चाईबासा में हेल्थ सिस्टम डेड चारपाई पर मरीजों को अस्पताल ले जाने को मजबूर हैं ग्रामीण

चाईबासा से सोनू
राज्य की हेमंत सोरेन सरकार स्वास्थ्य जैसी बुनियादी व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने का दंभ भरती है,उसके बावजूद धरातल पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव दिखता है। हम बात कर रहे हैं चाईबासा का जहां आज भी कई गांवों को जोड़ने वाली सड़क आजादी के इतने सालों बाद भी जर्जर हालत में है। जिसके कारण इन गांवों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है। स्थिति यह है कि इन गांवों में कोई अगर बीमार पड़ जाए तो उसे ससमय इलाज कराने के लिए अस्पताल तक ले जाने के लिए गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है। वहीं जिले के सोनुवा प्रखण्ड के रेंगालबेडा़ गांव की भी यही स्थिति है जहां गांव की एक 58 वर्षीय बीमार महिला शुरू पूर्ति को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के लिए जब गांव तक एम्बुलेंस या कोई निजी वाहन नही पहुंच पाया तो बुजुर्ग महिला के परिजनों व ग्रामीणों ने उसे खाट पर लादकर करीब 1 किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक लाया। इसके बाद उसे एक निजी वाहन से सोनुवा अस्पताल लाया गया जहां सोनुआ अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए उसे चाईबासा रेफर कर दिया गया। फिलहाल बुजुर्ग महिला का इलाज सदर अस्पताल चाईबासा में चल रहा है। उधर वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बड़े बड़े वादे तो करते हैं मगर चाईबासा में जमीनी हकीकत कुछ और ही बयाँ कर रही है।

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