वारा सशक्त होंगे तो उनका न केवल अपने लिए, बल्कि देश व दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। सरकार उद्देश्यपूर्ण, लक्ष्यपूर्ण व सहकार से समृद्धि के मूल मंत्र के साथ सहकारिता आधारित भारत बनाने के लिए ये काम कर रही है। श्री मुंडा ने कहा कि हम हमारी मृदा के स्वास्थ्य व उपज के माध्यम से लोगों के भी स्वास्थ्य को बेहतर रखने के साथ ही अपने देश तथा दुनिया की भी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए एक नए क्षितिज का निर्माण कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य को बेहतर रखने में कृषि सखी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। 
श्री मुंडा ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सहयोग से स्कूल मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम पर पायलट परियोजना भी शुरू की है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों में मृदा प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं। छात्रों व शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया, जो अपने गांवों व कृषि क्षेत्र के विकास में सहभागी होंगे। केंद्र सरकार के इस अनूठे कार्यक्रम के तहत केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और एकलव्य मॉडल स्कूलों को शामिल किया गया है। ये प्रतिभागी कृषि अनुकूल माहौल बनाने में सफल होंगे और इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें भी व्यवहारिक ज्ञान मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये पहलें देश के किसानों के लिए विराट व प्रमुख हैं। उन्होंने रियल-टाइम मृदा स्वास्थ्य व उर्वरता क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया, ताकि किसान इन पहलों को अपनाकर खेत में मृदा परीक्षण कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें, साथ ही प्राकृतिकता बनी रहें।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कृषि सखियों को “पैरा-एक्सटेंशन वर्कर” के रूप में प्रमाणित करने के लिए संयुक्त पहल के रूप में कृषि सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया कि उनके केंद्र में सत्ता में आने के बाद से मृदा स्वास्थ्य को प्रमुखता से लिया गया है। श्री सिंह ने कहा कि कृषि सखी व ड्रोन दीदी जैसे कार्यक्रम के रूप में एक बड़ी ताकत देश में अच्छा काम करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि जब मृदा व पशुओं का स्वास्थ्य सुधरता है तो मनुष्यों का स्वास्थ्य भी स्वतः सुधऱ जाता है। आज प्रारंभ की गई सुविधाओं के माध्यम से रियल टाइम डेटा भी उपलब्ध हो सकेगा, वहीं कृषि सखी से खेती को फायदा होने के साथ ही समाज में उनकी विश्वनीयता भी बढ़ेगी, साथ ही किसानों में विश्वास बढ़ेगा।
कृषि सचिव मनोज अहूजा, ग्रामीण विकास सचिव शैलेष कुमार सिंह, डेयर के सचिव व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक ने भी विचार रखें। इस मौके पर कृषि सखी नंदबाला व अर्चना माणिक ने अनुभव साझा किए, जिन्हें मंत्रीद्वय ने प्रमाण-पत्र प्रदान किए, साथ ही कृषि सखी आईएनएम ट्रेनिंग माड्यूल का विमोचन भी किया। संयुक्त सचिव योगिता राणा ने नई पहलों के बारे में प्रस्तुति दी। कार्यक्रम से कृषि सखी, स्कूली विद्यार्थी, अध्यापक वर्चुअल जुड़े थे।

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